Subhas Chandra Bose Jayanti : Cm Khattar ने नेताजी की मूर्ति का अनावरण किया

Subhas Chandra Bose Jayanti : Cm Khattar ने नेताजी की मूर्ति का अनावरण किया
X
भारी बारिश के बावजूद पराक्रम दिवस का समारोह बड़े धूम-धाम से आयोजित हुआ। मुख्यमंत्री ने युवाओं का आह्वान किया कि वे नेताजी के आदर्शों और बलिदान से प्रेरणा लेते हुए देश की सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित करें।

पराक्रम दिवस (Parakram Diwas) पर नेताजी की 125वीं जयंती पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Cm Manohar Lal) ने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस (Netaji Subhas Chandra Bose) की मूर्ति का अनावरण कर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने युवाओं का आह्वान किया कि वे नेताजी के आदर्शों और बलिदान से प्रेरणा लेते हुए देश की सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित करें। उन्होंने कहा कि आज का अवसर हमें हमारे देश के आजादी के समय को याद करने का सुनहरा अवसर प्रदान करता है, जब नेताजी और कई अन्य शहीदों ने देश की आजादी के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया था।

भारी बारिश के बावजूद पराक्रम दिवस का समारोह बड़े धूम-धाम से आयोजित हुआ। इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञानचंद गुप्ता, विकास एवं पंचायत मंत्री श्री देवेंद्र सिंह बबली, विधानसभा उपाध्यक्ष श्री रणबीर गंगवा, बिहार विधानसभा के अध्यक्ष श्री विजय कुमार सिन्हा, अंबाला से सांसद श्री रतन लाल कटारिया और पंचकूला के मेयर कुलभूषण गोयल भी मौजूद रहे। इसी तरह के कार्यक्रम पूरे हरियाणा में 75 अलग-अलग जगहों पर आयोजित किए जा रहे हैं।

इस अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस एक अद्वितीय नेता थे, जिन्होंने आजाद हिंद फौज का नेतृत्व करके न केवल भारत की धरती पर बल्कि पूरे विश्व में आजादी की मशाल जलाई थी। भारत माता के लिए अपने अद्वितीय संघर्ष के लिए नेताजी को याद करते हुए उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के उस महान युग में, जब देश ब्रिटिश शासन के चंगुल से मुक्त होने के लिए संघर्ष कर रहा था, नेताजी ने अपनी आज़ाद हिंद फौज के 50,000 बहादुर जवानों के साथ विदेशी शासन की नींव हिला कर रख दी थी और अंग्रेजों को भारत छोडऩा पड़ा था।

मनोहर लाल ने कहा कि आजाद हिंद फौज और यहां तक कि आजाद हिंद सरकार (शैडो सरकार) का गठन स्वतंत्रता प्राप्त करने के प्रति नेता जी के उत्साह और प्रतिबद्धता को दर्शाता है। नेताजी का भाषण जो उस समय रेडियो पर प्रसारित होता था, विशेष रूप से वह नारा 'तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा' ने निश्चित रूप से युवाओं में देशभक्ति व अदम्य साहस पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक क्रांतिकारी नेता होने के साथ-साथ नेजाजी सुभाष चंद्र बोस संवेदनशील व्यक्तित्व के भी धनी थे। नेताजी के स्कूल के किस्से को याद करते हुएमनोहर लाल ने कहा कि नेताजी के स्कूल के गेट के बाहर एक भिखारन खड़ी होती थी, जिसके साथ नेताजी अपना आधा भोजन साझा करते थे। उनका यह कार्य निश्चित रूप से इस बात पर प्रकाश डालता है कि नेताजी एक संवेदनशील व दयालु व्यक्तित्व भी थे।

उन्होंने कहा कि अपने पिता की इच्छा के अनुसार केवल 23 साल की उम्र में सबसे कठिन परीक्षा भारतीय सिविल सेवा (आईसीएस) पास करने के बावजूद नेताजी ने नौकरी न करके देश की सेवा करने के अपने जुनून को आगे बढ़ाया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की आजादी के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में पूरा देश अमृत महोत्सव मना रहा है, इसी कड़ी में राज्य में जनभागीदारी के साथ 'हरियाणा बोलेगा जय हिंद बोस' के नारे के साथ करीब 495 कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं और 1500 ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि देश की सेवा में हरियाणा का योगदान हमेशा राज्य के लिए बहुत गर्व का विषय रहा है। नेताजी की 50,000 आज़ाद हिंद फौज में भी राज्य के युवाओं ने बड़ी संख्या में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था। आज के इस अवसर पर उन्होंने उन राज्य सैनिकों को भी नमन किया जो आजाद हिंद फौज का हिस्सा थे।


Tags

Next Story