कोर्ट से धोखाधड़ी : एक करोड़ की हेरोइन का सप्लायर नाइजीरियन युवक फर्जी जमानत लेकर फरार

कोर्ट से धोखाधड़ी : एक करोड़ की हेरोइन का सप्लायर नाइजीरियन युवक फर्जी जमानत लेकर फरार
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दिल्ली में रह रहा नाइजीरियन फ्रैंक जोसेफ को पुलिस के विशेष दस्ते ने धर दबोचा था। यह जेल जाने के बाद गत 16 जुलाई को कोर्ट से जमानत पर रिहा हुआ था। कोर्ट से धोखाधड़ी का पता तब चला जब जमानत लेने के बाद उसके बाद से केस की सुनवाई पर हाजिर नहीं हुआ।

हिसार। हिसार में कोर्ट के साथ जमानत के मामले में धोखाधड़ी का मामला उजागर हुआ है। जमानत कराने का मामला भी कोई छोटा नहीं है। करीब नौ माह पहले दो स्थानीय लोगों के साथ गांव पाबड़ा में काबू किया गया। इसके बाद सप्लायर के तौर पर नाम सामने आने पर दिल्ली में रह रहा नाइजीरियन फ्रैंक जोसेफ को पुलिस के विशेष दस्ते ने धर दबोचा था। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस हेरोइन की कीमत करीब एक करोड़ रुपये आंकी गई थी। एसटीएफ के 19 अप्रैल 2021 को हत्थे चढ़ा जोसेफ जेल जाने के बाद गत 16 जुलाई को कोर्ट से जमानत पर रिहा हुआ। कोर्ट से धोखाधड़ी का पता तब चला जब जमानत लेने के बाद उसके बाद से केस की सुनवाई पर हाजिर नहीं हुआ। इसके बाद पुलिस ने जमानतियों के कागजात के आधार पर उनकी तलाश शुरू की।

कोर्ट ने दस्तावेज खंगाले तो पता चला कि जिन लोगों के कागजात जोसेफ के जमानतदाता तथा पहचानकर्ता के तौर पर लगाए गए थे। वह कभी इस मामले में कोर्ट ही नहीं आए हैं। पुलिस तफ्तीश में पता चला कि किसी अन्य गिरोह ने कथित जमानत देने वाले पाला राम, राजकुमार और पहचानकर्ता जय भगवान के फर्जी कागजात तैयार कर जोसेफ को जमानत दिलवाई थी। कोर्ट के आदेश पर सिविल लाइन थाना पुलिस ने इस मामले में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

यह था पूरा मामला

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार बरवाला के निकटवर्ती पाबड़ा निवासी प्रदीप व खेदड़ निवासी अश्वनी को एक करोड़ रुपये की हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया गया था। दोनों आरोपितों ने पुलिस पूछताछ में कबूला कि वह हेरोइन दिल्ली से लेकर आए थे। इसके बाद पुलिस ने हेरोइन सप्लाई मामले में 19 अप्रैल को दिल्ली से नाइजीरियन फ्रैंक जोसेफ को गिरफ्तार कर लिया था। गत 16 जुलाई को हिसार कोर्ट ने जोसेफ को पालाराम, राजकुमार व जयभगवान की गारंटी पर जमानत पर रिहा किया था। इसके बाद कोर्ट में तय 20 अगस्त की सुनवाई पर जोसेफ कोर्ट में पेश नहीं हुआ तो उसकी जमानत रद कर दी गई और पहचानकर्ता और जमानतदाता को नोटिस जारी किए गए। गत 8 नवंबर को पालाराम, राजकुमार व जयभगवान ने कोर्ट में पेश होकर कहा कि वह कभी भी जोसेफ की जमानत के लिए कोर्ट में पेश नहीं हुए थे। उनके कागजात फर्जी तौर पर जमानत में प्रयोग किए गए हैं। इस पर एडीशनल सेशन जज के आदेश पर पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है।

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