रेवाड़ी : अब ग्रीन पटाखों से ही मनाई जा सकेगी दिवाली, बिक्री और उत्पादन पर लगाई रोक

रेवाड़ी : अब ग्रीन पटाखों से ही मनाई जा सकेगी दिवाली, बिक्री और उत्पादन पर लगाई रोक
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सुप्रीम कोर्ट की ओर से एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए पटाखों के इस्तेमाल पर रोक लगाई हुई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश और हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सलाह के आधार पर डीसी ने पटाखों की बिक्री, उत्पादन और किसी भी तरह के प्रयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है।

हरिभूमि न्यूज. रेवाड़ी

दिवाली पर्व पर पटाखों के कारण होने वाले वायु प्रदूषण को देखते हुए डीसी अशोक कुमार गर्ग ने एक्सप्लोजिव एक्ट व इंडियन पैनल प्रोसेस 1973 के तहत प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए जिले में पटाखों की बिक्री और उत्पादन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। दिवाली पर्व तक केवल ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल की ही छूट रहेगी।

इस पर्व पर आतिशबाजी का जमकर इस्तेमाल होता है। दिवाली पर्व के बाद कई दिनों तक आतिशबाजी का धुआं वायुमंडल में घुला रहता है, जिस कारण समूचे एनसीआर एरिया में एक्यूआई काफी बढ़ जाता है। गत वर्ष दिवाली पर्व के बाद कई दिनों तक आसमान में धुआं छाया रहा था। सुप्रीम कोर्ट की ओर से एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए पटाखों के इस्तेमाल पर रोक लगाई हुई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश और हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सलाह के आधार पर डीसी ने पटाखों की बिक्री, उत्पादन और किसी भी तरह के प्रयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है।

बेचते पाए गए तो होगी कार्रवाई

डीसी अशोक कुमार गर्ग ने बताया कि दिवाली पर्व पर अपने लालच में कुछ दुकानदार आतिशबाजी का भंडारण और इसकी बिक्री करने में पीछे नहीं रहते। ऐसे दुकानदारों के खिलाफ पकड़े जाए पाने पर कड़ा एक्शन लिया जाएगा। उन्होंने दुकानदारों और आमजन से अपील की कि वह इस पर्व पर ग्रीन पटाखों का इस्तेमाल ही करें।

इन विभागों को सौंपी जिम्मेदारी

डीसी ने पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए पुलिस विभाग, पंचायत विभाग, नगरपरिषद अधिकारियों और तहसीलदार को जिम्मेदारी सौंपी है। उन्होंने इन विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह संबंधित क्षेत्रों में नियमों की उल्लंघना करने वाले लोगों पर नजर रखते हुए आवश्यक कार्रवाई अमल में लाएं। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि किसी समारोह में आतिशबाजी से आमजन को परेशानी नहीं हो।

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