Narnaul : अधिकारी व प्रतिनिधियों की पकड़ कमजोर, 34 कॉलोनियों को करना होगा लंबा इंतजार

नारनौल। इसे नगर परिषद के अधिकारी व प्रतिनिधियों की पकड़ कमजोर कहें या फिर अवैध कॉलोनियों में रहने वाले लोगों की किस्मत कहे। साल 2019 में नारनौल शहर की 25 अवैध कॉलोनियों को वैध करने का प्रस्ताव प्रदेश सरकार के पास भेजा। उनमें से महज चार ही कॉलोनियों को वैध की श्रेणी में रखा गया। बाकी 21 कॉलोनियों अवैध करार दी गई। तीन साल के छोटे से अंतराल में इन अवैध कॉलोनियों की संख्या 21 से बढ़कर 34 हो गई। यह हम नहीं कह रहे, नगर परिषद ने 14 फरवरी 2022 में जो सर्वे कर प्रदेश सरकार के पास रिपोर्ट भेजी, उसमें 34 अवैध कॉलोनियों को वैध करने का प्रस्ताव भेजा था। हैरानी की बात है कि 34 में से एक भी कॉलोनी नियम पर खरी नहीं उतरी। प्रदेश के 22 में से 16 जिलों में ही कई कॉलोनियों को वैध की श्रेणी में रखा गया। बाकी छह ऐसे जिले रहे, जिनमें से एक भी कॉलोनी को एप्रूव्ड नहीं किया। इन छह जिला में नारनौल शहर ही नहीं पूरा महेंद्रगढ़ जिला भी शामिल रहा है।
जानकारी के मुताबिक नगर परिषद ने चार साल पहले 2019 में 25 अवैध कॉलोनियों को वैध करने के लिए सर्वे करवा और रिपोर्ट शहरी नगर निकाय विभाग को भेजी। जब सरकार ने इस रिपोर्ट पर मंथन किया तो उन्हें ऐसी चार कालोनियों ही नजर आई, जिन्हें नियमित की श्रेणी में रखा गया। शेष 21 अवैध कॉलोनियां नियमों पर खरा नहीं उतरी। इस दौरान कोविड काल और फिर चुनावी गतिविधियों होने की वजह से तीन साल लिस्ट नहीं भेजी गई। बीते साल 2022 में नगर परिषद प्रशासन ने शहरी क्षेत्र में गुगल मैप के माध्यम से दो माह सर्वे करवाया और रिपोर्ट तैयारी की। इसमें 34 अवैध कॉलोनियों को नियमित करने का प्रस्ताव तैयार कर शहरी नगर निकाय विभाग के पास भेजा गया। इस प्रस्ताव में पुरानी मंडी कॉलोनी, ममता कॉलोनी, बाबा खेतानाथ कॉलोनी, दीवान कॉलोनी, केशव नगर एक्सटेंशन, कुलताजपुर रोड, दयानगर एक्सटेंशन, जलमहल कॉलोनी, विक्रांत कॉलोनी, मालीटिब्बा एक्सटेंशन, गणेश कॉलोनी, यूरेका कॉलोनी, परशुराम एक्सटेंशन, राधा कॉलोनी, कीड कॉलोनी, रामकरणदास एक्सटेंशन, सरस्वती कॉलोनी, शादीराम कॉलोनी, सनसाई कॉलोनी, हीरानगर कॉलोनी, वक्फ कॉलोनी, कैलाशनगर एक्सटेंशन, रामनगर, हरिनगर, अमृतधारा, नीलकंठ, एंप्लाई कॉलोनी एक्सटेंशन, आरकेपुरम, सुभाषनगर, सुभाषनगर एक्सटेंशन, अग्रसेन एक्सटेंशन, शीला कॉलोनी, रघुनाथपुरा कॉलोनी और एनवीसीसी कॉलोनी शामिल थी। जब रिपोर्ट भेजी गई तो इन कॉलोनियों में रहने वाले लोगों में आस जगी थी कि नियमित की श्रेणी में उनकी कॉलोनी आती है तो आसानी से जनहित से जुड़ी सुविधाएं बिजली, पानी, सड़क व सीवरेज व्यवस्था उन्हें आसानी से उपलब्ध होगी। अब जब परिणाम सामने आया तो उनकी यह आस भी टूट गई। हालांकि प्रदेश के मुखिया ने यह आश्वासन जरूर दिया है कि अभी पूरे प्रदेश में 1856 कॉलोनियों को वैध करने के प्रस्ताव उनके पास आए है। इनमें में कितने नियमों पर खरी उतरती है, यह भविष्य के गर्भ में है।
अवैध को वैध कॉलोनी करने के नियम
शहरी निकाय विभाग के मुताबिक उस कॉलोनी के 50 फीसदी हिस्से में रिहायशी मकानों का निर्माण होना चाहिए। वहां की सड़क नियम के मुताबिक 22 फिट कम से कम चौड़ी होनी चाहिए। वहां कम्यूनिटी हॉल, वाटर टैंक और पार्क जैसी सुविधा मुहैया करवाने की व्यवस्था हो। घरेलू की अलग व व्यवसायिक भवन की अलग व्यवस्था हो।
पार्षद संग सरकार के समक्ष रखेगी मांग : चेयरपर्सन
नगर परिषद की चेयरपर्सन कमलेश सैनी भी हैरान है कि नारनौल से भेजी गई 34 में से एक भी कॉलोनी को नियमित करने की घोषणा नहीं हुई। इसके पीछे सही क्या कारण रहे, यह समाने की जरूरत है। इसी लिए वह जल्द पार्षदों के संग मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री से मिलेगी और शहरहित में मजबूती से अपना पक्ष रखेगी।
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