निकिता तोमर हत्याकांड : ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ आरोपी तौसीफ की अपील हाईकोर्ट में मंजूर, जुर्माने पर भी रोक

चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सोमवार को निकिता तोमर हत्याकांड के दोषी तौसीफ की ट्रायल कोर्ट द्वारा दी गई सजा को चुनौती देने की अपील को स्वीकार (एडमिट) कर लिया है। इसी के साथ हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट फरीदाबाद द्वारा लगाए गए जुर्माना की राशी पर भी रोक लगा दी है। हाई कोर्ट की जस्टिस रितु बाहरी पर आधारित डिवीजन बेंच ने तौसीफ द्वारा दायर अपील पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया।
अक्टूबर 2020 में 21 साल की बीकॉम फाइनल ईयर की छात्रा निकिता तोमर को सरेआम गोली मार दी गई थी। निकिता उस दिन एग्जाम देने कॉलेज गई थी। तब तौसीफ और रेहान उसके पीछे पड़ गए थे। निकिता के परिजनों की मानें तो तौसीफ पिछले काफी समय से निकिता से जबरदस्ती दोस्ती करना चाहता था। उनका कहना था है कि निकिता के लाख मना करने के बावजूद तौसीफ लगातार निकिता पर धर्म परिवर्तन करने और शादी करने का दबाव डाल रहा था। इसी साल 26 मार्च को फरीदाबाद जिले के फास्ट-ट्रैक कोर्ट ने तौसीफ व उसके एक साथी को उम्र कैद की सजा के साथ 20,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था।
22 वर्षीय तौसीफ ने हाई कोर्ट में दायर अपनी अपील में कहा है कि उन्हें इस मामले में पुलिस द्वारा झूठे रूप से फंसाया गया था क्योंकि उसके खिलाफ कोई भी सबूत नहीं है और किसी भी मंच पर उसके खिलाफ कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई थी। ऐसी कोई कॉल विवरण नहीं है जिससे यह साबित होता हो कि 4 अगस्त, 2018 के बाद मृतक को कॉल किया हो। ट्रायल कोर्ट ने जांच पक्ष के सबूतों को विश्वास करके उसे गलत तरीके से दोषी ठहराया है। उसे बिना किसी सबूत के पुलिस द्वारा गलत तरीके से फंसाया गया है। अपीलकर्ता ने अपनी अपील में कहा है कि नवीन तोमर जिसकी शिकायत पर मामला दर्ज किया गया वह घटना स्थल पर मौके पर मौजूद नहीं था।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS