निपुण हरियाणा मिशन : प्राथमिक शिक्षकों को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत मिलेगी ट्रेनिंग

हरिभूमि न्यूज : नारनौल
राष्ट्रीय शिक्षा नीति की अनुपालना में शिक्षा विभाग द्वारा निपुण हरियाणा मिशन के तहत राज्य के प्राथमिक शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा। यह प्रशिक्षण एक अप्रैल से नए शिक्षा सत्र के लिए शुरू होने वाले प्राथमिक स्कूलों में पहली कक्षा के दाखिलों के मद्देनजर आयोजित किया जाएगा, ताकि प्राथमिक शिक्षकों को नई शिक्षा नीति के तहत विद्या प्रवेश कार्यक्रम का प्रशिक्षण मिल सके और वे इस कार्य में निपुण हो सकें। हालांकि अभी इसका शेड्यूल जारी नहीं किया गया है, लेकिन तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने नई शिक्षा नीति-2020 लागू कर दी है। इस नई शिक्षा नीति से प्राथमिक स्कूलों के अध्यापकों को अवगत कराने के उद्देश्य से प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण राजकीय प्राथमिक पाठशालाओं में एक अप्रैल 2022 से शुरू होने वाले दाखिलों के मद्देनजर दिया जाना है। यह प्रशिक्षण निपुण हरियाणा मिशन के अंतर्गत राज्य के प्राथमिक शिक्षकों के लिए आयोजित किया जाना है, जिसमें अप्रैल 2022 से आरंभ होने वाले शैक्षणिक वर्ष में बच्चों की शैक्षिक एवं अंकीय क्षमताओं में वर्धन किया जा सके। शिक्षा विभाग ने इसे विद्या प्रवेश का नाम दिया है तथा यह प्रशिक्षण तीन दिन तक चलेगा, जिसमें नई शिक्षा नीति के सभी बिंदुओं पर प्रकाश डाला जाएगा। यह प्रशिक्षण अगले दो महीनों में खंड स्तर पर सभी पीआरटी टीचर्स के लिए आयोजित किया जाएगा।
प्रोजेक्टर अथवा स्मार्ट टीवी का होगा प्रयोग
प्रशिक्षण कार्यक्रम खंड स्तर पर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय या बीआरसी/सीआरसी में आयोति किया जाएगा। इनमें कार्यशाला आयोजित करने के लिए बैठने की उचित व्यवस्था के साथ-साथ प्रोजेक्टर अथवा स्मार्ट टीवी की व्यवस्था रहेगी। प्रशिक्षण केंद्र ऐसी जगह होगा, जहां आसानी से पहुंच हो सके। इस कार्यक्रम की शुरूआत डीईओ, डीईईओ तथा डाईट के प्रधानाचार्य करेंगे, जिसमें बीईओ व बीईईओ भी शामिल रहेंगे। तीन दिवसीय कार्यशाला रोजाना प्रात: नौ बजे से सायं चार बजे तक चलेगी। कार्यशाला में दो की रिसोर्स पर्सन प्रशिक्षण देंगे
प्रशिक्षण सामग्री एवं संसाधन की रहेगी व्यवस्था
सभी खंड शिक्षा अधिकारी अपने खंडों में खंड संसाधन समूह का गठन करेंगे। समूह गठन करने उपरांत प्रशिक्षण सामग्री वितरित होगी। प्रशिक्षण से पहले व बाद में निष्ठा प्रशिक्षण की भांति सभी प्रतियोगियों का ऑनलाइन टेस्ट होगा के आधार पर मूल्यांकन होगा, जिससे सीखने के स्तर का पता चल सकेगा। अध्यापकों को अपनी सामग्री किट केंद्र पर साथ लेकर आनी होगी।
कार्यशाला का निरीक्षण करेंगे शिक्षा अधिकारी
उक्त प्रशिक्षण का शिक्षा अधिकारी निरीक्षण भी करेंगे। जिसमें खंड व जिला स्तर के शिक्षा अधिकारियों के अलावा एससीईआरटी के अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया जाएगा और इसकी पर्यवेक्षण रिपोर्ट निदेशालय के डैश बोर्ड पर दर्शाई जाएगी, जिसमें भाग ले रहे अध्यापकों के ड्यूटी टाइम से लेकर फरलों तक की जानकारी मौजूद रहेगी।
समूह में यह रहेंगे शामिल
प्रशिक्षण के लिए जिला संसाधन समूह का गठन किया जाएगा, जिसके अध्यक्ष डाईट के प्रधानाचार्य होंगे, जबकि जिला परियोजना समन्वयक डीपीसी सदस्य सचिव, जबकि खंड शिक्षा अधिकारी, एपीसी, तीन बीआरसी व तीन एबीआरसी सदस्य होंगे।
जलपान एवं भोजन की रहेगी व्यवस्था
शिक्षा निदेशालय के अनुसार प्रशिक्षण के आयोजन में जलपान, दोपहर के भोजन व स्टेशनरी इत्यादि के लिए समुचित बजट का प्रावधान किया गया है और खंड शिक्षा अधिकारी यह बजट उपलब्ध कराएंगे, जिसका खर्च बीआरजी द्वारा विभागीय नियमानुसार किया जाएगा।
प्रशिक्षकों की भी रहेगी निगरानी
प्रशिक्षण कार्यक्रमों में प्रतिभागियों की शंकाओं का उत्तर देना प्रशिक्षक का दायित्व होगा। यदि मुख्य प्रशिक्षक समय पर नहीं पहुंचता है या अपने कार्य को संतोषजनक तरीके से नहीं करता है तो इसकी सूचना तुरंत शिक्षा अधिकारी कार्यालय को दी जाएगी।
एसएटी के एग्जाम के बाद शुरू होगी ट्रेनिंग
खंड शिक्षा अधिकारी सुभाष सामरिया ने बताया कि नई शिक्षा नीति-2020 को लागू करने के लिए प्राथमिक शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाना है। फिलहाल एसएटी के एग्जाम चल रहे हैं। संभवतया इसके होते ही प्रशिक्षण का शेड्यूल जारी हो जाएगा, जिसके अनुसार ट्रेनिंग शुरू की जाएगी।
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