कूड़े की समस्या का एंड टू एंड सॉल्यूशन अनिवार्य : अब शहरों की तर्ज पर गांवों में भी कलस्टर बनाकर कूड़ा प्रबंधन का कार्य किया जाएगा

कूड़े की समस्या का एंड टू एंड सॉल्यूशन अनिवार्य : अब शहरों की तर्ज पर गांवों में भी कलस्टर बनाकर कूड़ा प्रबंधन का कार्य किया जाएगा
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बबली नारनौल में जिला स्तरीय पंचायती राज सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास में छोटी सरकार का अहम रोल होता है।

हरियाणा के विकास एवं पंचायत मंत्री देवेंद्र सिंह बबली ने कहा कि नौ सूत्रीय कार्यक्रम के तहत गांवों का शहरों की तर्ज पर विकास करवाया जाएगा। पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव में आपसी सहमति से जनप्रतिनिधियों का चुनाव करने वाली पंचायतों को लगभग 300 करोड़ रुपए की राशि जारी की जाएगी।

बबली नारनौल में जिला स्तरीय पंचायती राज सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास में छोटी सरकार का अहम रोल होता है। ऐसे में सभी पंचायती राज संस्थाओं के सदस्य सबको साथ लेकर विकास कार्यों की रूपरेखा बनाएं। जनप्रतिनिधियों को अपने कार्य व अधिकार के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।

विकास एवं पंचायत मंत्री ने कहा कि सबसे पहले हमें प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत मिशन को आगे बढ़ाना है। इसके लिए सभी जनप्रतिनिधि हर सप्ताह लोगों को साथ लेकर श्रमदान करें। अब शहरों की तर्ज पर गांवों में भी कलस्टर बनाकर कूड़ा प्रबंधन का कार्य किया जाएगा। सरकार एनजीटी की गाइडलाइन के अनुसार इस समस्या का एंड टू एंड सॉल्यूशन करेगी। इसमें जिस भी फर्म को कूड़ा प्रबंधन का ठेका दिया जाएगा उसे छोटी सरकार से एनओसी लेनी होगी तथा उसके बाद ही उसकी पेमेंट की जाएगी।

बबली ने कहा आने वाले 2 साल में मिलकर गांवों में बहुत बड़ा बदलाव करना है। सभी गांवों में ई-लाइब्रेरी बनाई जाएंगी जिसमें महिलाएं व युवा बैठकर यूपीएससी तक की तैयारियां कर सकेंगे। गांवों के पुराने पंचायती भवन या समाज द्वारा बनाई गई इमारतों का सौंदर्यकरण करके मैरिज पैलेस की तर्ज पर विकसित किए जाएंगे । गांवों में फिरनियों को पक्का किया जाएगा तथा सोलर लाइटें लगवाई जाएंगी और गांवों के मुख्य मार्गों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए भी ग्रामीण योजना तैयार की जाएगी।

उन्होंने कहा कि हरियाणा देश का पहला राज्य है जहां पढ़ी-लिखी और युवा पंचायतें चुनकर आई हैं । राज्य में 70 से 80 फ़ीसदी जनप्रतिनिधि 45 से 50 आयु वर्ग से नीचे की उम्र के हैं। अब विकास कार्यों में गुणवत्ता पर विशेष फोकस रहेगा और सभी गांवों में एक-एक निगरानी कमेटी बनाकर ई-टेंडरिंग के माध्यम से विकास कार्य करवाए जाएंगे। उन्होंने जनप्रतिनिधियों का आह्वान् किया कि जनता ने जो जिम्मेदारी उन्हें सौंपी है उस पर खरा उतरें तथा संविधान के अनुसार विकास कार्य करवाएं।

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