अब 120 की जगह मात्र इतने दिन में ही करवाएं आयकर रिटर्न की ई-वेरिफिकेशन

अब 120 की जगह मात्र इतने दिन में ही करवाएं आयकर रिटर्न की ई-वेरिफिकेशन
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आयकर रिटर्न जमा करने के बाद इसका सत्यापन अनिवार्य होता है। निर्धारित समय में सत्यापन नहीं होने पर आयकर रिटर्न अमान्य मानी जाती है।

हरिभूमि न्यूज : बहादुरगढ़

आयकर विभाग ने रिटर्न जमा करने के बाद ई-वेरिफिकेशन के लिए निर्धारित 120 दिनों की अवधि को घटाकर 30 दिन कर दिया है। विदित है कि आयकर रिटर्न जमा करने के बाद इसका सत्यापन अनिवार्य होता है। निर्धारित समय में सत्यापन नहीं होने पर आयकर रिटर्न अमान्य मानी जाती है। यदि करदाता ने आयकर रिटर्न समय से जमा कर दिया है और ई-वेरिफिकेशन समय से नहीं किया है तो आयकर अधिनियम 1961 के तहत जुर्माना लग सकता है।

जी हां, आयकर रिटर्न भरने के बाद 120 दिनों में ई-वेरिफिकेशन करना अनिवार्य था, लेकिन अब 30 दिन के भीतर रिटर्न का ई-वेरिफिकेशन करना अनिवार्य है। ऐसा नहीं करने पर आयकर रिटर्न फिर से जमा करनी होगी और विलंब शुल्क भी देना होगा। इसके बाद फिर से ई-वेरिफिकेशन करना पड़ेगा। आयकर सलाहकार संजय अनेजा के अनुसार नियमानुसार रिटर्न भेजने के बाद वेरिफिकेशन के लिए एक कॉपी बैंगलुरु भेजनी पड़ती थी। लेकिन ई-वेरिफिकेशन के बाद यह झंझट नहीं रहा। इसके बाद करदाता को आयकर रिटर्न वेरिफिकेशन की भौतिक प्रतिलिपि बैंगलुरु भेजने की जरूरत नहीं है। साथ ही उन्होंने बताया कि आयकर विभाग ने आयकर रिटर्न के ई-वेरिफिकेशन की अवधि 120 दिनों से घटाकर 30 दिन कर दी है। संजय अनेजा के अनुसार आधार के साथ पंजीकृत मोबाइल नंबर पर भेजे गए ओटीपी से वेरिफिकेशन किया जाता है।

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