किसान आंदोलन : अब आंदोलनरत किसानों ने धरना स्थल पर पशुपालन शुरू किया

हरिभूमि न्यूज : बहादुरगढ़
कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन में आए दिन कुछ न कुछ नया देखने को मिल रहा है। अब तक तो किसानाें द्वारा बाईपास पर खेती की जा रही थी, लेकिन अब पशुपालन भी शुरू कर दिया गया है। दूध की किल्लत बढ़ने पर बाईपास पर ठहरे पंजाब के किसानों ने भैंसे लानी शुरू कर दी हैं। कई किसान भैंस ले आए हैं।
दरअसल, गत 27 नवंबर को किसानों ने यहां पड़ाव डाला था। तब से अब तक अपने हक की मांग उठा रहा है। इस आंदोलन में कुछ न कुछ नई गतिविधियां भी देखने को मिल रही हैं। कहीं किसानों ने हरियाली को बढ़ावा देने के लिए पार्क विकसित कर दिए हैं तो कहीं पर खेती शुरू कर दी। किसान ज्यादा दिन तक खेती और मवेशियों से दूर नहीं रह सकता। यही वजह है कि जगह-जगह क्यारियां लगाई गई हैं। अब तो किसानों ने भैंसें लानी भी शुरू कर दी हैं।
बाईपास पर ठहरे लुधियाना के किसान दूध की व्यवस्था के लिए भैंस ले आए हैं। मुर्राह नस्ल की भैंस करीब एक लाख रुपये में खरीदी गई है। भैंस के लिए चारे-पानी व अलग से कमरे की व्यवस्था की गई है। किसान बलदेव सिंह ने बताया कि पहले हरियाणा के गांवों से खूब दूध आ रहा था। अब गर्मी आ गई है तो दूध की किल्लत बढ़ गई है। गांव के लोग पैकेट का दूध पीना पसंद नहीं करते। इसलिए अब भैंसें लाई जा रही हैं। हम किसान हैं। ज्यादा दिन तक खेतों और अपने पशुओं से दूर नहीं रह सकते। एक लाख रुपये की भैंस लाए हैं। यह लगभग 16 लीटर दूध देती है। जरूरत के हिसाब से और मवेशी लेकर आएंगे। सरकार ये समझ ले कि हम बिना कानून रद्द कराए घर नहीं लौटेंगे।
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