उकलाना व नारनौंद के ड्राफ्ट डेवलपमेंट प्लान-2031 की अधिसूचना प्रकाशित

उकलाना व नारनौंद के ड्राफ्ट डेवलपमेंट प्लान-2031 की अधिसूचना प्रकाशित
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सरकार द्वारा उकलाना व नारनौंद में नियंत्रित क्षेत्र लागू होने के बाद पहली बार मास्टर प्लान प्रकाशित किए गए हैं। इस बारे में सुझाव व आपत्तियां हिसार में जिला नगर योजनाकार कार्यालय में किसी भी कार्यदिवस को दी जा सकती हैं।

हिसार। हरियाणा (Haryana) के नगर तथा ग्राम आयोजना विभाग तथा शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने नियंत्रित क्षेत्र उकलाना व नारनौंद के प्रारूप विकास योजना-2031 की अधिसूचना का प्रकाशन करते हुए इसके संबंध में आमजन से एक माह के भीतर सुझाव व आपत्तियां (Suggestions and objections) आमंत्रित की हैं। सुझाव व आपत्तियां हिसार में जिला नगर योजनाकार कार्यालय में किसी भी कार्यदिवस को दी जा सकती हैं।

सरकार द्वारा उकलाना व नारनौंद में नियंत्रित क्षेत्र लागू होने के बाद पहली बार मास्टर प्लान प्रकाशित किए गए हैं। नारनौंद की 2031 तक की प्रस्तावित 99000 आबादी के लिए प्रारूप विकास प्लान-2031 ई. का प्रकाशन किया गया है। वर्तमान में उकलाना शहर का क्षेत्रफल 235 हेक्टेयर है। प्रारूप विकास प्लान-2031 में 996 हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि उपयोगों का प्रस्ताव किया गया है।

उकलाना विकास प्लान-2031 के अंतर्गत रिहायशी श्रेणी में 491 हेक्टेयर (49.30 प्रतिशत), वाणिज्यिक श्रेणी में 53 हेक्टेयर (5.32 प्रतिशत), औद्योगिक श्रेणी में 82 हेक्टेयर (8.25 प्रतिशत), परिवहन तथा संचार के लिए 140 हेक्टेयर (14.05 प्रतिशत), सार्वजनिक उपयोग के लिए 51 हेक्टेयर (5.12 प्रतिशत), सार्वजनिक तथा अर्ध-सार्वजनिक श्रेणी में 88 हेक्टेयर (8.83 प्रतिशत), खुले स्थल के लिए 91 हेक्टेयर (9.13 प्रतिशत) भूमि का उपयोग प्रस्तावित है।इसी प्रकार सरकार द्वारा नारनौंद की 2031 तक की प्रस्तावित 42000 आबादी के लिए प्रारूप विकास प्लान-2031 ई. का प्रकाशन कर दिया गया है। वर्तमान में नारनौंद शहर का क्षेत्रफल 149 हेक्टेयर है। प्रारूप विकास प्लान-2031 में 483 हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि उपयोगों का प्रस्ताव किया गया है। इस प्रकार नारनौंद का कुल शहरीकरण क्षेत्र 632 हेक्टेयर करने की योजना है।

जिला नगर योजनाकार जेपी खासा ने बताया कि नारनौंद विकास प्लान-2031 के अंतर्गत रिहायशी श्रेणी में 248 हेक्टेयर (51.34 प्रतिशत), वाणिज्यिक श्रेणी में 27 हेक्टेयर (5.59 प्रतिशत), औद्योगिक श्रेणी में 42 हेक्टेयर (8.70 प्रतिशत), परिवहन तथा संचार के लिए 70 हेक्टेयर (14.79 प्रतिशत), सार्वजनिक उपयोग के लिए 12.50 हेक्टेयर (2.59 प्रतिशत), सार्वजनिक तथा अर्ध-सार्वजनिक श्रेणी में 38.50 हेक्टेयर (7.97 प्रतिशत) तथा खुले स्थल के लिए 45 हेक्टेयर (9.32 प्रतिशत) भूमि का उपयोग प्रस्तावित है।

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