Haryana Cabinet : कितने पढ़े-लिखे हैं हरियाणा के मंत्री, कौन कितना धनवान, जानिये

ओ.पी. पाल : रोहतक
दो दिन पहले मंगलवार को ही हरियाणा सरकार के मंत्रिमंडल में भाजपा के डा. कमल गुप्ता और जजपा के देवेन्द्र सिंह बबली को शामिल किया गया है। अब मुख्यमंत्री मनोहरलाल समेत हरियाणा मंत्रिमंडल के सदस्यों की संख्या बढ़कर 14 हो गई है। मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद हरियाणा मंत्रिमंडल के सदस्यों की घोषित वित्तीय, आपराधिक, शिक्षा, लिंग और अन्य विवरण को लेकर एडीआर के विश्लेषण किया है। इस रिपोर्ट के तथ्यों के आधार पर जो तथ्य सामने आए हैं उसमें एक दिलचस्प पहलू ये है कि देश में शायद हरियाणा मंत्रिमंडल ही ऐसा है जिसमें कोई आपराधिक दाग नहीं है। इन तथ्यों में यह भी है कि मंत्रिमंडल के सभी सदस्य करोड़पतियों की फेहरिस्त में शामिल हैं।
हरियाणा सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल की टीम में 14 सदस्य शामिल हो गए हैं, जिनमें दस भाजपा, तीन जजपा व एक निर्दलीय मंत्री हैं। एक महिला समेत मनोहर लाल के मंत्रिमंडल की टीम का हरेक सदस्य करोड़पति है, जिनकी औसत संपत्ति 17.73 करोड़ रुपये की दर्ज की गई है। यह खुलासा हरियाणा मंत्रिमंडल के एक दिन पहले हुए विस्तार के बाद मंत्रियों द्वारा घोषित शपथ पत्रों का अध्ययन करने के बाद गैर सरकार संस्था एडीआर ने विश्लेशण के बाद एक रिपोर्ट में किया है। हरियाणा के नवनिर्वाचित विधायकों में करोड़पति विधायकों की संख्या 84 यानि 93 फीसदी है।
इस रिपोर्ट के अनुसार मंत्रिमंडल के सदस्यों में भिवानी जिले की लोहारू विधानसभा से निर्वाचित जय प्रकाश दलाल सबसे ज्यादा 76.75 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ टॉप पर हैं, जबकि सबसे कम 1.17 करोड़ रुपये की संपत्ति वाले मंत्रियों में अंबाला कैंट से निर्वाचित विधायक अनिल विज हैं। इनके अलावा उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला 74 करोड़ की संपत्ति के साथ दूसरे पायदान पर है। जबकि हरियाणा के मुख्यमंत्री सवा करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ मंत्रिमंडल के करोड़पतियों में 11वें स्थान पर हैं। मंत्रिमंडल के सदस्यों द्वारा घोषित वित्तीय विवरण के अनुसार मुख्यमंत्री मनोहर लाल को छोड़कर सभी 13 मंत्रियों ने देनदारी भी घोषित की है, जिसमें सबसे ज्यादा छह करोड़ की देनदारी जेपी दलाल के ऊपर है। जबकि दुष्यंत चौटाला ने 5 करोड़ रुपये की देनदारी की जानकारी दी है। इसके अलावा बाकी मंत्रियों ने एक लाख से 62 लाख रुपये तक की देनदारी घोषित की है। मौजादा विधानसभा में दाखिल हुए करोड़पति विधायकों में भाजपा के 40 विधायकों में से 37, कांग्रेस के 31 में 29 और जननायक जनता पार्टी के 10, इनेलो व हरियाणा लोकहित पार्टी का एक-एक के अलावा निर्दलीय सात में से छह विधायक इस फेहरिस्त में शामिल हैं।
साफ सुथरा मंत्रिमंडल
देश की केंद्र या किसी भी राज्य सरकार का मंत्रिमंडल ऐसा नहीं है जिसमें आपराधिकि छवि वाला सदस्य न हो। लेकिन हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री समेत सभी 14 मंत्रिमंडल के सदस्यों में किसी के खिलाफ आपराधिक दाग नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार हालांकि वर्ष 2019 में हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा चुनाव में नवनिर्वाचत विधायकों में 12 विधायक ऐसे सामने आए थे, जिनके खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं। ऐसे विधायकों में सबसे ज्यादा कांग्रेस के चार, भाजपा के दो, जजपा, इनेलो व एचएलपी का एक-एक विधायक शामिल रहा। जबकि इनके अलावा तीन निर्दलीय विधायकों पर भी अपराधिक दाग सामने आया था। हालांकि इस चुनावी जंग में 117 अपराधिक पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशियों ने अपनी किस्मत आजमाई थी। निर्वाचित एक दर्जन दागियों में सात ऐसे दागी विधानसभा में हैं जिनके खिलाफ हत्या जैसे संगीन गंभीर मामले लंबित है।
पूर्णत: शिक्षित मंत्रि परिषद
हरियाणा विधानसभा में 90 विधायकों में से 62 विधायक उच्च शिक्षा धारक हैं, जिनमें 27 स्नातक, 19 प्रोफेशनल स्नातक, 14 स्नातकोत्तर और दो डॉक्टर शामिल हैं। इनके अलावा 14 इंटरमिडिएट, 10 हाईस्कूल पास, 2 आठवीं पास और एक पांचवी पास विधायक निर्वाचित हुए हैं। जब एक विधायक ऐसा है, जो अनपढ़ है। जबकि मनोहर लाल मंत्रिमंडल में 11 यानि 79 फीसदी मंत्रियों की शैक्षिक योग्यता स्नातक या उससे ज्यादा है। उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, मूलचंद शर्मा व डा. कमल गुप्ता पोस्ट ग्रेज्युएट तथा मुख्यमंत्री समेत आठ ग्रेज्युएट तथा बाकी तीन यानि 21 फीसदी मंत्री ही ऐसे हैं जिनकी शैक्षिक योग्यता इंटरमिडिएट है।
सदन में दस फीसदी महिला
हरियाणा विधानसभा में इस बार महिला विधायकों की संख्या में कमी आई है यानि 90 विधायकों में केवल नौ महिलाओं ने ही जीत हासिल की है। जबकि वर्ष 2014 के चुनाव में 13 महिलाएं निर्वाचित होकर विधानसभा में दाखिल हुई थी। इस बार चुनाव में 104 महिलाओं ने अपनी किस्मत आजमाई थी। जबकि विधानसभा में 27-27 युवा एवं बुजुर्ग विधायक दाखिल हुए है, जबकि 36 विधायकों की संख्या 50 से 60 आयुवर्ग के हैं। इसमें 31 से 50 आयु वर्ग के 27 और 60 से 80 आयु वर्ग के विधायक विधानसभा में अपने अनुभव को साझा करेंगे।
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