रेवाड़ी : अब गोवंश के कारण कोई भी हादसा हुआ तो अधिकारियों के खिलाफ होगी एफआईआर, 48 घंटे में देना होगा प्लान

रेवाड़ी :  अब गोवंश के कारण कोई भी हादसा हुआ तो अधिकारियों के खिलाफ होगी एफआईआर, 48 घंटे में देना होगा प्लान
X
डीसी (DC) ने स्पष्ट किया कि शहर को स्ट्रे कैटल (Stray Cattle) फ्री बनाना है तथा इसके लिए नगर परिषद व पशुपालन विभाग मिलकर कमेटियों का गठन करें। कमेटी पशुओं को पकड़ने के साथ उन्हें रखने के लिए जगह की तलाश करने व उनके लिए चारे व पानी की व्यवस्था करेें।

हरिभूमि न्यूज : रेवाड़ी

एक पखवाड़े में दो लोगों की मौत का कारण बने गोवंश (Cattle) के रखरखाव को लेकर नप व पशुपालन विभाग के अधिकारी डीसी (DC) को संतुष्ट नहीं कर पाए। अधिकारियों के रवैए से नाखुश डीसी ने समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि गौवंश के कारण अब कोई हादसा (Any accident) हुआ तो उसके लिए संबंधित एजेंसी के साथ नप ईओ व सचिव के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज होगा। डीसी ने स्पष्ट किया कि शहर को स्ट्रे कैटल फ्री बनाना है तथा इसके लिए नगर परिषद व पशुपालन विभाग मिलकर कमेटियों का गठन करें। कमेटी पशुओं को पकड़ने के साथ उन्हें रखने के लिए जगह की तलाश करने व उनके लिए चारे व पानी की व्यवस्था करेें। डीसी ने अधिकारियों को शहर को स्ट्रे कैटल फ्री व गांवों को आवारा पशु मुक्त बनाने के लिए अपना प्लान पेश कर 48 घंटे में पेश करने के निर्देश दिए।

इससे पहले समीक्षा बैठक में नगर परिषद ईओ ने बताया कि अब तक 450 पशुओं को पकड़कर धारूहेड़ा गोशाला में छोड़ा जा चुका है। ईओ की यह बात सुनने के बाद डीसी ने कहा कि जितने पशु आप पकड़कर गोशाला में छोड़ने की बात कर रहे हैं, उससे ज्यादा तो आज भी शहर की सड़कों व गलियों में आवारा घूम रहे हैं। ऐसे रवैए को अब और अधिक बर्दास्त नहीं किया जाएगा तथा अब गोवंश के कारण कोई भी हादसा होने पर एजेंसी के साथ नप ईओ व सचिव को भी एफआईआर में शामिल किया जाएगा।

डीसी ने कहा कि शहर व गांवों को स्ट्रे कैटल फ्री करना है। इसके लिए जिला के गांवों में जगह का चयन करें। गोवंश को पकड़ने व रखने के लिए समाज व सामाजिक संस्थाओं को अपने साथ जोड़ें। ताकि बेहतर व स्थाई समाधान निकाला जा सके। बैठक में पशु पालन विभाग के उपमंडल अधिकारी डॉ. राजबीर ने कहा कि प्रशासन की तरफ से बनाई जाने वाली गोशालाओं में पशुओं का उपचार व पशुचारा मशीने विभाग की तरफ से मुहैया करवा दी जाएगी। बैठक में एडीसी राहुल हुड्डा, एसडीएम बावल मनोज कुमार, डीएसपी मोहम्मद जमाल, कार्यकारी अधिकारी नप डा. विजयपाल, सचिव नगर पालिका बावल व धारूहेड़ा समयपाल, सीएसआई संदीप, डहीना के बीडीपीओ कार्यालय के समशेर सिंह, रेवाड़ी से संदीप कुमार, खोल से पवन कुमार इत्यादि उपस्थित रहे।

20 एकड़ में रखे जा सकते हैं 15 हजार गोवंश

बैठक में रेवाड़ी गोशाला से प्रदीप डागर ने बताया कि पावटी गांव में 500 एकड़ जमीन है। यदि उसमें से 20 एकड़ जमीन पर पशुओं के लिए व्यवस्था की जाए तो वहां 15 हजार गोवंश को रखा जा सकता है। गोशाला नंगलिया प्रभारी दयाराम आर्य ने कहा कि टींट, पाली व गोठड़ा में पड़ी खाली जमीन भी व्यवस्था कर आवारा पशुओं को रखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को भी आवारा पशु पकड़कर इस प्रकार से बनाई जाने वाली गोशालाओं में छोड़ने की छूट दी जाए। इसके लिए समाज के लोगों को जोड़कर स्पेशल सोसायटियों का गठन किया जाए।

Tags

Next Story