Narnaul News : नालों की सफाई पर उठ रहे सवाल, डीसी ने बैठाई जांच

Narnaul News : बरसात से पहले शहर के बरसाती पानी की निकासी के लिए करीब 55 नालों की सफाई और मेंटीनेंस के लिए 40 लाख रुपये में छोड़े गए टेंडर पर उठे सवालों के बीच डीसी मोनिका गुप्ता ने संज्ञान लेते हुए मामले में जांच बैठा दी है। जांच बैठाने की पुष्टि करते हुए डीसी मोनिका गुप्ता ने बताया कि यह जांच नारनौल के एसडीम मनोज कुमार को सौंपी गई है।
जानकारी के मुताबिक नगर परिषद के तहत आने वाले सभी 31 वाडोंर् में करीब 55 नालों की सफाई और मेंटेनेंस के लिए नगर परिषद ने आठ जून 2023 को दो टेंडर छोड़े थे। पहला टेंडर एक से 15 वार्ड तक और दूसरा टेंडर 16 से 31 वार्ड का छोड़ा था। यह दोनों ही टेंडर एक ही फर्म दी नारनौल सवार्ेदय कोऑपरेटिव एल एंड सी सोसायटी लिमिटेड के नाम छोड़े गए। इस फर्म ने दो टेंडर साढ़े 17 परसेंट माइनस में लिए थे। आठ जून 2023 को नगर परिषद के अधिकारियों द्वारा फर्म को लिखे गए पत्र में स्पष्ट लिखा है कि इस तारीख को जारी वर्क आर्डर के एक माह के अंदर -अंदर फर्म को सभी नालों की सफाई और मेंटेनेंस करनी होगी। तय सीमा में काम करने में फेल रहने में जुर्माना किया जाएगा। टेंडर छोड़ने के बाद जब टेंडर लेने वाली फर्म ने काम शुरू करना था तो ना केवल नगर परिषद के कई पार्षदों बल्कि आम जनता ने भी नालों की सफाई व मेंटेनेंस पर सवाल खड़े कर दिए थे।
पार्षदों ने खुद खड़े किए सवाल
शहरी क्षेत्र में पहली बार शामिल हुए गांव नीरपुर और गांव ढाणी किरारोद के अधीन जिन नालों के नाम 55 नालों की लिस्ट में दिखाया तो वहां के पार्षद व ग्रामीणों ने ही सवाल खड़ा किया था। उनका कहना था कि टेंडर सूची में जो नाले दर्शाए गए हैं, वहां पहली बात उनके गांव में वहां नाले ही नहीं है। इसी तरह के मामले शहर के अलग-अलग हिस्सों में भी लोगों ने उठाएं। लोगों का कहना था कि उनके मोहल्ले और एरिया में भी अभी तक उन नालों की सफाई नहीं हुई है जो 40 लाख के टेंडर में शामिल किए गए हैं। मोहल्ला सलामपुरा की बात करें तो स्टेडियम से शिव मंदिर तक एक बड़ा नाला भी लिस्ट में शामिल है, उसकी सफाई तो आज शुक्रवार तक भी नहीं हुई है। इसी तरह महावीर चौक से नरूला होटल बस स्टैंड तक और रोडवेज वर्कशॉप से रेवाड़ी रोड तक का सफाई कार्य भी अभी तक छेड़ा नहीं गया है।
दुकानदारों ने भी की थी शिकायत
यहां महावीर चौक के दुकानदार संजय मान एडवोकेट सहित अनेक दुकानदारों ने एक लिखित पत्र नगर परिषद की चेयरपर्सन और अधिकारियों को सौंपा था। पत्र के मुताबिक महावीर चौक से रेस्ट हाउस और इसके आसपास नालों की सफाई के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। दुकानदारों ने मौके की वीडियो, फोटो भी मीडिया ग्रुप में अपलोड की थी। इस सब के बावजूद भी नगर की परिषद के अधिकारियों ने ठेकेदार के प्रति कोई संज्ञान नहीं लिया गया। पार्क रोड पर नाले की सफाई करने के बाद नाले से निकाली गई कीचड़ दो-तीन दिन तक नहीं उठाई गई, उसके बाद बरसात आने पर वो कीचड़ वापस उसी नाले में चली गई। दुकानदारों का कई दिन व्यापार ठप रहा। इसकी शिकायत भी वहां के दुकानदारों ने की थी। यह सब मामला डीसी मोनिका गुप्ता के पास पहुंचा तो उन्होंने संज्ञान लेते हुए इसकी जांच बैठाई है। डीसी ने बताया कि नालों की सफाई और मेंटेनेंस के बारे में जांच एसडीएम मनोज कुमार को सौंपी गई है। रिपोर्ट आने के बाद ही इस मामले में आगामी कार्रवाई की जाएगी।
क्या कहते है एसडीएम
इस मामले में जांच अधिकारी एसडीएम मनोज कुमार से बातचीत की गई उन्होंने पुष्टि करते हुए कहा कि जांच करने का पत्र उपायुक्त की ओर से मिला है। जिसमें शहर के नालों की सफाई व मेंटेनेंस के 40 लाख के टेंडर की जांच के निर्देश मिले हैं। उन्होंने अपनी जांच शुरू कर दी है। नगर परिषद के अधिकारियों को कल वीरवार को इस मामले में बुलाया गया था, लेकिन संबंधित अधिकारी बाहर होने के कारण नहीं आ सके। नाले की सफाई की जांच से संबंधित सारा रिकॉर्ड नगर परिषद के अधिकारी से मांग लिया गया है। मामले की जांच के बाद उच्च अधिकारी को रिपोर्ट भेजी जाएगी।
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