बिजली निगम का नया फैसला : खेतों में किसान फव्वारा पद्धति से सिंचाई करेंगे तो मिलेगा ट्यूबवेल कनेक्शन

बिजली निगम का नया फैसला : खेतों में किसान फव्वारा पद्धति से सिंचाई करेंगे तो मिलेगा ट्यूबवेल कनेक्शन
X
जिन गांवों में भूजल स्तर 100 फुट तक है, वहां अंडरग्राउंड पाइप डाली जाएगी ताकि ट्यूबवेल से खेत तक पानी पाइप के माध्यम से जा सके और पानी की बर्बादी न हो। इस सम्बंध में दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम केवल उन्हें किसानों को ट्यूबवेल के कनेक्शन जारी रहेगा, जो किसान इन शर्तों की पालना करेगा। इससे पूर्व प्रदेश के 45 ब्लाक डार्क जोन में थे।

सुरेन्द्र असीजा : फतेहाबाद

प्रदेश में गिरते भूजल स्तर को देखते हुए सरकार ने खेतों में सिंचाई के तौर-तरीके में बड़ा बदलाव करने का फैसला लिया है। खेतों में पानी की बर्बादी न हो, इसके लिए हरियाणा सरकार ने खेतों में सिंचाई के लिए अंडरग्राउंड पाइप बिछाने और टपका प्रणाली से सिंचाई करने के आदेश जारी किए हैं। जिन गांवों में भूजल स्तर 100 फुट से नीचे हैं, वहां के किसानों को अब पाइप द्वारा टपका प्रणाली (माइक्रो इरीग्रेशन सिस्टम) से सिंचाई करनी होगी। जिन गांवों में भूजल स्तर 100 फुट तक है, वहां अंडरग्राउंड पाइप डाली जाएगी ताकि ट्यूबवेल से खेत तक पानी पाइप के माध्यम से जा सके और पानी की बर्बादी न हो। इस सम्बंध में दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम केवल उन्हें किसानों को ट्यूबवेल के कनेक्शन जारी रहेगा, जो किसान इन शर्तों की पालना करेगा। इससे पूर्व प्रदेश के 45 ब्लाक डार्क जोन में थे।

दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम हिसार के चीफ इंजीनियर (कर्मिशियल) द्वारा प्रदेश के सभी चीफ इंजीनियर, एसई, एक्सियन, एसडीओ व ऑपरेशन आफिस को जारी पत्र में बताया गया है कि प्रदेश के सभी जिलों में अनेक ब्लाकों में भूजल स्तर काफी कम है। किसान अक्सर ट्यूब्वैल से खाल में पानी ले जाकर खेतों में सिंचाई करते हैं, जिससे पानी की बर्बादी ज्यादा हो रही है। इसे रोकने के लिए दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम ने फैसला किया है कि जिन गांवों के खेतों में भूजल स्तर 100 फुट तक है, उन गांवों में ट्यूब्वैल से खेत तक अंडरग्राउंड पाइप बिछाकर पानी से सिंचाई की जाए। जिन गांवों में पानी का स्तर 100 फुट से भी नीचे चला गया है, उन गांवों में टपका प्रणाली (माइक्रो इरीग्रेशन सिस्टम) से सिंचाई करनी होगी। इसके लिए किसान को पहले अंडरग्राउंड या टपका प्रणाली के लिए भौतिक निरीक्षण करवाना होगा। बिजली निगम के इसके बाद उन किसानों को ट्यूबवेल कनेक्शन जारी रहेगा। जो किसान इन शर्तों को पूरा नहीं करते, उन्हें कनेक्शन जारी नहीं किए जाएंगे। इस फैसले से पूर्व प्रदेश में 45 ब्लाक डार्क जोन में थे, जहां पर ट्यूबवेल के कनेक्शन जारी करना निगम ने बंद कर दिया था। यहां केवल नहरी पानी से ही खेतों में सिंचाई की जाती थी। बता दें कि गिरते भूजल स्तर को देखते हुए सरकार ने धान की खेती को कम करने के लिए जहां किसानों को सीधी बिजाई के लिए प्रोत्साहित किया वहीं अन्य फसल की बिजाई करने पर अनुदान देने की भी घोषणा की हुई है। उसके भी सार्थक परिणाम सामने आ रहे हैं।

दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के चीफ इंजीनियर का सरकूलर क्रमांक डी-16/2022 दिनांक 3 जून 2022 को मिला है, जिसमें उन किसानों को ही कनेक्शन देने के आदेश दिए गए हैं जो किसान अंडरग्राउंड पाइप लाइन बिछाएंगे या टपका प्रणाली (माइक्रो इरीग्रेशन सिस्टम) द्वारा खेतों में सिंचाई करेंगे। जो किसान ट्यूबवेल से खाल में पानी ले जाकर सिंचाई करते हैं, उन किसानों को अब कनेक्शन नहीं दिए जाएंगे। -संदीप मैहता, कार्यकारी अभियंता डीएचबीवीएन फतेहाबाद

Tags

Next Story