अब मुख्यमंत्री प्रगतिशील किसान सम्मान आसान नहीं होगा, कृषि एवं कल्याण विभाग की टीम किसानों के खेतों में जाकर करेंगी आंकलन

अब मुख्यमंत्री प्रगतिशील किसान सम्मान आसान नहीं होगा, कृषि एवं कल्याण विभाग की टीम किसानों के खेतों में जाकर करेंगी आंकलन
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सरकार द्वारा चलाई गई मुख्यमंत्री प्रगतिशील किसान सम्मान योजना (Mukhyamantri Pragatishil Kisan Samman Yojana) के आवेदकों की फिजिकल जांच करने का ऐलान किया है।

सूरज सहारण. कैथल

सरकार द्वारा अब हर क्षेत्र में पारदर्शिता लाने के साथ-साथ भ्रष्टाचार पर रोक लगाने का काम किया जा रहा है। इसी संदर्भ में अब कृषि एवं कल्याण विभाग ने भी नया कदम उठाया है। विभाग द्वारा सरकार द्वारा चलाई गई मुख्यमंत्री प्रगतिशील किसान सम्मान योजना के आवेदकों की फिजिकल जांच करने का ऐलान किया है। इसे लकर उपायुक्त ने कृषि एवं कल्याण विभाग के अधिकारियों को आदेश पारित करते हुए आदेश दिए हैं कि जिन भी किसानों ने मुख्यमंत्री प्रगतिशील किसान सम्मान योजना सम्मान के लिए आनलाइन आवेदन किया है, उनकी फिजिकल जांच कर रिपोर्ट तैयार करें ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो। सरकार की केवल एक ही मंशा है कि योग्य किसान को उसका हक व सम्मान मिले।

ये है योजना

प्रगतिशील किसानों की पहचान करने की दिशा में योगदान के लिए कृषि तथा संबंधित क्षेत्र में बढ़ती आय से सर्वश्रेष्ठ कृषि प्रणालियों को अपनाने के लिए सरकार ने प्रगतिशील किसानों को प्रेरित करने तथा उन्हें सम्मानित करने के लिए मुख्यमंत्री प्रगतिशील किसान सम्मान योजना' की शुरुआत की है। इस योजना के तहत किसानों को कृषि फसलों की उच्च उत्पादकता प्राप्त करने के साथ-साथ नई तकनीकी जैसे- पानी की बचत, फसल अवशेष प्रबंधन, जैविक कृषि, एकीकृत कृषि प्रणालियां व टिकाउ कृषि आदि को अपनाने के लिए नकद पुरस्कारों की घोषणा की है। इस योजना के तहत चयनित किसानों को कृषि तथा संबंधित क्षेत्रों में उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए नकद पुरस्कार प्राप्त करने की सुविधा की जाएगी।

यूं दी जाएगी इनाम की राशि

योजना में राज्य स्तर पर प्रथम पुरस्कार 5 लाख रुपये, द्वितीय पुरस्कार हेतू 3-3 लाख रुपये के 2 किसान व तृतीय पुरस्कार एक-एक लाख रुपये के 5 किसान एवं जिला स्तर पर 50-50 हजार रुपये के 4 किसानों को पुरस्कार दिए जाएंगे।

कई बार सामने आए भ्रष्टाचार के मामले

आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो प्रगतिशील किसानों को सम्मानित करवाने में कैथल का नाम प्रदेश में अग्रणी स्थान पर है। प्रगतिशील किसान के अवार्ड को लेकर कई बार बवाल उठा है लेकिन उसे दबा दिया गया। कई बार सामने आया कि ऐसे किसानों को सम्मान से नवाजा गया जो इसके योग्य नहीं थे। इसे लेकर जब शक की सूई विभागीय अधिकारियों की तरफ घूूमती दिखाई दी तो मामले को रफा-दफा कर दिया गया था।

किस श्रेणी के कितने किसानों ने किया आवेदन

इसके लिए वैबसाइट पर 98 किसानों ने तीन श्रेणियों में आवेदन किया है। इसमें जीरो से पांच एकड़ श्रेणी के किसानों में 34, पांच से दस एकड़ के किसानों में 31 किसानों ने आवेदन किया गया था। इसी प्रकार राज्य स्तरीय पुरस्कार की श्रेणी में दस एकड़ व इससे अधिक के किसानों में 33 ने आनलाइन आवेदन किया है।

कमेटी आंकलन कर देगी अंक

कृषि एवं कल्याण विभाग कैथल के उप निदेशक डा. कर्मचंद ने बताया कि योजना के तहत आवेदन करने वाले किसानों की जांच तथा उनकी योग्यता अनुसार अंक देने के लिए उपमंडल स्तर पर अलग-अलग 3 संयुक्त टीमों का गठन कर दिया गया है। ये टीमें 6 अप्रैल तक सभी किसानों के खेतों का दौरा करेंगी और प्रगतिशील किसानों के चयन की प्रक्रिया पूरी करेगी।

पूरी तरह से पारदर्शिता बरती जाएगी

उपायुक्त प्रदीप दहिया ने बताया कि किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार सहन नहीं होगा। मुख्यमंत्री प्रगतिशील किसान सम्मान योजना में पूरी तरह से पारदर्शिता बरती जाएगी ताकि योग्य व अनुभवी किसानों को योजना का लाभ मिल सके।

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