अब सोशल मीडिया से जुड़े लोग नहीं ले सकेंगे सरकारी बाइट और वर्जन, जानें क्यों

कैथल के स्थानीय लघु सचिवालय में स्थानीय पत्रकारों ने उपायुक्त प्रदीप दहिया से भेंट करके कहा कि कुछ लोग जो पत्रकार नहीं हैं, वे भी सरकारी कार्यक्रम कवर करने पहुंच जाते हैं, जिसके कारण प्रिंट व इलैक्ट्रोनिक मीडिया संस्थानों से जुड़े व्यक्तियों को परेशानी होती है, जोकि नियमानुसार सही नहीं है। जिले में ऐसे व्यक्ति जो किसी प्रिंट मीडिया व इलेक्ट्रोनिक्स मीडिया संस्थान से नही जुड़े है वह नियमानुसार किसी भी कार्यक्रम की कवरेज नही कर सकते।
इस पर उपायुक्त प्रदीप दहिया ने कहा कि यदि ऐसा कोई व्यक्ति जो किसी संस्थान से नही जुड़ा है और व्यक्तिगत रूप में किसी कार्यालय व संस्थान में जाकर अपने आपको मीडिया कर्मी बता कर कवरेज करता है तो उसके खिलाफ प्रशासन द्वारा कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ऐसे व्यक्ति को मीडिया की श्रेणी में न समझा जाए। बैठक में यह भी स्पष्टïहुआ कि जो पत्रकार इलेक्ट्रोनिक व प्रिंट मीडिया से जुड़े हैं और अपना निजी सोशल मीडिया नेटवर्क चलाते हैं, वो अपने व्यक्तिगत बनाए पोर्टल पर भी कवरेज नहीं कर सकेंगे। केवल अपने पंजीकृत मीडिया संस्थान को ही खबर प्रेषित करेंगे।
जिला सूचना एवं जन सम्पर्क अधिकारी धर्मवीर सिंह ने कहा कि मीडिया कर्मियों व जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ बातचीत करने के बाद यह निर्णय लिया गया कि कुछ ऐसे व्यक्ति जिनके पास रजिस्टार ऑफ न्यूजपेपर फॉर इंडिया (आरएनआई) व सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार से रजिस्ट्रड संस्थान का नियुक्ति पत्र नहीं है ऐसे व्यक्ति को मीडिया कर्मी की श्रेणी में शामिल नहीं माना जाएगा। उन्होंने कहा कि केवल पंजीकृत मीडिया संस्थान के व्यक्ति को मीडिया कर्मी माना जाता है। यदि कोई ऐसा व्यक्ति जो संबंधित संस्थान का अथोरिटी लैटर रखता है तो वह जिला सूचना एवं जन सम्पर्क अधिकारी कार्यालय में जमा करवा सकता है। ऐसे व्यक्ति को भी सभी कार्यक्रमों की सूचना दी जाएगी। परंतु कुछ लोग बिना किसी आईडी के फील्ड में व्यक्तिगत रूप से अपने आप को पत्रकार बताकर कार्यालयों व संस्थानों में जाकर कवरेज कर रहे है जोकि नियम अनुसार कतई ठीक नही है।
उन्होंने कहा कि देखने में आया है कि कुछ लोग व्यक्तिगत आईडी व अपने फोन से कार्यक्रमों की कवरेज करते है और वह बिना किसी अनुमति के संस्थानों व अधिकारियों के पास कवरेज के लिए पंहुच जाते है, जोकि ठीक नहीं है। किसी मीडिया कर्मी को खबर के लिए प्रतिक्रिया लेनी है तो वह संबंधित अधिकारी को अपनी पहचान बताकर व दिखाकर तथा समय लेकर प्रतिक्रिया ले सकता है। अधिकारी भी ऐसे पत्रकारों को ही वर्जन दे सकते है जो पंजीकृत संस्थान से संबंध रखते है।बैठक में जिला प्रशासन ने फैसला लिया है कि कोई भी व्यक्ति कानून को अपने हाथ में न लें, बिना नियम के ऐसी खबर न दिखाए जो जन हित में नहीं है। यदि कोई व्यक्ति नियम के अनुसार कार्य नहीं करता उसके खिलाफ तथ्यों के आधार पर कार्रवाई अमल में लाई जा सकती है।
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