Narnaul : माइंस संचालकों ने बिना एनओसी अरावली जोन में करवाया रास्तों का निर्माण

Narnaul : माइंस संचालकों ने बिना एनओसी अरावली जोन में करवाया रास्तों का निर्माण
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  • फोरेस्ट विभाग ने एक रास्ता बंद कर रोकी अवैध कार्रवाई
  • ग्रामीणों ने उपायुक्त से जांच करवाने व अवैध रास्तों को बंद करने की लगाई गुहार

Narnaul : बखरीजा माइंस जोन में संचालकों ने बिना एनओसी लिए अरावली क्षेत्र में आठ-दस रास्तों का निर्माण करवा लिया। शिकायत मिलने पर फोरेस्ट विभाग ने सिर्फ एक रास्ते को रोका है। अन्य मार्गाें पर डंपर चालक पेड़-पौधों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। भेदभाव वाली कार्रवाई की सूचना मिलने पर ग्रामीण आक्रोशित हैं। उन्होंने उपायुक्त से विभागीय कार्रवाई की जांच करवाने तथा सभी अवैध रास्तों को तुरंत बंद कराने की गुहार लगाई।

ग्रामीणों ने बताया कि सरकार के निर्देशों पर प्रशासन ने बखरीजा के पहाड़ को खनन के लिए लीज पर छोड़ा है। लीज अलॉट करने से पहले खदान होल्डरों को अरावली व पंचायती रकबे पर नुकसान नहीं करने की हिदायत दी थी। साथ ही हर साल पौधरोपण, नजदीकी गांवों में स्वास्थ्य चेकअप कैंप व अन्य सुविधाएं मुहैया करवाने के निर्देश है, लेकिन माइंस संचालकों ने चार्ज संभालते ही विभागीय नियमों को तोड़ना आरंभ कर दिया। निजी फायदे के लिए अरावली जोन में आठ/दस रास्तों का निर्माण करवा लिया। इस दौरान सैकड़ों हरे पेड़ों को उजाड़ दिया तथा जमीन को उबड़-खाबड़ कर दिया। डंपरों की डस्ट से ग्रामीणों का स्वास्थ्य प्रभावित होने लगा है।

आक्रोशित लोगों ने अरावली जोन के सभी अवैध रास्तों को बंद कराने की गुहार लगाई थी, लेकिन विभागीय टीम ने सिर्फ खदान-तीन के एक रास्ते को बंद किया है। बाकी सभी खदानों के अवैध रास्ते यथावत छोड़कर विभाग ने अपनी कार्रवाई को संपूर्ण कर दिया। इन रास्तों से रोजाना सैकड़ों डंपर आवागमन करते हैं जिनकी डस्ट से लोगों को सिलिकोसिस व टीबी जैसी गंभीर बीमारी पनपने का खतरा सताने लगा है। ग्रामीणों ने विभागीय अधिकारियों पर माइंस संचालकों के साथ मिलीभगति का आरोप लगाया है। जिस कारण ग्रामीणों के स्वास्थ्य तथा हरियाली को नुकसान हो रहा है।

डीएफओ के निर्देशों पर एक रास्ते को किया बंद, अन्य रास्तों की नहीं जानकारी

विभाग के रेंज अधिकारी जयभगवान ने बताया कि जिला फोरेस्ट अधिकारी ने बखरीजा माइंस पर एक रास्ते को बंद करने के निर्देश दिए थे, जो अरावली जोन में अवैध रूप से बनाया गया था। अन्य रास्ते अरावली जोन में होने की जानकारी नहीं। यदि और रास्ते भी अरावली क्षेत्र में होने की शिकायत मिलती है तो पैमाइश करवाकर कार्रवाई की जाएगी।

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