नारनौल : डोर-टू-डोर कचरा उठाने व सफाई व्यवस्था की मॉनिटरिंग करने के लिए आरएफआईडी तकनीक होगी लागू

- टेंडर ओपन, एक सप्ताह में मिलेगा वर्क ऑर्डर
- वर्क ऑर्डर के बाद एक माह में सैटअप होगा तैयार, चिन्हित जगह पर लगेंगे टैग
- शहर में रोजाना निकलता है 45 मीट्रिक टन कचरा, 4.22 करोड़ की मिली अप्रूव्ल
नारनौल। अच्छी खबर है। शहर में सफाई व्यवस्था में सुधार लाने के लिए छह माह पहले तैयार की गई आरएफआईडी तकनीक की योजना सिरे चढ़ गई है। डोर-टू-डोर कचरा उठाने और सफाई व्यवस्था की मॉनिटरिंग करने के लिए नप प्रशासन आरएफआईडी (रेडियो फ्रिक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन) तकनीक का इस्तेमाल करेगी। इसका टेंडर जारी हो गया है।
टेंडर अप्रूव्ल का पत्र नगर परिषद में आ भी गया है। अब एक सप्ताह में एजेंसी को वर्क अलार्ट होने की संभावना है। इसके बाद करीब एक माह एजेंसी शहर में चिन्हित जगह पर आरएफआईडी टैग लगाने का कार्य शुरू कर देगी। इसके जरिये कचरा एकत्र करने वाले वाहनों पर आसानी से निगरानी रखी जा सकेगी। अब लोग भी यह आरोप नहीं लगा सकेंगे कि उनके मोहल्ला-कॉलोनी में घरों से कचरा उठाने वाला वाहन नहीं पहुंच रहा है। इस तकनीक के तहत एक साल काम करने का 4.22 करोड़ का एस्टीमेट तैयार बना था।
मकानों के आगे लगाए जाएंगे टैग
तकनीक के हिसाब से शहर में मकानों के आगे आरएफआईडी टैग लगाए जाएंगे। ये टैग सभी मकानों पर लगाने की बजाय कुछ मकानों को छोड़कर लगाए जाएंगे। कचरा उठाने वाली गाड़ी पर इससे संबंधित एक स्कैनर लगाया जाएगा। गाड़ी जिस भी मकान के सामने से गुजरेगी तो उसकी लाइव लोकेशन उसमें फीड हो जाएगी। जिस मकान के सामने गाड़ी रूकेगी तो उसका पता कंपनी के अधिकारियों को रहेगा। अगर किसी जगह से शिकायत आती है तो तुरंत डाटा जांच करके उस शिकायत की हकीकत का पता किया जा सकेगा।
- इस समय सफाई व्यवस्था का यह है सिस्टम : नगर परिषद के अधीन अभी तक 28 पक्के व 180 कच्चे सफाई कर्मी और हाल ही में गांव से जुड़े अनुबंध आधारित चार सफाई कर्मी लगाए गए है। संसाधनों की बात करें तो 21 टैम्पो, छह ट्रेक्टर-ट्राली, एक जेसीबी मशीन, एक लोडर मशीन, एक लिफ्टर मशीन व एक सिटिंग मशीन है। अनुमानित 45 से 55 लाख रुपये का मासिक वेतन सफाई व्यवस्था से जुड़े कर्मियों को दिया जा रहा है।
- शहरी की स्थिति यूं समझें : नारनौल शहर में पहले 25 वार्ड थे। अब इनकी संख्या बढ़कर 31 हो गई है। शहर के ईद-गिर्द के गांव नीरपुर, नूनी अव्वल, शेखपुरा, नसीबपुर, ढाणी किरारोद अफगान, मांदी, कोजिंदा व पटीकरा को शामिल कर लिया गया है। इस कारण अब सफाई व्यवस्था बेहतर करने के लिए सफाई कर्मचारी व संसाधनों की जरूरत भी बढ़ गई है।
क्या कहते है अधिकारी
नगर परिषद के एक्सईएन अंकित वशिष्ठ ने बताया कि शहर में रोजाना करीब 47 मीट्रिक टन कचरा निकलता है। डोर-टू-डोर कचरा उठाने के काम को पारदर्शी बनाने के लिए नगर परिषद आरएफआईडी तकनीक होगा। एक साल के लिए 4.22 करोड़ के एस्टीमेट की अप्रूव्ल मिली थी। इसके बाद टेंडर अलार्ट हो चुका है। इस संबंध में गुरुवार को पत्र मिल चुका है। एक सप्ताह में एजेंसी को वर्क अलार्ट कर दिया जाएगा। इसके बाद एजेंसी शहर में जगह चिन्हित कर आरएफआईडी टैग लगाने का कार्य करेगी।
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