अब विश्वविद्यालयों में शुरू होगी KG से PG तक की पढ़ाई, इन बच्चों की फीस भरेगी हरियाणा सरकार

चण्डीगढ। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में केजी से पीजी तक की शिक्षा शुरू की जाए ताकि बच्चों को एक ही स्थान पर गुणवतायुक्त शिक्षा उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में पढने वाले गरीब बच्चों की फीस का भुगतान सरकार की ओर से किया जाएगा। इसके लिए शीघ्र ही नई योजना लाई जाएगी। मुख्यमंत्री विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के दो दिवसीय सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। हरियाणा राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद की ओर से शिक्षा, नीति, स्वरोजगार एवं प्रबंधन को लेकर सम्मेलन आयोजित किया गया। इसमें एसीएस आनन्द मोहन शरण, अतिरिक्त प्रधान सचिव डा. अमित अग्रवाल, निदेशक उच्चतर शिक्षा राजीव रतन एवं शिक्षा परिषद के उपाध्यक्ष बीके कुठियाला सहित सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति भी मौजूद रहे।
गरीब बच्चों की फीस का भुगतान करेगी सरकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवार पहचान पत्र में जिन परिवारों की सत्यापित आय 1.80 लाख रुपए से कम है, उन परिवारों के बच्चों को विश्वविद्यालयों में पढाई करवाने के लिए नई योजना लाई जाएगी। इस योजना के तहत गरीब परिवारों के बच्चों की फीस का भुगतान सरकार की ओर से किया जाएगा ताकि विश्वविद्यालयों पर आर्थिक बोझ न बढे और गरीब बच्चों को उच्च स्तर तक की शिक्षा भी उपलब्ध हो सके।
एक ही स्थान पर केजी से पीजी तक शिक्षा
मुख्यमंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत प्रदेश की एमडीयू रोहतक, कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय, महिला विश्वविद्यालय खानपुर सहित चार विश्वविद्यालयों ने केजी से पीजी तक की शिक्षा एक ही स्थान पर मुहैया करवाना शुरू कर दिया है। प्रदेश की शेष यूनिवर्सिटी भी केजी से पीजी तक की शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए तेजी से कार्य करें ताकि प्रदेश के हर युवा को एक ही स्थान पर उच्चतर तक की शिक्षा आसानी से मिल सके।
रोजगारोन्मुखी कार्यक्रम तैयार किए जाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालयों में एम्लाईमेंट ऑरियेंट प्रोग्राम तैयार किए जाएं तथा कम्प्यूटर एजुकेशन को अनिवार्य रूप से लागू किया जाए ताकि हर युवा कम्प्यूटर में दक्ष एवं निपुण हो सके। वर्तमान तकनीकि युग में हर युवा का कम्प्यूटर में पारंगत होना अनिवार्य है। युवाओं को ऐसी शिक्षा मिले जिससे उन्हें शिक्षा पूरी करने के बाद आसानी से रोजगार सुलभ हो सके। इसके अलावा युवा स्वरोजगार के लिए भी तैयार हो सके। उन्होंने कहा कि युवाओं को गुणवतायुक्त और अच्छी शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए तकनीकी शिक्षा एवं उच्चतर शिक्षा विभाग का समायोजन किया जाएगा। इससे सरकार पर पड़ने वाला अनावश्यक बोझ भी कम होगा और युवाओं को बेहतरीन स्तर की तकनीकी और उच्चतर स्तर की शिक्षा संयुक्त रूप से मिल सकेगी। उन्होंने एलएलबी, इंजीनियरिंग आदि पाठ्यक्रमों में हिन्दी को बढावा देने और अमृत सरोवर योजना के तहत इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों को सरकारी विभागों के साथ जोड़ने के भी निर्देश दिए।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS