सीएम की घोषणा का असर नहीं : बॉन्ड पॉलिसी के विरोध में रातभर धरने पर बैठे रहे एमबीबीएस छात्र, बोले...

रोहतक। एमबीबीएस में दाखिले के लिए बॉन्ड पॉलिसी का छात्रों ने जोरदार विरोध किया। छात्र बुधवार सुबह 6 बजे से इकट्ठे हो गए थे। करीब 9 बजे डायरेक्टर कार्यालय के बाहर छात्र धरने पर जम गए। अपने बच्चों की काउंसलिंग के लिए आए अभिभावक भी धरने पर बैठे। कुछ अभिभावकों ने डायरेक्टर ऑफिस में जाने की कोशिश की, लेकिन उन्हें छात्रों ने रोक लिया। इसी दौरान पुलिस भी बुलानी पड़ी। लेकिन सब शांत रहा। शाम होते-होते मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बॉन्ड पॉलिसी में संशोधन की घोषणा कर दी। इसके बाद कुलपति डॉ. अनिता सक्सेना ने छात्रों को मिलने के लिए बुलाया। लेकिन छात्रों ने आंदोलन खत्म करने का निर्णय नहीं लिया। पूरी रात एमबीबीएस के छात्र डायरेक्टर ऑफिस पर धरने पर बैठे रहे। बृहस्पतिवार को भी धरना और प्रदर्शन जारी रहेगा। छात्रों का कहना है कि बॉन्ड पॉलिसी जब तक वापस नहीं ली जाती तब तक यहां से नहीं उठेंगे। बता दें कि पॉलिाी के तहत छात्र को एमबीबीएस में दाखिला लेने के लिए 80 हजार रुपये प्रति वर्ष के हिसाब से फीस और प्रतिवर्ष 9.20 लाख रुपये बॉन्ड के रूप में जमा करवाने होंगे। एक छात्र को पूरा कोर्स करने के लिए 40 लाख रुपये देने होंगे।
यह आंदोलन एमबीबीएस 2020-21 के यूजी छात्र कर रहे हैं। तीसरे दिन छात्रों को हरियाणा मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन (एचएसएमटीए) और रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) का समर्थन भी मिल गया है। एचएसएमटीए के प्रधान डॉ. आरबी जैन ने एक पत्र जारी करके कहा कि बॉन्ड पॉलिसी में संशोधन किया जाए। आरडीए प्रधान बलजीत सिंह ने भी बॉन्ड पॉलिसी को गलत बताया।
दस्तावेज जांच का राउंड-1 रद
हेल्थ यूनिवर्सिटी ने बुधवार रात को पत्र जारी करके काउंसलिंग का राउंड-1 कैंसिल ही कर दिया। राउंड-1 में दस्तावेजों की जांच होनी थी। छात्रों को कहा गया है कि प्रशासनिक कारणों से इसे रद किया गया है और जल्द ही नया शेड्यूल जारी कर दिया जाएगा। इसकी सूचना वेबसाइट पर दे दी जाएगी। बता दें कि 2 नवंबर से काउंसलिंग शुरू होनी थी। 6 नवंबर तक कागजात आदि जांच करके 8 नवंबर तक एडमिशन होने थे। लेकिन 2 नवंबर को काउंसलिंग नहीं हो पाई। ऑल इंडिया कोटे के लिए दूसरे राउंड की काउंसलिंग के लिए भी तारीख तय होगी।
सांसद दीपेंद्र भी समर्थन में आए
सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में फीस वृद्धि और हर साल बॉन्ड राशि वसूलने का विरोध करते हुए इसके खिलाफ आंदोलन कर रहे युवाओं की मांगों का समर्थन किया है। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि सरकार मेडिकल शिक्षा को महंगा करके हरियाणा के गरीबों, विशेषकर एससी, बीसी छात्रों का डॉक्टर बनने का सपना चकनाचूर कर रही है। उन्होंने तुरंत फीस वृद्धि और बॉन्ड वसूली का फैसला वापस लेने की मांग की है।
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