भाजपा का यू टर्न : हरियाणा में BJP और JJP मिलकर लड़ेंगी निकाय चुनाव, 14 : 4 पर हुआ समझौता

हरियाणा में नगर निकाय चुनाव ( haryana civic election ) को लेकर भाजपा ने यू टर्न ले लिया है। अब भाजपा ( Bjp) जजपा ( Jjp ) के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी। भाजपा और जजपा के वरिष्ठ नेताओं ने विचार-विमर्श करके यह फैसला लिया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ व जजपा के राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में कई घोषणाएं की हैं। इस दौरान दिग्विजय चौटाला भी मौजूद रहे। बता दें कि पहले भाजपा ने अकेले की निकाय चुनाव लड़ने का फैसला लिया था। जिसके बाद जजपा ने कई सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा भी कर दी थी।
कांग्रेस के सिंबल पर चुनाव न लड़ने के कारण भाजपा और जजपा फिर से एक हो गई हैं। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने बताया कि नगर परिषद की 14 सीटों पर भाजपा और 4 सीटों पर जजपा चुनाव लड़ेगी। टोहाना, नरवाना, मंडी डबवाली और नूंह नगरपरिषद जजपा के हिस्से में आई हैं। जजपा के प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह ने बताया कि गठबंधन की दोनों पार्टियां मजबूती से मिलकर चुनाव लड़ेंगी। वहीं दिग्विजय चौटाला ने बताया कि पार्टी कार्यकर्ता गठबंधन प्रत्याशियों की जीत के लिए प्रचार करेंगे। दिग्विजय ने बताया कि घोषित उम्मीदवारों से चर्चा करके जल्द दोबारा सूची जारी की जाएगी। नगरपालिका के चुनाव का फैसला स्थानीय जिला इकाइयों पर छोड़ा गया है।
इस कारण बदला फैसला
निकाय चुनाव में कांग्रेस के मैदान से बाहर हो जाने के कारण अचानक प्रदेश की राजनीति में नए समीकरण बन गए। दो दिन पहले तक भाजपा और जजपा अलग-अलग चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुकी थी, लेकिन अब बदली हुई परिस्थितियों में दोनों पार्टियों ने नगर परिषद के चुनाव मिलकर लड़ने का फैसला लिया है। गुरुवार को हरियाणा निवास पर दोनों पार्टियों के नेताओं की बैठक में यह फैसला लिया गया। भारतीय जनता पार्टी की तरफ से प्रदेश प्रभारी विनोद तावडे़, प्रदेश अध्यक्ष औमप्रकाश धनखड़, महामंत्री वेदपाल एडवोकेट व मोहनलाल बडोली तथा जेजेपी की तरफ से प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह और प्रदेश प्रधान महासचिव दिग्विजय चौटाला बैठक में पहुंचे।
दोनों दलों के नेताओं के बीच गहन मंथन हुआ। जिसमें दोनों तरफ से ही यह बात रखी गई कि जब मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ही मैदान में नहीं है, तो चुनाव में लड़ाई ही नहीं बची। इसलिए 18 नगर परिषदों के चेयरमैन पदों पर भाजपा और जजपा को मिलकर ही लड़ना चाहिए। सभी नेताओं ने इस पर सहमति जताई और फिर टिकटों के बंटवारे पर चर्चा हुई। जिसमें चार सीटें जजपा को देने पर सहमति बनी। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष औमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि कांग्रेस निकाय चुनाव के मैदान से बिना लडे़ ही बाहर हो गई है। ऐसे में बदली हुई परिस्थितियों में भाजपा और जजपा ने भी मिलकर लड़ने का फैसला लिया है। अब तय है कि सभी 18 सीटें पर भाजपा-जजपा गठबंधन विजयी होगा।
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