अंबाला में बनेगा उत्तर भारत का राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को जमीन ट्रांसफर

Haryana : उत्तर भारत की पहली राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) की शाखा को स्थापित करने के लिए जमीन ट्रांसफर की प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया है। गुरुवार को प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग द्वारा एनसीडीसी शाखा के लिए अम्बाला छावनी में 4 एकड़ 11 मरले जमीन को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के नाम ट्रांसफर किया गया। जमीन की रजिस्टरी छावनी तहसील में हुई।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से एडिशनल डायरेक्टर डा. अनिल दिगम्बर पाटिल एवं हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग (Haryana Health Department) की ओर से अम्बाला के सीएमओ कुलदीप सिंह जमीन ट्रांसफर की कार्रवाई के दौरान तहसील में मौजूद रहे। गौरतलब है कि अम्बाला छावनी के नग्गल में 20 करोड़ रुपए की लागत से पहले चरण में एनसीडीसी की शाखा के लिए 4 मंजिला बिल्डिंग को बनाया जाएगा, इसके बाद द्वितीय चरण में यहां आधुनिक उपकरणों से लैस लैब स्थापित होगी। इससे पहले नगर परिषद अम्बाला सदर ने जमीन को प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के नाम 2.03 करोड़ रुपए में ट्रांसफर किया था जिसके बाद अब जमीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को सौंपी गई है।
जीनोम सिक्वेंसिंग हो सकेगी अम्बाला में : अनिल विज
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने बताया कि अम्बाला में स्थापित हो रही राष्ट्रीय स्तर की एनसीडीसी शाखा (NCDC Branch) में कई गंभीर, नए रोग एवं वायरस की जांच होगी और उनके आंकड़ों का विश्लेषण होगा। लैब में वायरस को जानने के लिए जीनोम सिक्वेसिंग होगी सकेगी। इसके अलावा लैब में नीपा वायरस, जीका वायरस, रैबीज, जूनाटिक रोग, कोविड-19, ओमीक्रॉन, हेपाटाइटिस के अलावा अन्य गंभीर वायरस की जांच और सभी प्रकार के नए टेस्ट भी होंगे। इससे बीमारियों की जल्द पहचान एवं उनके निदान में महत्वपूर्ण भूमिका अदा हो सकेगी।
दिल्ली में होते थे अब तक आधुनिक टेस्ट, अब अम्बाला में होंगे : अनिल विज
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने बताया अब तक इस प्रकार के टेस्ट केवल दिल्ली स्थित एनसीडीसी में होते थे, मगर अब अम्बाला में इसके स्थापित होने से अम्बाला उत्तर भारत का प्रमुख जांच केंद्र बन जाएगा। इससे समय की बचत भी होगा। समूचे उत्तर भारत से गंभीर एवं नई बीमारियों के सेंपल अम्बाला स्थित लैब में चैक किए जाएंगे और जीवाणुओं पर रिसर्च भी यहीं पर की जाएगी। इसके बाद जांच में जो नतीजे आएंगे उसी हिसाब से ईलाज का परामर्श स्वास्थ्य विभागों को दिया जाएगा। उत्तर भारत में हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश व जम्मू-कश्मीर में इस तरह की अब तक कोई शाखा नहीं है। शाखा द्वारा विभिन्न वैक्सीन, दवाइयों व अन्य नैदानिक किट की उपलब्धता के लिए भी कार्य करेगा।
अम्बाला में 'स्टेट ऑफ आर्ट' होगी शाखा : डा. अनिल दिगम्बर पाटिल
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के एडिशनल डायरेक्टर डा. अनिल दिगम्बर पाटिल ने बताया बताया कि एनसीडीसी की 'स्टेट ऑफ आर्ट' शाखा का निर्माण अम्बाला में किया जा रहा है जोकि पूर्णतय दिल्ली के अधीन होगी। यहां 'स्टेट ऑफ आर्ट लैब' पर्यावरण अनुकूल होगी। लैब में ठीक वैसा सेटअप होगा जैसा केंद्रीय स्तर पर दिल्ली की लैब में है। दिल्ली और अम्बाला में समन्वय स्थापित होगा और जो स्टडी होगी उसपर आगे संयुक्त तौर पर कार्य किए जाएंगे। यहां पर लैब जल्द बनाई जाएगी जिसमें आधुनिक मशीने होंगी। इनमें जिनोम सिक्वेंसिंग एवं अन्य आधुनिक टेस्ट किए जाएंगे। आवश्यकता एवं समय अनुसार मशीनों को लगाया जाएगा। शाखा की स्थापना के लिए 20 करोड़ खर्च किए जाएंगे व इसका डिजाइन पास हो चुका है।
राष्ट्रीय लैब अम्बाला में गर्व की बात, वायरस की जांच व निगरानी होगी : डा. कुलदीप सिंह
अम्बाला के सीएमओ डा. कुलदीप सिंह ने बताया कि यह गर्व की बात है कि यहां पर राष्ट्रीय स्तर की लैब स्थापित हो रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को जमीन ट्रांसफर कर दी गई है। यहां लैब की स्थापना से पूरे उत्तर भारत के राज्यों को फायदा मिलेगा। नई बीमारियों एवं उनके वायरस की जांच आधुनिक मशीनों से इस राष्ट्रीय लैब में होगी। यहां पर बीमारियों एवं वायरस की निगरानी होगी और लगातार जांच होगी। बीमारियों को कैसे रोका जाए तुरंत इसके टेस्ट किए जा सकेंगे। कोरोना सेंपल की जांच के लिए पहले दिल्ली व पूना लैब पर निर्भर रहना पड़ता था, मगर यहां भी अब नई बीमारियों की जांच हो पाएगी।
तीन चरणों में बनेगी एनसीडीसी ब्रांच, यह उपकरण होंगे
तीन चरणों में एनसीडीसी ब्रांच का निर्माण पूरा किया जाएगा। पहले और दूसरे चरण में बिल्डिंग का निर्माण कार्य पूरा किया जाएगा जिसके बाद तीसरे चरण में लैब की स्थापना होगी। यहां पर करोड़ों रुपए की लागत से आधुनिक उपकरण लगाए जाएंगे जिनमें बॉयो सेफ्टी केबिनेट, इन्क्यूबेटर, नॉन रेफ्रिजरेट सेंट्रीफ्यूज, कोल्ड सेंट्रीफ्यूज, रियल टाइम पीसीआर मेशीन, ड्राइ ब्लॉक इनक्यूबेटर, रेफ्रिजरेटर, ऑटोक्लेव, हॉट एयर ओवन, डीप फ्रीजर, ट्रेनिंग माइक्रोस्कोप, लाइट माइक्रोस्कोप कम्पाउंड, एलीसा रीडर विद वॉशर, माइक्रोपिपटीस्ट ऑफ ऑल साइज, मिली-क्यू वॉटर प्योरीफायर एवं अन्य उपकरण होंगे।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS