अब केंद्रीय विश्वविद्यालयों में Common Entrance Test के जरिए मिलेगा दाखिला

जेएनयू, जामिया और दिल्ली विश्वविद्यालय समेत देश के कुल 41 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में जल्द ही एक कॉमन एंट्रेंस टेस्ट के जरिए छात्रों के लिए दाखिला लेने की प्रक्रिया की शुरुआत हो जाएगी। क्योंकि इसके लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय दिसंबर के अंत तक जरूरी जानकारी को सार्वजनिक करने की तैयारी कर रहा है।
मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि पहले कोरोना महामारी की वजह से सेंट्रल यूनिवर्सिटी कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सीयूसीईटी) को रोककर रखा गया था। लेकिन अब इसे आयोजित कराए जाने को लेकर विचार किया जा रहा है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धमेंद्र प्रधान की तरफ से अंतिम मंजूरी मिलते ही मंत्रालय सीयूसीईटी परीक्षा के लिए तारीखों का ऐलान कर देगा। जिससे विश्वविद्यालयाें और छात्रों को परीक्षा के संबंध में तैयारी करने का समय भी मिल जाएगा। मंत्रालय ने इस प्रवेश परीक्षा को लेकर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की एक समिति भी गठित की थी। जिसकी हालिया मिली रिपोर्ट के आधार पर शिक्षा मंत्रालय मौजूदा साल के अंतिम महीने यानि दिसंबर के अंत तक संबंधित जानकारियों को अंतिम रूप देने जा रहा है।
एनटीए करेगी परीक्षा का आयोजन
12वीं कक्षा के बाद कॉलेजों में स्नातक, स्नातकोत्तर और एमफिल-पीएचडी जैसे उच्च-शक्षिा से जुड़े हुए पाठ्यक्रमों में दाखिला लेने के लिए होने वाली यह प्रवेश परीक्षा पूरी तरह से कंप्यूटर पर होगी। इसका आयोजन राष्ट्रीय टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा किया जाएगा। परीक्षा राष्ट्रीय शिक्षा नीति (2020) के तहत पहली बार आयोजित की जाएगी। टेस्टिंग एजेंसी ही छात्रों का स्कोर और नॉर्मलाइज्ड स्कोर जारी करेगी। सीयूसीईटी परीक्षा में 50 फीसदी से अधिक अंक लाना अनिवार्य होगा। जबकि इसमें 12वीं कक्षा के अंकों को 50 फीसदी से ज्यादा महत्व नहीं दिया जाएगा। परीक्षा दो भागों में कुल तीन घंटे में पूरी होगी। पहले कॉमन एप्टीट्यूड और डोमेन विशेष परीक्षा इसमें मुख्य हैं। परीक्षा के पहले भाग में 50 सवालों को 60 मिनट में हल करना पड़ेगा और दूसरे भाग में 30 सवालों को दो घंटे में हल करना होगा। दोनों भागों के बीच टाइम गैप नहीं रखा गया है।
पूर्वोत्तर, ग्रामीण वर्ग के छात्रों को बराबर मौका
इस परीक्षा का आयोजन कराने के पीछे केंद्र का उद्देश्य पूर्वोत्तर भारत और देश के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले बच्चों को समान अवसर प्रदान करना है। परीक्षा से छात्र एक फार्म की मदद से किसी भी केंद्रीय विश्वविद्यालय में दाखिला ले सकेंगे। साथ ही इसके आयोजन से विश्वविद्यालयों की तरफ से हर साल नेशनल एंट्रेंस एग्जाम पर खर्च किए जाने वाली फंड की भी बचत होगी। गौरतलब है कि अभी दिल्ली विश्वविद्यालय के तहत आने वाले विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए एक अलग परीक्षा आयोजित की जाती है। जबकि इसी तर्ज पर अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालय भी अपनी अलग प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं।
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