छात्रा आरजू की मौत मामले में नया मोड़ : दोस्त के कारण आत्महत्या करने का लगाया आरोप

- मां बोली, दोस्त की वजह से बेटी ने मौत को लगाया गले
- विलाप करते परिजनों ने आरोपी के खिलाफ की ठोस कार्रवाई की मांग
Ambala : एमएमयू यूनिवर्सिटी में बीएससी नर्सिंग की छात्रा आरजू की मौत के मामले में नया मोड़ आ गया है। परिजनों का आरोप है कि उनकी बेटी की मौत का जिम्मेदार उसका दोस्त है। इन आरोपों के आधार पर पुलिस ने आरोपी दोस्त हरविंद्र सिंह हैप्पी के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी। एसएचओ की माने तो आरोपी अभी फरार चल रहा है। जल्द ही उसे काबू कर लिया जाएगा।
प्राइवेट पीजी के कमरे में रहने वाली आरजू ने बीते रोज पंखे में चुन्नी डाल आत्महत्या कर ली थी। बेटी की मौत होने की खबर मिलने के बाद सोमवार को परिजन यहां पहुंच गए। पोस्टमार्टम के बाद छात्रा का शव उसके परिजनों के हवाले कर दिया। उधर बेटी की मौत के बाद परिजन बेहद सदमे में है। बेटी की मौत पर परिजनों ने खूब विलाप किया। हिमाचल प्रदेश के किन्नौर की रहने वाली आरजू एमएमयू में बीएससी नर्सिंग में दूसरे साल की छात्रा थी। परिजनों के आरोपों के आधार पर अब पुलिस ने छात्रा के मोबाइल फोन को अपने कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। फोन को अनलॉक करने बाद उसकी कॉल डिटेल को खंगाला जाएगा।
दोस्त से परेशान होकर उठाया कदम
किन्नौर के रंगपा गांव की रहने वाली आरजू की मां सरिता ने बताया कि उसकी बेटी बेहद हिम्मत वाली थी। वह आत्महत्या नहीं कर सकती। उसने बताया कि दोस्त उकसाने की वजह से उसने यह कदम उठाया है। बेटी की मौत से बेहद गमजदा मां ने अब आरजू के दोस्त के खिलाफ ठोस कार्रवाई की मांग की है। बेटी की मौत से मां पूरी तरह से टूट चुकी है। साथ आई महिलाएं बड़ी मुश्किल से उसे संभाल पा रही थी।
बेटी से पहले पति व बेटे की हो चुकी मौत
मां सरिता पर मुसीबतों का पहाड़ टूटा हुआ है। विलाप करते हुए वह बोली कि उसका तो सब कुछ लुट गया है। 2007 में पति की मौत हो गई थी। फिर 2019 में बेटा भी भगवान को प्यारा हो गया। अब बेटी आरजू भी उसका साथ छोड़कर चली गई। पहले पति धनी राम उसे दुनिया में अकेला छोड़ गया था। इसके बाद बेटा शमशेर नेगी उसे व बेटी आरजू को अकेला छोड़ गया था। अब आरजू भी उसे छोड़ गई। 2022 में आरजू ने एमएमयू में बीएससी नर्सिंग कोर्स के लिए दाखिला लिया था।
दोस्त ने दिलवाया था कमरा
सरिता ने बताया कि उसकी बेटी आरजू नेगी पढ़ाई में होशियार थी। दाखिले के बाद एक साल तक आरजू नेगी यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में रही। चार-पांच महीने पहले ही आरजू को उसके दोस्त यमुनानगर के मेहलांवाली गांव के रहने वाले हरविंद्र सिंह उर्फ हैप्पी ने प्राइवेट पीजी में कमरा दिलवाया था। उसकी बेटी से रोज बात होती थी। मां ने बताया कि बेटी कभी उसे नर्वस नहीं लगी। उसे यह यकीन नहीं हो रहा है कि उसकी बेटी ने आत्महत्या कर ली है। उसे यकीन है कि आरजू ने हरविंद्र सिंह उर्फ हैप्पी से परेशान होकर यह कदम उठाया है।
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