दुग्ध समितियों को बंद करने का नोटिस जारी

दुग्ध समितियों को बंद करने का नोटिस जारी
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जिन दुग्ध समितियों में पिछले लंबे समय से कामकाज शून्य हैं और उन पर बेकार में ऑडिट फीस आदि का आर्थिक बोझ बढ़ रहा उन्हें वाइंड-अप किया जा रहा है।

हरिभूमि न्यूज. सफीदों

सहकारी विभाग के दी हिसार-जींद कोऑपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर्स यूनियन की तरफ से दुग्ध संघ हिसार-जींद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने सफीदों उपमंडल की 40 सहकारी दुग्ध समितियों को बंद करने का नोटिस इनके प्रबंधकों को जारी किया है। विभागीय अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि जिन दुग्ध समितियों में पिछले लंबे समय से कामकाज शून्य हैं और उन पर बेकार में ऑडिट फीस आदि का आर्थिक बोझ बढ़ रहा उन्हें वाइंड-अप किया जा रहा है ताकि अनावश्यक खर्चों से ये समितियां बच सकें।

इन समितियों में 14 समिति पिल्लूखेड़ा खंड की हैं जबकि 26 समितियां सफीदों खंड की हैं। सरकार ने ग्राम स्तर पर दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने व पशु पालकों की आय में सुधार को उनका दूध खरीदने के मकसद के साथ सहकारी दुग्ध समितियों का पंजीकरण करीब पांच दशक पूर्व शुरू किया था लेकिन इनमें ज्यादातर समितियां लगभग दो दशकभर से कामकाज नहीं कर पा रही हैं जबकि ऐसी समितियों पर सहकारी विभाग की ऑडिट फीस 20 वर्ष में 10 रुपये से बढ़कर दो हजार रुपये हो गई है। अधिकारी ने बताया कि ऐसी समितियों को इनके सदस्य चालू करना चाहेंगे तो वे ऑडिट फीस अदा करके इन्हें दोबारा से चालू कर सकेंगें। ऐसी समितियां हर गांव में हैं लेकिन सफीदों खंड में केवल 13 व पिल्लूखेड़ा खंड में 25 समिति ही काम कर रही हैं। ऐसी समितियों के सदस्यों को 15 दिन का नोटिस विभाग के कार्यकारी अधिकारी द्वारा जारी किया गया जिसमे कहा गया है कि वे इस दिशा में अपनी रूचि सपष्ट करें।

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