NH 48 पर दूसरे दिन भी चली NGT की कार्रवाई, बुलडोजर चलाकर 20 ढाबे किए ध्वस्त

NH 48 पर दूसरे दिन भी चली NGT की कार्रवाई, बुलडोजर चलाकर 20 ढाबे किए ध्वस्त
X
दो दिन से चल रही विभागों की संयुक्त कार्रवाई पर अब पक्षपात को लेकर सवाल भी उठने लगे हैं। यह टीम उन ढाबों और होटलों की ओर नजर डालने से बच रही हैं, जिनके मालिक किसी न किसी तरह प्रभाव रखते हैं।

हरिभूमि न्यूज : रेवाड़ी

नेशनल हाइवे नं. 48 पर एनजीटी के आदेशों की पालना नहीं करने वाले कई ढाबों पर बुधवार को भी स्पेशल टास्क कमेटी की कार्रवाई चली। विभिन्न विभागों की संयुक्त टीम ने 20 ढाबों को जेसीबी मशीन से जमींदोज कर दिया। दो दिन से चल रही विभागों की संयुक्त कार्रवाई पर अब पक्षपात को लेकर सवाल भी उठने लगे हैं। यह टीम उन ढाबों और होटलों की ओर नजर डालने से बच रही हैं, जिनके मालिक किसी न किसी तरह प्रभाव रखते हैं।

बुधवार सुबह ही डीटीपी, प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड, सिंचाई विभाग, बिजली निगम, पब्लिक हेल्थ, फायर ब्रिगेड व दूसरे विभागों के अधिकारियों की एक संयुक्त टीम पुलिस बल और जेसीबी मशीन के साथ नेशनल हाइवे पर पहुंच गई। इस टीम ने बावल नगर पालिका की टीम को भी अपने साथ शामिल किया। इसके बाद नगर पालिका की सीमा पर नेशनल हाइवे के दोनों ओर बने ढाबों को गिराना शुरू कर दिया। कई ढाबा मालिकों ने इस कार्रवाई का विरोध भी करना शुरू किया, परंतु भारी पुलिसबल की मौजूदगी में उनका विरोध काम नहीं कर पाया। एनजीटी के आदेश पर की जा रही इस कार्रवाई ने सैकड़ों ढाबा मालिकों की नींद हराम कर दी है।

इससे पूर्व डीटीपी की ओर से करीब 150 ढाबों को नोटिस दिया गया था, जिनका ढाबा मालिकों पर कोई असर नहीं हुआ। कार्रवाई शुरू होने के बाद ढाबा मालिकों में हड़कंप मचा हुआ है। संंयुक्त टीम की यह कार्रवाई आगे भी जारी रहने की उम्मीद है। एनजीटी ने शिकायत के आधार पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सहित विभिन्न विभागों को इस तरह के ढाबों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए गए थे। अभयसिंह बनाम सरकार मामले में भी कोेर्ट की ओर से नियमों की उल्लंघना करने वाले ढाबा मालिकों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश जारी किए गए थे।

कार्रवाई का रहा दूसरा दिन

नियमों की पालना नहीं करने वाले ढाबों पर तोड़फोड़ की कार्रवाई शुरू गत मंगलवार को शुरू की गई थी। पहले ही दिन जेसीबी मशीन से कई ढाबों को धराशाही कर दिया गया था। इससे ढाबा संचालकों में हड़कंप मच गया था। ऐसा माना जा रहा है कि टीम की कार्रवाई की चपेट में बड़ी संख्या में ढाबे आ सकते हैं। कोई भी ढाबा संचालक सभी नियमों को पूरा करने में सक्षम नहीं है। इन ढाबों पर सोलिड वेस्ट मैनेजेमेंट के नाम पर कोई प्रबंध नहीं किए हुए हैं। बोरवेल बिना विभाग की अनुमति के किए हुए हैं। कई ढाबों की अवैध पार्किंग सर्विस रोड पर जाम का कारण बन जाती है। जयसिंहपुर खेड़ा बॉर्डर के आसपास ढाबों की संख्या काफी अधिक है, जिनके खिलाफ जल्द कार्रवाई हो सकती है।

किसी विभाग की एनओसी नहीं

हाइवे पर चल रहे अधिकांश ढाबों के पास संचालन से संबंधित दस्तावेज तक नहीं हैं। इन ढाबों को न तो फायर ब्रिगेड और न ही दूसरे विभागों से एनओसी ली हुई है। एनजीटी की नियमों की पालना नहीं की जा रही है। इतना ही नहीं, ढाबों पर बोरवेल भी बिना सिंचाई विभाग की अनुमति के किए हुए हैं। कई विभागों के नियमों की उल्लंघना को देखते हुए इन ढाबों पर जेसीबी चलाने की कार्रवाई को अंजाम दिया। इन ढाबों पर किसी भी विभाग ने लंबे समय से कार्रवाई नहीं की थी। अभयसिंह बनाम सरकार मामले में कोर्ट के आदेशों के बाद अधिकारियों के लिए इस तरह की कार्रवाई करना मजबूरी बन गया, जिस कारण आनन-फानन में इन ढाबों को तोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर गई है।

सवालों के घेरे में कार्रवाई

नेशनल हाइवे पर की जा रही तोड़फोड़ की कार्रवाई पर सवाल भी उठने लगे हैं। मंगलवार को हुई कार्रवाई के दौरान खरखड़ा के करीब एक रेस्टोरेंट को तोड़ने की बजाय यह टीम उसके सामने ढाबों पर कार्रवाई करके निकल गई। सूत्रों के अनुसार रेस्टोरेंट एक एचसीएस अधिकारी से संबंध रखने वाले प्रभावशाली व्यक्ति का है। डीटीपी वेदप्रकाश का कहना है कि रेस्टारेंट मालिक ने एनओसी ली हुई है। सवाल यह उठ रहा है कि नेशनल हाइवे पर करीब 30 फुट की ग्रीन बेल्ट पर रेस्टोरेंट का कब्जा है। ऐसे में क्या विभाग ग्रीन बेल्ट पर कब्जे की भी एनओसी जारी करता है। दूसरे दिन भी कुछ प्रभावशाली लोगों के रेस्टोरेंट इस कार्रवाई से दूर रखे गए, जिससे तोड़फोड़ के शिकार ढाबा मालिकों में रोष देखने को मिल रहा है।

Tags

Next Story