संपत्ति पंजीकरण के लिए नहीं करना होगा इंतजार : सरकार ने ऑनलाइन ई-अपॉइंटमेंट स्लॉट को किया दोगुना

- प्रदेश में ऑनलाइन ई-अपॉइंटमेंट 100 से बढ़कर हुई 200, तत्काल ई-अपॉइंटमेंट 10 से बढ़कर हुई 50
- गुरुग्राम में अब हो सकेगी 300 ऑनलाइन ई-अपॉइंटमेंट, जबकि तत्काल ई-अपॉइंटमेंट 10 से बढ़कर हुई 60
Haryana : हरियाणा सरकार ने सार्वजनिक सुविधा में सुधार एवं संपत्ति पंजीकरण के लिए प्रतीक्षा समय को कम करने की दिशा में कदम उठाते हुए राज्य की सभी तहसीलों और उप-तहसीलों में ऑनलाइन ई-अपॉइंटमेंट सेवाओं के विस्तार की घोषणा की। इस विस्तार से गुरुग्राम को छोड़कर बाकी सभी जिलों में ई-अपॉइंटमेंट की संख्या 100 से बढ़कर 200 हो जाएगी, साथ ही तत्काल ई-अपॉइंटमेंट की संख्या भी 10 से बढ़कर 50 हो जाएगी। गुरूग्राम जिले में ऑनलाइन ई-अपॉइंटमेंट को 100 से बढ़ाकर 300 किया गया है, जबकि तत्काल ई-अपॉइंटमेंट को 10 से बढ़ाकर 60 कर दिया गया है। यह निर्णय संपत्ति पंजीकरण कार्य की मात्रा, आय की भूमिका और जनता का सर्वोपरि हित को देखते हुए सरकार ने लिया है।
हरियाणा सरकार के इस निर्णय का उद्देश्य संपत्ति हस्तांतरण दस्तावेजों को निष्पादित करने के इच्छुक लोगों के सामने आने वाली चुनौतियों को कम करते हुए एक आसान और अधिक कुशल प्रक्रिया सुनिश्चित करना है। इस निर्णय के निर्बाध कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए राज्य के सभी जिला उपायुक्तों को इस निर्देश को सभी उप-पंजीयकों और संयुक्त उप-पंजीयकों को सूचित करने का निर्देश दिया गया है। इसके अतिरिक्त, बढ़ी हुई ई-अपॉइंटमेंट सेवाओं के बारे में जानकारी तहसील परिसर के भीतर नोटिस बोर्ड पर प्रमुखता से प्रदर्शित की जाएगी। ऑनलाइन ई-अपॉइंटमेंट सेवाओं में यह वृद्धि सार्वजनिक सेवाओं में सुधार और बाधाओं को कम करने, अंततः राज्य भर के नागरिकों को लाभान्वित करने की हरियाणा सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।
संपत्ति पंजीकरण प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से एक और महत्वपूर्ण कदम में सरकार ने संपत्ति पंजीकरण कार्य करने के लिए उप-मंडल अधिकारियों (सिविल) और जिला राजस्व अधिकारियों (डीआरओ) को अधिकार प्रदान किया है। यह निर्णय संपत्ति पंजीकरण प्रक्रिया में पारदर्शिता और दक्षता को बढ़ाएगा, जिससे नागरिकों के लिए एक सहज अनुभव सुनिश्चित होगा। तत्काल प्रभाव से लागू नए आदेशों में एसडीओ (सिविल) और डीआरओ को उप-पंजीयक और संयुक्त उप-पंजीयक के कार्यों और जिम्मेदारियों का पालन करने का अधिकार दिया जाएगा। संपत्ति विलेखों की मौजूदा क्रम संख्या, जो वर्तमान में जिला मुख्यालय के तहसील कार्यालयों में उपलब्ध है, उसका अब संबंधित जिला मुख्यालय के एसडीओ (सिविल) और डीआरओ द्वारा प्रबंधित व रखरखाव किया जाएगा। इसके अलावा, प्रत्येक स्वतंत्र उप-मंडल के तहसील मुख्यालयों के भीतर क्रमांकों का प्रबंधन संबंधित एसडीओ (सिविल) द्वारा किया जाता रहेगा। वहीं, उपतहसील कार्यालय जहां नायब तहसीलदार स्वतंत्र रूप से तैनात हैं, वे सामान्य रूप से कार्य करते रहेंगे।
उन्होंने कहा कि संपत्ति पंजीकरण के लिए आवेदन करने वाले आवेदकों को अपाइंटमेंट प्रणाली द्वारा उनके उप-जिला के उप-पंजीयक या संयुक्त उप-पंजीयक के पास इस संबंध में समय दिया जाएगा। सिस्टम नियुक्तियों के लिए अधिकारियों का बेतरतीब ढंग से चयन करेगा और पंजीकरण चाहने वाले आवेदकों को कोई विकल्प नहीं दिया जाएगा। सभी संपत्ति पंजीकरण रिकॉर्ड संबंधित तहसील कार्यालयों के रजिस्टरों में बनाए रखे जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक एसडीओ (सिविल) और डीआरओ को एक योग्य पंजीकरण क्लर्क, दो डेटा एंट्री ऑपरेटर और वेब कैमरे तथा स्वान कनेक्टिविटी के साथ आवश्यक कंप्यूटर उपकरण प्रदान किए जाएंगे, जैसा तहसील कार्यालयों में उपलब्ध है।
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