रोचक किस्सा : नितिन गडकरी ने पहली बार हरियाणा में देखी थी नोटों की माला, CM मनोहर को दी 3 सलाह, किया एक अनुरोध

दीपक वर्मा : सोनीपत
सोमवार को सोनीपत के सेक्टर 15 स्थित एचएसवीपी ग्राउंड में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का कार्यक्रम कई मायनों में खास रहा। केंद्रीय मंत्री जहां इस कार्यक्रम के जरिये हजारों करोड़ रुपये की सड़क परियोजनाओं का लोकार्पण कर गए, वहीं भाजपा ने इस कार्यक्रम को रैली-जलसा का रूप देकर 2 साल बाद होने वाले चुनावों की तैयारियां शुरू कर दी। कार्यक्रम में अपने भाषण के दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कई बार मुख्यमंत्री मनोहर लाल को सलाह दी और 1 बार अनुरोध भी किया।
केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री को प्रदेश में पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता कम करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि हरियाणा को ग्रीन बनाने का काम करें। उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र में सीवर के पानी को भी ट्रीट कर बेचना शुरू किया है, जिससे सरकार को आय मिलती है। इसी तरह हरियाणा में भी सीवर के पानी को ट्रीट करें। उसे शुद्ध कर हाइड्रोजन व ऑक्सीजन अलग करें। हाइड्रोजन से जहां गाड़ियां चलेंगी, वहीं ऑक्सीजन से पर्यावरण को बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता कम कर आप प्रदूषण कम कर सकते हैं और साथ की साथ सरकार का खर्चा भी कम किया जा सकता है। गडकरी ने अपने संबोधन में हरियाणा की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार को डबल इंजन सरकार कहा। उन्होंने कहा कि जो भी काम सीएम या डिप्टी सीएम कहेंगे, वो काम करवाया जाएगा। इसके अलावा नितिन गडकरी से अनुरोध किया कि वे एक बार मुथरा घुम कर आएं और वहां पर पानी शुद्ध करने के प्लान को देखें।
हरियाणा से उनका पुराना संबंध
नितिन गडकरी ने अपने संबोधन में कहा कि हरियाणा से उनका पुराना संबंध रहा। नोटों की माला पहली बार हरियाणा में ही देखी थी। जब शादी हुई थी, उसके 10 दिन बाद प्रचार के लिए हरियाणा में भेजा गया था। उस समय रतनलाल कटारिया के चुनाव प्रचार के लिए यमुनानगर आया था। उसी दौरान चुनाव प्रचार में पहली बार नोटों की माला देखी थी। माला में से नोट निकालकर गिनता था मैं। केंद्रीय मंत्री के इस ब्यान पर उपस्थित जनसमूह ने खूब ठहाके लगाए।
प्रदेश में खरीदें इलेक्ट्रिक बसें
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को हरियाणा में इलेक्ट्रिक बस खरीदने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि डीजल की एक बस 117 रुपये प्रति किलोमीटर खर्च करती है, वहीं इलेक्ट्रिक बस का खर्चा केवल 40 रुपये आता है। इस तरह से प्रदेश सरकार बचत करते हुए कमाई भी बढ़ा सकती है। आने वाले 2 सालों में सड़कों पर 50 लाख इलेक्ट्रिक वाहन दौड़ेंगें।
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