नारनौल : निमावत माइंस होल्डर ने जुर्माना नहीं चुकाया, प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने खदान पर लगाई सील

नारनौल (नांगल चौधरी)। बखरीजा में संचालित निमावत माइंस निर्धारित मापदंडों पर फिट नहीं। जिसके खिलाफ एनजीटी में केस दायर किया गया था, अदालत ने सुनवाई के बाद माइंस पर तीन करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था तथा 10 दिसंबर तक जुर्माना राशि को कंट्रोल बोर्ड में जमा कराने के निर्देश दिए थे, लेकिन संचालक ने अभी तक जुर्माना रसीद नहीं कटवाई। इसके बाद प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने एनजीटी में रिपोर्ट पेश करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
आपको बता दें कि सरकार ने बखरीजा के पहाड़ को प्लाटों में विभाजित करके लीज पर छोड़ा था। निमानत माइंस को खदान तीन अलॉट की गई, जिसमें बीते कई सालों से खनन हो रहा है। खदान की गहराई 200 फिट तक पहुंच गई, जिसमें सुरक्षा तथा प्रदूषण के मापदंडों में बढ़ोतरी करना अनिवार्य हैं, लेकिन लागत राशि बचाने के लिए संचालक ने मापदंडों की अवहेलना करनी आरंभ कर दी। अव्यवस्था होने के कारण मजदूरों के जीवन को खतरा उत्पन्न हो गया। साथ ही प्रदूषण का ग्राफ बढ़ने से ग्रामीणों का स्वास्थ्य प्रभावित होने लगा है। शिकायत मिलने पर एक सामाजिक कार्यकर्ता ने एनजीटी में याचिका दायर की, जिसमें निमावत माइंस संचालक ने खनन नियमों की अनदेखी करने के आरोप लगाए। अदालत ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद 11 नवंबर को माइंस पर तीन करोड़ का जुर्माना लगाया था। यह जुर्माना राशि 10 दिसंबर 2022 तक प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड में जमा कराने की हिदायत दी गई थी, लेकिन आरोपी ने अभी तक जुर्माना राशि अदायगी नहीं की। इसके बाद विभाग ने आरोपी माइंस संचालक के खिलाफ एनजीटी में रिपोर्ट पेश करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
निमावत माइंस सितंबर महीने से बंद, भरना होगा जुर्माना
प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के कार्यकारी अभियंता कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि निमावत माइंस बखरीजा के खिलाफ एनजीटी में शिकायत दर्ज हुई थी। अदालत के निर्देशों पर सितंबर महीने में खदान को सील कर दिया था। एनजीटी ने 11 नवंबर को माइंस पर तीन करोड़ जुर्माना लगाया था। जुर्माना राशि 10 दिसंबर तक जमा होनी थी, लेकिन अभी तक राशि जमा नहीं हुई। आगामी कार्रवाई के लिए एनजीटी को अवगत करवाया जाएगा।
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