हरियाणा में नई राजनीतिक पार्टी का गठन : निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने बनाई हरियाणा जन सेवक पार्टी

हरियाणा के महम से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू (Balraj Kundu) ने नई पार्टी हरियाणा जनसेवक पार्टी (हजपा) के गठन का ऐलान किया है। नए दल के गठन की चर्चा पिछले कई महीनों से चल रही थी। उन्होंने कहा कि एक नवंबर को जींद में पार्टी की बड़ी रैली का आयोजन होगा जिसमे पार्टी का निशान ,झंडा ,पदाधिकारियों की घोषणा और पार्टी की रणनीति का खुलासा करेंगे। इस दौरान कुंडू ने दावा किया है कि हरियाणा में उनकी नई पार्टी तीसरे विकल्प के रूप में उभरकर आएगी।
बता दें कि 2019 में विधानसभा चुनाव के बाद निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने मनोहर सरकार को समर्थन दिया था, लेकिन 2020 में सरकार से समर्थन वापस लेने की घोषणा कर दी। इसके बाद कुंडू ने नारनौल के नांगल चौधरी से 26 जनवरी को पदयात्रा शुरू कर लोगों से नई पार्टी काे लेकर रायशुमारी की थी। अब नई पार्टी का गठन किया।
जजपा- भाजपा, कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेंगे
कुंडू ने कहा कि वह जजपा, भाजपा या कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेंगे। उनकी सोच हरियाणा की जनता को नया विकल्प देने की है। हमारा नौजवान नशे की गिरफ्त में आ रहा है, क्राइम रेट बहुत बढ़ गया है। किसानों का दर्द सुनने वाला कोई नहीं। बीमा कंपनियां किसानों के साथ मनमानी कर रही हैं। पिछले दो सालों से मुआवजा नहीं दिया गया है। प्रीमियम जमा करने के बाद भी पैसा नहीं देते, न ही प्रीमियम वापस हो रहा। बीमा कंपनियों ने हजारों करोड़ का घोटाला किया है और यह सूबे की सरकार की शह के बिना संभव नहीं है।इसलिए मेने हरियाणा को बचाने के लिए ये पार्टी बनाई है I
उन्होंने कहा कि विधानसभा में हरियाणा की बीजेपी-जेजेपी सरकार खुद ही मान चुकी है कि प्रदेश की बेरोजगारी दर 8.8% हो गई है। 2013-14 में जो बेरोजगारी दर 2.9% थी, वो आज करीब 9.0% पर पहुंच गई। राष्ट्रीय स्तर पर बेरोज़गारी दर 4.1% है यानी हरियाणा में राष्ट्रीय औसत से दोगुनी से भी ज्यादा बेरोजगारी है। हरियाणा का राष्ट्रीय राजधानी से सटा होने के बाद भी बेरोजगारी से जूझ रहा है। युवा परेशान हैं, जबकि सरकारी विभागों में 2.02 लाख पद खाली पड़े हैं। भर्तियां करने की बजाए सरकार पेपर लीक और पेपर कॉपी जैसे घोटालों को अंजाम दे रही है। सीईटी में धांधलियां करके युवाओं के भविष्य से लगातार खिलवाड़ किया जा रहा है।
किसानों के साथ धोखा
उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के साथ लगातार धोखा कर रही है। सरकार ने खुद विधानसभा में माना कि 3 साल से किसानों का 1303 करोड़ रुपए का मुआवजा अटका पड़ा है। यह तो वह आंकड़ा है जो सरकार ने माना है। इसके अलावा इससे कई गुना ऐसे क्लेम है जिसे सरकार ने अमान्य कर दिया। किसान कई सीजन से मुआवजे के इंतजार में बैठे हैं। पिछले दिनों आई बाढ़ का मुआवजा अब तक किसानों को नहीं मिला है।
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