राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के आदेश : ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी को देने होंगे 7 करोड़

राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के आदेश : ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी को देने होंगे 7 करोड़
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राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग यानि एनसीडीआरसी ने 2013 में एक गोदाम में आग लगने के कारण हुए नुकसान के लिए ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी को पानीपत स्थित पीड़ित कंपनी को लगभग 7 करोड़ रुपए का भुगतान करने का निर्देश दिए।

Panipat : राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग यानि एनसीडीआरसी ने 2013 में एक गोदाम में आग लगने के कारण हुए नुकसान के लिए ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी को पानीपत स्थित पीड़ित कंपनी को लगभग 7 करोड़ रुपए का भुगतान करने का निर्देश दिए। वहीं, बीमाकर्ता के इस तर्क को खारिज कर दिया कि कंपनी ने नुकसान के दावे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया था।

एनसीडीआरसी के पीठासीन सदस्य सुभाष चंद्रा ने कहा कि एक फर्जी दावे की पुष्टि ठोस सबूतों से की जानी चाहिए, जिसके बिना यह केवल अटकलबाजी है। आयोग ने सर्वेक्षक की रिपोर्ट प्रस्तुत करने में दो साल की देरी को भी चिंहित किया। आयोग ने माना कि कानून के अनुसार, बीमाकर्ता सर्वेक्षक की रिपोर्ट के 30 दिनों के भीतर दावे को स्वीकार या अस्वीकार करने के लिए बाध्य है। हालांकि, इस मामले में अस्पष्ट 8 महीने की देरी हुई, जिसके बाद बीमा कंपनी ने दावा खारिज कर दिया। आयोग के अनुसार, यह किसी ठोस तर्क पर आधारित नहीं था। आयोग ने 6.97 करोड़ रुपए पर बीमा कंपनी को 6 प्रतिशत ब्याज और 50 हजार रुपए की कानूनी लागत का भुगतान करने का भी निर्देश दिया।

स्वर्ण मोटर्स के गोदाम में लगी थी आग

स्वर्ण मोटर्स के कार्यालय-सह-गोदाम में आग लगने के बाद, उसने ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी से 6.97 करोड़ रुपए का दावा दायर किया। बीमा कंपनी द्वारा नियुक्त सर्वेक्षक अतुल कपूर ने 2015 में एक रिपोर्ट प्रस्तुत की। जिसमें स्वर्ण मोटर्स को 48.8 लाख रुपए का शुद्ध घाटा बताया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि स्टॉक रजिस्टर सहित दस्तावेजों का रख-रखाव नहीं किया गया था।

सर्वेक्षक की रिपोर्ट के बाद कंपनी ने दावे को बताया विफल

स्वर्ण मोटर्स के मालिक ने बताया कि वह स्टॉक से संबंधित अधिकांश दस्तावेज उपलब्ध कराने में असमर्थ है, क्योंकि वे आग में जल गए हैं। सर्वेक्षक ने निष्कर्ष निकाला कि फर्म अपनी दावा राशि को प्रमाणित करने में असमर्थ थी। सर्वेक्षक की रिपोर्ट के बाद, बीमा एजेंसी ओरिएंटल ने कहा कि दावेदार रुपए के दावे को साबित करने के लिए आवश्यक सबूत स्थापित करने और प्रदान करने में विफल रहा है।

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