MDU में गैर शिक्षक कर्मचारी संघ चुनाव : राजकुमार के सिर सजा ताज, 70 वोट से हारे रणधीर

MDU में गैर शिक्षक कर्मचारी संघ चुनाव : राजकुमार के सिर सजा  ताज, 70 वोट से हारे रणधीर
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राजकुमार शर्मा प्रधान निर्वाचित हुए हैं। इन्होंने काफी मजबूत माने जा रहे रणधीर कटारिया को 70 मतों से पराजित किया। शर्मा ने न केवल खुद ही जीते। बल्कि अपने पैनल के तीन और उम्मीदवारों को जीत दिलवाई।

रोहतक। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय गैर शिक्षक कर्मचारी संघ के लिए मंगलवार को मतदान हुआ। इसमें राजकुमार शर्मा प्रधान निर्वाचित हुए हैं। इन्होंने काफी मजबूत माने जा रहे रणधीर कटारिया को 70 मतों से पराजित किया। शर्मा ने न केवल खुद ही जीते। बल्कि अपने पैनल के तीन और उम्मीदवारों को जीत दिलवाई। कटारिया पैनल दो पदों पर विजयी हुआ है। जबकि कुलदीप ग्रोवर पैनल तो पदों की दौड़ में कहीं खड़े भी दिखाई नहीं दिए। राजकुमार शर्मा को 334 और कटारिया को 264 वोट हासिल हुए, जबकि तीसरे पैनल के उम्मीदवार कुलदीप ग्रोवर को तो मात्र 122 मतों से ही सब्र करना पड़ा। ग्रोवर अपने गुट के जिन पारंपरिक वोटों के सहारे मैदान में कूदे थे, उनमें से एक शहरी विशेष समुदाय के वोटों को राजकुमार शर्मा अंदरखाने झटक ले गए। इन मतों पर ही भरोसा करके, ग्रोवर ने बोहत के भरोसे अपनी लुटिया किनारे पर ही डूबो ली।

कुल मिलाकर चुनाव शांतिपूर्वक हुआ। प्रशासनिक भवन में बनाए गए बूथ पर 750 मतों से मे 724 वोट सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक डाले गए। मताें की गिनती के बाद रिजल्ट घोषित कर दिए गए। ध्यान रहे कि कुलदीप ग्रोवर, फूल कुमार बोहत गुट के उम्मीदवार थे। ग्रोवर को तो एससी कैटेगरी के वोट भी पूरे नहीं मिल पाए। जबकि बोहत अपने आपको एससी वर्ग का नेता घोषित किए हुए हैं। चुनाव प्रचार के दौरान कटारिया का पलड़ा भारी बताया जा रहा था। लेकिन शर्मा ने कटारिया के मतोंं में ऐसी सेंध लगाई कि उन्हें औंधे घड़े पानी पिला दिया। कटारिया की हार का ठीकरा निवर्तमान प्रधान जयबाग मलिक और उसके समर्थकों के सिर ही फोड़ा जा रहा है। क्योंकि रणधीर इसी गुट से उम्मीदवारी कर रहे थे। कटारिया खुद चारों खाने चित्त हो गए। लेकिन इनके पैनल में सह सचिव का चुनाव लड़ रहे वरूण सैनी काेषाध्यक्ष हरदीप हुड्डा विजयी हुए हैं।

ध्यान ये भी रहे कि अगर एक मांग को अपवाद मान लें तो कर्मचारियों की बाकि डिमांड जयबाग पूरी नहीं करवा पा रहे। लेकिन बंदे की दाद देनी पड़ेगी कि जो मांग इन्होंने पूरी करवाई, उसमें इनकी ठसकदारी दिखाई दी। यूनिवर्सिटी प्रशासन को अगर बीते पांच-सात साल में किसी ने घुटनों के बलों चलाया तो वे जयबाग मलिक ही हैं। स्टेनोे के मामले को लेकर प्रशासन को मांग पत्र दिया और कहा कि अगर डिमांड पूरी नहीं हुई तो आंदोलन शुरू हो जाएगा। आंदोलन शुरू हुआ। लेकिन इस दौरान प्रधान जयबाग अधिकारियों के दरवाजों पर जाकर खड़े नहीं हुए। बल्कि दो टूक कहा कि मांग पूरी की जाएं और आंदोलन स्वत ही खत्म हो जाएगा। तीन दिन तक यूनिवर्सिटी प्रशासन ने दिन रात एक करके मलिक की मांग को पूरा किया। चूंकि रणधीर कटारिया की भी सेवानिवृत्त राजकुमार शर्मा के साथ ही नवंबर 2025 में होनी है। और इन्होंने भी ऐलान किया हुआ था कि ये उनका अंतिम चुनाव है। चूंकि अब कटारिया चुनाव हार गए हैं, हो सकता है कि वर्ष 2024 में होने वाले चुनाव में फिर से किस्मत आजमाएं। लेकिन इनके काफी नजदीकी लोगों का कहना है कि अब शायद कटारिया मैदान में नहीं आएंगे। यहां ये भी ध्यान रहे कि सत्ता का लोभ कोई छोड़ता नहीं है।

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