बीमित गेहूं की कम पैदावार होने पर अब बीमा कम्पनियां करेंगी भरपाई

बीमित गेहूं की कम पैदावार होने पर अब बीमा कम्पनियां करेंगी भरपाई
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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में यह प्रावधान है। खास यह है कि इसके लिए किसानों को कहीं आवेदन भी नहीं करना है। कृषि विशेषज्ञ प्रत्येक गांव में फसल कटाई प्रयोग करके औसत पैदावार निकालेंगे।

अमरजीत एस गिल : रोहतक

जिन किसानों ने रबी 2021-22 में गेहूं की फसल का बीमा करवाया है और अब गेहूं की पैदावार औसत से कम है, तो फसल बीमा कम्पनियां नुकसान की भरपाई करेंगी। क्योंकि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना ( Prime Minister Crop Insurance Scheme ) में यह प्रावधान है। खास यह है कि इसके लिए किसानों को कहीं आवेदन भी नहीं करना है। कृषि विशेषज्ञ प्रत्येक गांव में फसल कटाई प्रयोग करके औसत पैदावार निकालेंगे। इसके लिए कृषि विकास अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जा चुकी है। औसत पैदावार से जितना भी कम उत्पादन होगा। उसकी भरपाई फसल बीमा कम्पनी द्वारा की जाएगी। राज्य में चालू रबी सीजन में गेहूं की 168650 एकड़ फसल का बीमा हुआ है। गेहूं के अलावा जौ की 110270 एकड़, सूरजमुखी की भी 110270 एकड़, सरसों की 113515 और दालों का 94425 एकड़ रकबा बीमित है।

10 से 15 फीसदी कम उत्पादन

राज्य में गेहूं की कटाई-कढ़ाई शुरू हो चुकी है। सूत्रों के मुताबिक इस बार 10 से 15 फीसदी कम उत्पादन है। हालांकि पैदावार की सही-सही जानकारी कटाई कढ़ाई का सीजन पूरा होने के बाद ही मिल पाएगी। पैदावार कम होने की जानकारियां किसानों द्वारा लगातार दी जा रही हैं। लेकिन सरकार गेहूं उत्पादन कम होने पर मुहर तब लगाएगी, जब राज्य में फसल कटाई प्रयोग के कार्य संपन्न हो जाएंगे। क्योंकि फसल कटाई प्रयोगों से ही औसन उत्पादन निर्धारित होता है।

गर्मी के कारण कम उत्पादन

इस बार मार्च मध्य से गर्मी रबी फसलों पर कहर बरपा रही थी। कहर शुरू होते ही कृषि विशेषज्ञों ने अंदेशा जताना शुरू कर दिया था कि इस बार गेहूं समेत रबी की दूसरी फसलों का उत्पादन अन्य वर्षों की अपेक्षा कम रहेगा। यह अंदेशा अब सही साबित हो रहा है। अभी तक जितने भी किसानों ने गेहूं की कटाई-कढ़ाई की है, उनके मुताबिक बीते सालों की अपेक्षा उत्पादन 10-15 प्रतिशत कम है। कुछ किसान को 20 प्रतिशत से भी कम पैदावार बता रहे हैं।

ऐसे जानें औसत का गणित

सात साल के आंकड़ों के आधार प्रत्येक गांव की औसत पैदावार कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने निर्धारित की है। एक गांव में चार फसल कटाई के प्रयोग किए जाते हैं। यानि चार अलग-अलग एकड़ में से गेहूं का उत्पादन निकाला जाएगा। फिर इसका औसत तय होगा। उदाहरण के तौर पर किसी भी गांव की गेहूं की प्रति एकड़ औसत पैदावार 19 क्विंटल है। अगर चालू रबी सीजन में प्रति एकड़ औसत उत्पादन 16 क्विंटल हुआ तो, 3 क्विंटल की भरपाई बीमा कम्पनी को करनी होगी। गेहूं का जो समर्थन मूल्य है, उसके हिसाब से दो क्विंटल गेहूं का पैसा बीमा कम्पनी को किसानों के खाते में जमा करवाना होगा। खातों में पैसा जमा करवाने तक कई बार तो एक-एक साल तक लग जाता है, लेकिन यह तय है कि औसत से कम उत्पादन की स्थिति में किसान की भरपाई होगी।

फसल बीमा योजना में प्रावधान

बीमित फसल में अगर प्राकृतिक आपदा की वजह से नुकसान होता है तो उसका बीमा कम्पनी सर्वे करवाती है। इसके बाद अगर उसी फसल की पैदावार औसत से कम होती है तो, दोनों में से जिसमें ज्यादा नुकसान होता है, उसकी भरपाई बीमा कम्पनी करती है, यह प्रावधान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में है। -जेपी दलाल, कृषि मंत्री, हरियाणा सरकार

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