अब घर बैठे ही किसानों को मिलेगी खेती संबंधी हर जानकारी

हिसार : चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय एक साथ सात सामुदायिक रेडियो स्टेशन स्थापित करने वाला देश का पहला कृषि विश्वविद्यालय बन गया है। यह इतिहास विश्वविद्यालय ने उस समय रच दिया जब विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर समर सिंह ने विश्वविद्यालय के विभिन्न कृषि विज्ञान केंद्रों मेें एक साथ तीन सामुदायिक रेडियो स्टेशनों का विधिवत रूप से शुभारंभ किया।
कुलपति ने एक साथ जींद, पानीपत व कुरूक्षेत्र के कृषि विज्ञान केंद्रों पर इन स्टेशनों का उद्घाटन किया। इससे पहले हिसार, झज्जर व रोहतक में पहले से ही सामुदायिक रेडियो स्टेशन चल रहे हैं। सिरसा के कृषि विज्ञान केंद्र के सामुदायिक रेडियो स्टेशन का भी जल्द ही विधिवत रूप से शुभारंभ किया जाएगा।
किसानों व वैज्ञानिकों के होंगे घनिष्ठ संबंध, मिलेगी हर जानकारी
विधिवत रूप से सामुदायिक रेडियो स्टेशनों का उद्घाटन करने के उपरांत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर समर सिंह ने कहा कि रेडियो स्टेशनों के स्थापित होने के बाद किसानों व वैज्ञानिकों के संबंध अधिक घनिष्ठ होंगे और किसानों को हर प्रकार की जानकारी मिलती रहेगी। उन्होंने कहा कि इनसे किसानों को फसलों की उन्नत किस्मों के साथ-साथ उनकी बिजाई संबंधी जानकारी, बिमारियों व कीटों और समाधान संबंधी जानकारी, मौसम सम्बन्धी जानकारी, विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की सलाह, पशुपालन एवं गृह विज्ञान से संबंधित नवीनतम जानकारी प्रदान की जाएगी। व्यक्तिगत रूप से किसानों एवं कृषि-वैज्ञानिकों का आपसी संपर्क कम हो पाता है या संभव ही नहीं होता। ऐसे में सामुदायिक रेडियो स्टेशन कृषि से संबंधित उन्नत तकनीकों की जानकारी पहुंचाने की एक महत्वपूर्ण कड़ी बन सकते हैं। भविष्य में यह सामुदायिक रेडियो स्टेशन उन्नत व नवीनतम तकनीकों के प्रचार-प्रसार में मील का पत्थर साबित होंगे।
स्थानीय संस्कृति व कला को भी मिलेगी पहचान
सामुदायिक रेडियो स्टेशनों के प्रसारणों का कृषि विकास में महत्वपूर्ण योगदान होगा। इन स्टेशनों पर किसानों को ध्यान में रखकर कार्यक्रम प्रसारित किए जाएंगे। इन पर प्रसारित कार्यक्रमों के माध्यम से किसान सम-सामयिक विषयों पर संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। ये रेडियो स्टेशन स्थानीय संस्कृति, कला एवं ज्ञान को भी बढ़ावा देंगें। इन स्टेशनों पर महिलाओं को स्वावलंबी व स्वरोजगारोन्मुखी बनाने संबंधित कार्यक्रम भी सुव्यविस्थत तरीके से अधिक से अधिक प्रसारित किए जाएंगे।
ऐसे होगी सामुदायिक रेडिय़ो स्टेशनों के कार्यक्रमों की रूपरेखा
विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ आर.एस. हुड्डा ने कहा कि यह सभी रेडियो स्टेशन हरियाणा सरकार की राष्ट्रीय कृषि विकास योजना व आत्मा स्कीम के तहत स्थापित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में सबसे पहले 29 नवंबर 2009 को सामुदायिक रेडियो स्टेशन की स्थापना की गई और एफ.एम. 91.2 मैगाहर्टज पर कार्यक्रम प्रस्तुत करने शुरू कर दिए। इन रेडियो स्टेशन से दिन में दो बार सुबह 9:30 बजे से 11:30 बजे तथा शाम को 2:30 बजे से 4:30 बजे कृषि पशुपालन, सरकारी योजनाओं, मौसम संबंधी जानकारी व स्थानीय कलाकारों द्वारा हरियाणवी संस्कृति कार्यक्रम प्रसारित किए जाएंगे। सह-निदेशक (फार्म परामर्श सेवा) डॉ. सुनील ढाण्डा ने कहा कि यह रेडियो स्टेशन एक लंबे एवं जटिल प्रयास का परिणाम है क्योंकि इनको स्थापित करने के लिए विस्तार शिक्षा निदेशालय ने लगातार कई वर्षों तक भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों से एनओसी प्राप्त करने के बाद ही किसानों को समर्पित किए गए हैं। इस परियोजना के नोडल ऑफिसर, सह-निदेशक (विस्तार) डॉ. कृष्ण यादव ने बताया कि इन सामुदायिक रेडियो स्टेशनों की स्थापना भारत सरकार के उपक्रम ब्रॉडकास्टिंग इंजीनियरिंग कंसल्टेंट्स इंडिया लिमिटेड (बेसिल) के सहयोग से की गई है। बेसिल द्वारा पूर्ण तकनीकी सहयोग एवं परामर्श प्रदान किया गया जिससे यह रेडियो स्टेशन आज के आधुनिक समय के सभी चुनौतियों का सामना करने में सक्षम है।
ये रहे समारोह में मौजूद
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में तीनों कृषि विज्ञान केंद्रों के वरिष्ठ संयोजक डॉ. बीपी राणा (जीन्द), डॉ राजवीर गर्ग (पानीपत) एवं डॉ. प्रद्युमन भटनागर (कुरुक्षेत्र), जिला विस्तार विशेषज्ञ, प्रगतिशील किसानों सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद थे।
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