नवीन जयहिंद का सरकार पर हमला : खट्टर साहब पारदर्शिता- पारदर्शिता चिल्लाते रहे और पर्दे के पीछे बिक रही नौकरियां

विजिलेंस द्वारा एचसीएस ऑफिसर अनिल नागर के पास 2.10 करोड़ रुपये सीज करने व पेपर लीक मामले पर नवीन जयहिन्द ने कहा कि हमने सबसे पहले 2016 में एचएसएससी के पूर्व चेयरमैन भारत भूषण भारती की नियुक्ति पर सवाल खड़े किए थे व 2018 में हरियाणा में लगातार हो रहे पेपर लीक मामलों पर पूर्व चेयरमैन की भूमिका पर सवाल खड़े किए थे। नवीन जयहिंद ने जारी बयान में कहा कि आज जिस गिरोह पर नकेल कसी जा रही है उसके बारे में हम 2018 में ही सवाल खड़े कर चुके थे, लेकिन उस वक्त सरकार के कानों पर जूं तक नही रेंगी थी। सीएम साहब पारदर्शिता- पारदर्शिता चिल्लाते रहे और पर्दे के पीछे नौकरियों की मंडी चलती रही। अब तक सरकार एक भी आरोपी को सजा नहीं दिला सकी है।
जयहिन्द ने सरकार से सवाल करते हुए कहा कि कांग्रेस राज में तो नौकरियां खर्ची –पर्ची से मिलती थी, अब क्या सूटकेस से मिलती है ? जयहिंद ने सरकार पर आरोप लगते हुए कहा कि आज से नहीं सरकार ने शुरू से ही युवाओं को धोखा दिया है। एचएसएससी के पूर्व चैयरमैन भारत भूषण भारती की रिश्वत के लेन- देन से सम्बंधित फोन रिकॉर्डिंग खुलेआम सोशल मीडिया में वायरल हो जाने के बाद भी सरकार ने विधानसभा में सदन को जांच का आश्वासन देकर मामले को दबा दिया था।
जयहिन्द ने कहा कि दसवीं की परीक्षा से लेकर जज तक की भर्ती के प्रश्नपत्र लीक होते रहे हैं। सरकार ने मुद्दे को कभी गम्भीरता से नहीं लिया। जब कभी ज्यादा दबाव आया तो एसआईटी जांच का शिगूफा छोड़कर लीपापोती कर दी गई। ना कभी दोषी पकड़े गए ना कभी न्यायालय के समक्ष सबूत रखे गए। परिणाम ये हुआ कि दलाल अपना खेल खेलते रहे और एचएसएससी को 'क्लीन चिट' मिलती गई। सरकार बताएं कि कांग्रेस राज हुई भर्तियों में हुए घोटालों में अब तक कितनों को गिरफ्तार किया गया व् उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई ? साथ ही बताएं कि मौजूदा सरकार में हुए पेपर लीक मामलों में क्या कार्यवाही की जा रही है व पेपर लीक होने से रोकने के लिए सरकार क्या ठोस कदम उठा रही है। हमारी मांग है कि इस ममाले की जाँच हाईकोर्ट के सिटिंग जज से कराई जाए व आयोग को भंग करने की सिफारिश की जाए।
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