Haryana की अनाज मंडियों में बिचौलियों और मुनाफा खोरी करने वालों की नो एंट्री

Haryana की अनाज मंडियों में बिचौलियों और मुनाफा खोरी करने वालों की नो एंट्री
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हरियाणा खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अतिरक्ति मुख्य सचिव पीके दास का कहना है कि वन नेशन, वन मार्केट के सिद्धांत को वे किसी भी तरह से नहीं नकार रहे हैं बल्कि फारवर्ड की चुनौती को ध्यान में रखते हुए मंडियों में व्यवस्था बनानी जरूरी है। उनका साफ कहना है कि सबसे पहले हम अपने प्रदेश के किसानों का माल खरीदेंगे जिन्होंने पहले पंजीकरण कराकर समय लिया हुआ है ।

चंडीगढ़। हरियाणा के आला अफसरों की मंडी में फसल के सीजन को लेकर फसल के सीजन को लेकर तैयार की गई रणनीति के सामने दूसरे प्रदेशों आकर मंडी में से गदर मचाने वालों के हौसले पस्त हो गए हैं। हरियाणा के किसानों का 90 फ़ीसदी से ज्यादा मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण हो जाने के बाद अब तय वक्त पर ही किसान बेहद आसानी के साथ अपनी फसल लेकर पहुंच रहेे हैं।

फिलहाल खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के आला अफसरों और कृषि के विशेषज्ञ अफसरो ने बाहर से आने बाले कृषि उत्पादों को लेकर हरी झंडी नहीं दी है। अधिकारियों का तर्क है कि जब हमने अपने प्रदेश में कोविड को ध्यान में रखते हुए किसानों को तय समय पर बुलाने का प्रोग्राम बनाया है,तो दूसरे राज्यों से बिना सूचना के आने वाले लोगों को कैसे एंट्री दी जा सकती है। इनके लिए अक्टूबर 6 से पंजीकरण की शुरुआत होगी हरियाणा की मंडियों में सिस्टम बना रहे।

खास बात यह है कि हरियाणा के कृषि विभाग और खाद्य आपूर्ति विभाग की ओर से राज्य की लगभग दो सौ मंडियों में उत्पाद खरीद की व्यवस्था की गई है। धान, बाजरा, मूंग आदि खरीदने की व्यवस्था की गई है।

हरियाणा खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अतिरक्ति मुख्य सचिव पीके दास का कहना है कि वन नेशन, वन मार्केट के सिद्धांत को वे किसी भी तरह से नहीं नकार रहे हैं बल्कि फारवर्ड की चुनौती को ध्यान में रखते हुए मंडियों में व्यवस्था बनानी जरूरी है। उनका साफ कहना है कि सबसे पहले हम अपने प्रदेश के किसानों का माल खरीदेंगे जिन्होंने पहले पंजीकरण कराकर समय लिया हुआ है। दूसरे प्रदेश के किसान अगर किसी प्राइवेट पार्टी को माल बेचना चाहते हैं इसमें सरकार को कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन हरियाणा की मंडियों में जब हम बुलाएंगे पड़ोसी राज्यों के किसानों को उसी समय आना चाहिए।

मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम ने ली बैठक

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला खुद ही इस संबंध में मंगलवार की देर रात बैठक लेकर राज्य में फसल खरीद का अपडेट ले चुके हैं। राज्य सरकार ने आला अफसरों की रणनीति को लेकर प्रशंसा की है। इतना ही नहीं इस बार खरीद का काम 1 अक्टूबर के स्थान पर 26 सितंबर से शुरू हुआ है। इस बार किसानों के सामने दोनों विकल्प खुले हुए हैं। किसान पैसा सीधा अपने खाते के साथ-साथ अगर चाहे तो आढती के पास भी मंगवा सकते हैं।

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