Rohtak : अब उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में खुलेगा मध्यस्थता केंद्र

विजय अहलावत : रोेहतक
अब उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (Consumer Disputes Redressal Commission) में उपभोक्ताओं के लिए मध्यस्थता केंद्र भी होगा। जिसमें उपभोक्ता समेत दोनों पक्ष आयोग द्वारा नियुक्त अधिकारी के समक्ष समझौते की बात रख सकेंगे। राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (National Consumer Disputes Redressal Commission) के नए दिशा-निर्देशों के बाद यह प्रावधान किया गया है। जल्द ही सभी आयोग में सैल गठित किए जाएंगे। इससे पहले उपभोक्ता फोरम में समझौते के लिए मिडिएशन की सुविधा नहीं थी। इसके अलावा भी उपभोक्ताओं को कई और राहत दी गई हैं।
बता दें कि हर महीने करीब 15 केस यहां आते हैं, अब तक 1200 केस लंबित हैं। पहले आयोग में किसी भी कंपनी के खिलाफ केस दायर किया जाता था तो मध्यस्था नहीं हो पाती थी। आयोग द्वारा दोनाें पक्षों की बात सुनने और तथ्य देखने के बाद फैसला सुनाया जाता था लेकिन अब दोनाें पक्षों के बीच एक और विकल्प रखा गया गया है। जिसके बाद आयोग में ही अलग से मध्यस्था हो सकेगी। दाेनों पक्षों की मांग पर आयोग द्वारा अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। जिसकी मौजूदगी में दोनों पक्षों के बीच बातचीत होगी। हालांकि सैल के गठन के लिए राष्ट्रीय आयोग की तरफ से जारी दिशा-निर्देशों की पालना की जाएगी। जल्द ही इस मामले को लेकर चंडीगढ़ में बैठक होनी तय हुई है।
एक करोड़ तक के विवाद का हो सकेगा निपटारा
आयोग में अब एक करोड़ तक के विवादाें का निपटारा हो सकेगा। पहले फौरम को केवल 20 लाख कीमत तक के विवाद ही सुनने का अधिकार था। इससे ज्यादा राशि के मामलों में उपभोक्ताओं को चंडीगढ़ जाना पड़ता था। नए कानून के तहत एक करोड़ तक के विवाद रोहतक आयोेग में ही सुुने जाने से हजारों उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिली है क्योंकि ज्यादातर केस प्लाट, जमीन, फ्लैट को लेकर हाेते हैं, जिसकी कीमत 20 लाख से ज्यादा ही होती है।
सामान कहीं से खरीदो केस यहां सुना जाएगा
नए कानून के तहत देशभर के उपभाेेक्ताओं काे बड़ी राहत दी गई है। अक्सर उत्पाद के बिल पर लिखा होता है कि किसी भी विवाद में स्थानीय न्यायालय में केस चलेगा। लेकिन इसके विपरित अब आप मोबाइल, वाशिंग मशीन, फ्रिज, कार, कम्प्यूटर समेत कोई भी उपकरण देश में किसी भी हिस्से से खरीद सकते हैैं। उनका विवाद उसी जिले के आयोेग में सुना जाएगा जहां आप रहते हैं। आयोग की कार्रवाई पर कंपनी को न केवल अपना जवाब देेना होगा बल्कि आयोेग के फैसले पर उपभोेक्ता को मुआवजा भी देना होगा। नए कानून में फेरबदल कर उपभोक्ताओं के लिए न्याय मिलना और आसान किया गया है।
जल्द न्याय मिलेगा
नए कानून के तहत उपभोक्ताओं को जल्द न्याय दिलाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। 20 लाख से ज्यादा विवाद होने पर पहले चंडीगढ़ जाना होता था। अब एक करोड़ तक के मामले की जिले में सुनवाई होगी। इसके अलावा मिडिएशन सेल खोली जाएगी। जिसमें कंपनी और उपभोक्ता केे बीच समझौता हो सकता है। साथ ही उपभोक्ता के अपने मूल जिला में केस की सुनवाई होगी। -नागेंद्र कादियान, अध्यक्ष जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग
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