Priyanshu murder case: आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने से परेशान परिजन, माता-पिता ने दी आत्मदाह की चेतावनी

नारनौल के हुडा सेक्टर एक की पीठ के साथ लगती नहर कॉलोनी में कर्णसिंह अस्पताल के समीप रह रहे प्रियांशु के माता-पिता एवं परिजनों में हत्या के मामले में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं होने से गहरा रोष पनपा हुआ है तथा उन्होंने कार्रवाई नहीं होने पर आत्मदाह की चेतावनी दी है। प्रियांशु की माता गीता एवं पिता समुंद्र सिंह ने पुलिस कार्यप्रणाली पर गंभीर लापरवाही एवं सांठगांठ के आरोप लगाए हैं। उन्होंने अपने मकान पर एकत्रित हुए लोगों के बीच कहा कि करीब 12 वर्षीय प्रियांश की हत्या को लगभग 23 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब तक पुलिस ने इस मामले में न तो किसी से कोई पूछताछ की है और न ही किसी को गिरफ्तार किया है, जबकि सभी आरोपित खुलेआम घूम रहे हैं। यदि पुलिस ने शीघ्र ही कड़ी कार्रवाई नहीं की तो हम दंपत्ति मिलकर आत्मदाह कर लेंगे और इसकी सारी जिम्मेवारी पुलिस प्रशासन की होगी।
गीता एवं समुंद्र सिंह ने संयुक्त रूप से आरोप लगाया कि गत 19 दिसंबर को उनके 12 वर्षीय बेटे प्रियांशु की षड्यंत्र के तहत आसपास रहने वाले लोगों ने मिट्टी में दबाकर हत्या कर दी थी। प्रियांशु सातवीं कक्षा का छात्र था और वह नसीबपुर के एक निजी स्कूल में पढ़ता था। 19 दिसंबर को सुबह पिता समुंद्र सिंह बावल प्राइवेट कंपनी में नौकरी करने एवं गीता अपनी बीमार मां से मिलने रेवाड़ी चले गए थे। तब उन्होंने अपने बेटे से मोबाइल फोन पर बातचीत भी की, लेकिन दोपहर बाद सूचना मिली की उनके बेटे की मिट्टी में दबने से मौत हो गई है। तब वह सीधे नागरिक अस्पताल चले गए थे, लेकिन जब घर आकर देखा तो जिस मिट्टी में दबने की बात बताई गई, वहां खाली प्लाट में बालू मिट्टी डलवाई हुई थी और उस बालू मिट्टी के ऊपरी हिस्से में में महज एक-डेढ़ फुट का गड्ढा बना हुआ था।
उन्होंने बताया कि मौका देखने उपरांत उन्होंने सिटी पुलिस को शिकायत दी, जिस पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तब दो साथी लड़कों एवं तीन अन्य खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया था, लेकिन तब से लेकर अब तक पुलिस ने किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया है। जबकि उस घटना को अब तक लगभग 23 दिन बीत चुके हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि आसपास के लोग उनसे जातिगत घृणा करते थे और इसी कारण उसके बेटे को उनके पीछे से जान से मारा गया है। डॉक्टरों का भी मानना है कि बच्चे की पीठ पर वजन डालने एवं मुंह मिट्टी में फंसा रहने से यह मौत हुई है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी इसे हत्या माना गया है। इस मामले में वह सिटी एसएचओ से लेकर एसपी तक से मिल चुके हैं, लेकिन हर बार कार्रवाई करने की बात कहकर उन्हें टरका दिया जाता है, जबकि आरोपित लोगों में से किसी को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा और न ही किसी से पूछताछ की जा रही है। उन्होंने आक्रोश भरे शब्दों में पुलिस प्रशासन को जल्द कार्रवाई नहीं करने पर आत्मदाह की चेतावनी दी और कहा कि वह अपने बेटे के लिए न्याय की मांग के लिए दर-दर भटक रहे हैं, लेकिन पुलिस आरोपियों से साज बाज हो गई है और कोई कार्रवाई नहीं कर रही। उन्होंने मामले की जांच कर रहे आईओ पर उलटा उन्हें ही धमकाने तथा जांच में रिपोर्ट बदल देने की धमकी देने का भी आरोप लगाया है।
इतने छोटे से गड्ढे में नहीं हो सकती मौत
दंपत्ति ने बताया कि उसका बेटा प्रियांशु बड़ा बहादुर एवं हट्टा-कट्टा था तथा उसकी इतने छोटे से गड्ढे में दबने से मौत नहीं हो सकती, जबकि उसे जान-बूझ कर मिट्टी में दबाकर मारा गया है। उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों का कहना है कि बच्चे के शरीर पर भारी दबाव बना और वह सांस नहीं ले पाया। दम घुटने पर उसके मुंह व नाक में मिट्टी चली गई, जिससे उसकी मौत हो गई। डॉक्टरों ने उसके दिमाग की नस भी फटना तथा मौत के बाद पैर में चोट लगी होना भी बताया है। इस मामले में पुलिस ने प्रियांशु के हमउम्र दो दोस्तों के साथ-साथ उनके परिजनों, कृषक लाला, नरेश संघी व मिट्टी डालने वाले ठेकेदार पर केस रजिस्टर किया हुआ है।
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