Narnaul : सरकारी समर्थन मूल्य में बाजरा गेहूं से महंगा, मंडियों में बिक रहा औने-पौने दाम

Narnaul : सरकारी समर्थन मूल्य में बाजरा गेहूं से महंगा, मंडियों में बिक रहा औने-पौने दाम
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  • नारनौल अनाज मंडी में सोमवार से हो चुकी है बाजरे की आवक शुरू
  • 50 क्विंटल से शुरू हुई आवक चौथे दिन ही हुई 500 क्विंटल पार, सरकारी खरीद का इंतजार

Narnaul : सरकारी समर्थन मूल्य में बाजरे ने गेहूं को पीछे छोड़ दिया। गत वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान गेहूं का सरकारी समर्थन मूल्य जहां मात्र 2125 रुपए था, वहीं इस बार बाजरे का सरकार ने समर्थन मूल्य पूरे 2500 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। हालांकि इस रेट में फिलहाल सरकारी खरीद चालू नहीं हुई है और न ही इसका खरीद शेड्यूल प्रदेश सरकार द्वारा जारी किया गया है, जिस कारण किसान मंडियों में बाजरा औने-पौने दामों में व्यापारियों के हाथों बेच रहे हैं। सरकारी समर्थन मूल्य की तुलना में करीब 600-700 रुपए प्रति क्विंटल का फिलहाल किसान नुकसान खा रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि खरीफ फसल के दौरान इलाके में मुख्य तौर पर बाजरा, ग्वार एवं कपास की फसलें ली जाती है। बरसात पर निर्भर होने एवं कम लागत की फसल होने के चलते बाजरे की फसल सर्वाधिक ली जाती है। खरीफ की फसलें पशु आहार उपयोगी मानी जाती हैं। इस बार सरकार बाजरे का मोटा अनाज के रूप में लोगों के खाने में उपयोगी बताकर इसका प्रचार-प्रसार कर रही है तथा सेहत के लिए गेहूं की तुलना में बाजरे को ज्यादा पौष्टिक एवं गुणवत्तायुक्त बताया जा रहा है। वैसे भी बरसात आधारित फसल होने के चलते किसान बाजरा बोने उपरांत उसकी केवल एक बार निराई-गुड़ाई करते हैं, उसके बाद भूल जाते हैं और सीधे लावणी करने ही खेतों में जाते हैं।

इस कारण यह कम मेहनत एवं कम लागत की बेहतरीन फसल मानी मानी जाती है। इस बार जिले के किसानों ने लगभग 2.70 लाख एकड़ में बाजरे की बिजाई की हुई है। हालांकि बीच में बाजरे में कीड़ा लगने पर उसे नुकसान पहुंचने की खबर थी, लेकिन अगस्त माह में बरसात नहीं होने पर बढ़े तापमान से वह कीड़ा स्वत: ही नष्ट हो गया, जिससे बाजरे की फसल चौपट होने से बच गई। इसी कारण जिन किसानों ने अगेता बाजरा बोया हुआ था, उन किसानों ने कटाई करने उपरांत उसे निकाल लिया और मंडी में बाजरे की जोरदार आवक अभी से शुरू हो गई है।

मंडी में आवक की स्थिति

नारनौल मंडी में बाजरे की सोमवार को 50 क्विंटल, मंगलवार को 197 क्विंटल, बुधवार को 290 तथा वीरवार को 580 क्विंटल आवक हुई है। बाजरा सोमवार को जहां 1920-30 रुपए प्रति क्विंटल व्यापारियों ने खरीदा । वहीं मंगलवार को 1850-1900, बुध को 1800-1882 रुपये प्रति क्विंटल खरीदा गया। जबकि सरकार ने इस बार बाजरे का सरकारी समर्थन मूल्य पूरे 2500 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया हुआ है। इस प्रकार किसानों को वर्तमान में 600-700 रुपए प्रति क्विंटल की दर से नुकसान हो रहा है।

बाजरा गेहूं से भी महंगा

इलाके में बाजरा एवं गेहूं आम फसलें हैं। इन फसलों में बाजरा सस्ता तो गेहूं महंगा बिकता रहा है, लेकिन अबकी बार बाजरे का सरकार ने सरकारी समर्थन मूल्य 2500 रुपए प्रति क्विंटल घोषित कर दिया है, जबकि गेहूं अभी महज 2125 रुपए सरकारी समर्थन मूल्य पर अटका हुआ है। हालांकि बाजार में यह स्थिति एक उलट है। इन दिनों बाजरा जहां 1800 तो गेहूं 2700-2800 रुपए प्रति क्विंटल में बिक रहा है। बाजरे का दाम बढ़ने के बावजूद इसका लाभ किसानों को नहीं मिल रहा।

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