अब खाइए पीले और बैंगनी रंग की फूलगोभी, किसानों को होगा अच्छा मुनाफा, स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद

कमल धीमान : घरौंडा ( करनाल )
सफेद गोभी की तरह अब किसान पीले और बैंगनी रंग की गोभी भी खेत में उगा सकेंगे। इंडो-इजराइल के सब्जी उत्कृष्टता केंद्र में रंगीन गोभी का डेमोस्ट्रेशन सफल रहा है। सीइवी के आउटलेट पर भी 80 रुपये किलो गोभी बेची जा रही है। रंगीन गोभी ना सिर्फ किसान को अच्छा मुनाफा देगी, बल्कि लोगों के लिए भी सेहतमंद साबित होगी। नॉर्मल गोभी के मुकाबले रंगीन गोभी में ज्यादा पोषक तत्व मिलेंगे। केंद्र के विशेषज्ञ अब किसानों को रंगीन गोभी की खेती के तरफ जागरूक करने के लिए कार्य करेंगे।
इंडो-इजराइल के सहयोग से स्थापित सब्जी उत्कृष्टता केंद्र घरौंडा विभिन्न तरह की सब्जियों का प्रदर्शन प्लांट लगाता है। जिसमें उसके उत्पादन, गुणवत्ता और खर्च की गणना करता है। यदि प्रदर्शन प्लांट में कोई भी नई सब्जी सफल रहती है तो उसे किसानों तक पहुंचाया जाता है, ताकि कम खर्च में किसान अच्छा मुनाफा कमा सके। सीईवी के विशेषज्ञ डॉ. पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि पहले रंगीन शिमला मिर्च का चलन आया। जिसकी ना सिर्फ अच्छी डिमांड मार्किट में रही, बल्कि उत्पादकों ने भी अच्छा मुनाफा कमाया और आज भी रंगीन शिमला मिर्च का रेट मार्किट में अच्छा जाता है उसी तर्ज पर अब सीईवी ने रंगीन गोभी का डेमोस्ट्रेशन प्लांट लगाया है।
जिसमें बैंगनी ( पर्पल ) व पीले ( यैलो ) कलर की गोभी को लगाया गया है। हालांकि रंगीन गोभी ठंडे इलाको में लगाई जाती थी लेकिन बीज को सामान्य इलाको के लिए तैयार किया गया है और सीइवी पर पहली बार यह वैरायटी लगाई गई है। जिसका उत्पादन भी अच्छा है और गुणवत्ता भी अच्छी है। लेकिन सीईवी के ऑउटलेट पर 80 रुपये प्रति किलो बेची जा रही है। उन्होंने बताया कि किसानों को अब ऑर्गेनिक खेती की तरफ बढऩे की जरूरत है, क्योंकि उपभोक्ता बिना पेस्टीसाइड की सब्जियां खाना चाहता है और ऑर्गेनिक सब्जी के लिए वह अच्छा दाम भी अदा करने से पीछे नहीं हटता। सफेद गोभी की तुलना में रंगीन गोभी में कई गुणा ज्यादा पोषक तत्व होते हैं।
खर्च, उत्पादन और फायदा
डॉ. पुष्पेंद्र बताते हैं कि एक एकड़ में 33 बैड पर करीब 200 से 220 गोभी की रोपाई की जा सकती है। गोभी का एक फूल 750 ग्राम से एक किलोग्राम तक का होता है। एक पौधे से एक किलो का फूल मानकर चले और प्रति एकड़ छह से सात हजार किलो उत्पादन होगा। जिसको 60 या 80 रुपये के हिसाब से भी मार्किट में बेचा जाए तो साढ़े चार से साढ़े पांच लाख रुपये आमदन होती है, जबकि खेत में एक से डेढ लाख रुपये का खर्च ही होता है। इसके अलावा सफेद गोभी की मार्किट में कीमत 20 से 30 रुपए प्रति किलो ही होती है। नॉर्मल गोभी की तरह ही रंगीन गोभी को लगाया जाता है, इसमें अलग से कोई क्रियाकलाप करने की जरूरत नहीं है।
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