पीएचडी स्टूडेंट की मौत के मामले में आया नया मोड़, परिजनों काआरोप- साथियों से तंग आकर की थी आत्महत्या

पीएचडी स्टूडेंट की मौत के मामले में आया नया मोड़, परिजनों काआरोप- साथियों से तंग आकर की थी आत्महत्या
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जीआरपी बहादुरगढ़ ने फिलहाल धमकी देने, आत्महत्या तथा साजिश रचने की धारा के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मामला रैगिंग से जुड़ा है या कुछ और वजह रही, ये अभी स्पष्ट नहीं है।

हरिभूमि न्यूज. बहादुरगढ़

पीएचडी स्टूडेंट की मौत के मामले में नया मोड़ आया है। बेटी की मौत को परिजनों ने दुर्घटना नहीं माना है। आत्महत्या के लिए मजबूर करने की बात कही है। मृतका के ही साथ पढ़ने वाले कुछ छात्रों पर आरोप है, इनमें युवतियां भी शामिल हैं। जीआरपी बहादुरगढ़ ने फिलहाल धमकी देने, आत्महत्या तथा साजिश रचने की धारा के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मामला रैगिंग से जुड़ा है या कुछ और वजह रही, ये अभी स्पष्ट नहीं है।

दरअसल, गत 21 फरवरी शाम को गांव सांखोल के पास रेलवे ट्रैक पर एक युवती का शव मिला था। युवती की पहचान करीब 24 वर्षीय सविता के रूप में हुई थी। सविता चरखी दादरी जिले के गांव काकड़ोली सरदारा की निवासी थी। अगले दिन पुलिस ने पोस्टमार्टम करा शव परिजनों को सौंप दिया था। तब मामले को हादसा माना जा रहा था। वहीं, परिजनों ने बेटी की मौत को हादसा मानने से इंकार किया है। काकड़ोली सरदारा के निवासी विकास का कहना है कि उसकी बेटी सविता एमडीयू रोहतक से पीएचडी कर रही थी। सविता गत दस फरवरी को घर आई थी। तब से बेटी बार-बार कह रही थी कि पापा वह वापस रोहतक पीजी नहीं जाएगी। वहां मनीषा, कुकूी, काजल, मंजीत और आशीष आदि नाम के लोग उसे परेशान करते हैं। बकौल विकास, आशीष और मंजीत मेरी बेटी को ब्लैकमेल करते थे। गलत काम करने को मजबूर करते थे। गत 20 फरवरी को मेरे फोन पर मनीषा नाम की लड़की की कॉल आई। वह बोली कि अंकलजी सविता को भेज दो, उसका पेपर है।

फिर मैं अपनी लड़की को गांव के अड्डे पर छोड़ आया। शाम को फोन किया तो काजल नाम की लड़की ने फोन उठाया। वह बोली कि सविता सो रही है। इसके बार दो-तीन बार फिर फोन किए लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुई। उसी रात करीब 9 बजे सविता के नंंबर से कॉल आई। फोन पर एक लड़का बोल रहा था। उसने अपना नाम आशीष बताया और कहने लगा कि बार-बार इस नंबर पर फोन मत करो, नहीं तो जान से मार देंगे। फिर मैं 21 फरवरी की दोपहर को रोहतक पीजी पहुंचा लेकिन बेटी नहीं मिली। अपने स्तर पर तलाश करते रहे। इसी दौरान बहादुरगढ़ जीआरपी से मेरे पास फोन आया और बहादुरगढ़ आने को कहा। यहां मोर्च्युरी में देखा तो बेटी का शव था। मैंने पूरी तसल्ली कर ली है। मेरी बेटी को साजिश, षड़यंत्र के तहत अपहरण करके आशीष, मंजीत, काजल, कुकी, मनीषा ने मजबूर किया है। यदि मामले में कोई और भी शामिल है तो जांच करके नाम सामने लाया जाए। उधर, पुलिस का कहना है कि शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर लिया है। जांच चल रही है।

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