अब वसूली जाएगी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, अपात्र किसानों को थमाए गए नोटिस

अमरजीत एस गिल : रोहतक
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM Kisan Samman Nidhi) में गलत जानकारियां देकर जिले के किसानों ने केंद्र सरकार से तीन करोड़ 45 लाख 92 हजार रुपये अपने खातों में जमा करवा लिए। लेकिन अब मामले का भंडाफोड़ हो गया है। सरकार ने निर्णय लिया है कि जो किसान इस योजना के लाभपात्र नहीं थे और उन्होंने सम्मान निधि पैसा प्राप्त कर लिया, वह राशि अब किसान ने वापस ली जाएगी। इस बारे में बकायदा किसानों को नोटिस जारी कर दिए गए हैं। सरकार की इस कार्रवाई से किसान सकते में हैं। नोटिस जारी किए हुए महीना हो चुका है। लेकिन अभी तक किसानों ने पैसा वापस जमा करवाना शुरू नहीं किया है। जिन किसानों को नोटिस जारी किया है, उनको अगली किस्त का पैसा सरकार नहीं देगी। केंद्र द्वारा करवाई गई जांच के मुताबिक जिले में 1314 किसानों ने पैसा अपने खातों में जमा करवा लिया। ये ऐसे किसान हैं, पति-पत्नी ने अलग-अलग सम्मान केंद्र सरकार से प्राप्त कर लिया। जबकि योजना का लाभ दोनों में से केवल एक को मिल सकता है। 1796 ऐसे परिवार मिले हैं, जो आयकर दाता हैं। लेकिन इन्होंने भी पीएम किसान सम्मान निधि का पैसा डकार लिया है। जबकि स्कीम में ऐसे किसान लाभ नहीं ले सकते थे।
जब स्कीम को वर्ष 2018 में लांच किया जा रहा था तो केंद्र हड़बड़ी में थी। क्योंकि अप्रैल-मई में लोस चुनाव होने थे। उससे पहले सरकार किसान सम्मान निधि के पैसे की पहली किस्त खातों में डालना चाहती थी। उस दौरान सरकार ने यह जांच करने की जहमत ही नहीं उठाई कि योजना का लाभ लेने वाले किसान पात्र हैं या नहीं। योजना के प्रारंभिक चरण में पूरी तरह से घालमेल रहा। इसलिए किसानों को ज्यादा दोष नहीं दिया जा सकता है। केंद्र सरकार ने अब निर्णय लिया है कि जो किसान 31 जुलाई 2022 तक सम्मान निधि के लिए केवाईसी नहीं करवाएंगे, उन्हें बाहरवीं किस्त का पैसा नहीं दिया जाएगा। सरकार केवाईसी होने पर यह जांच करना चाहती है कि कहीं अभी भी किसान योजना के लाभपात्र न होते हुए भी कहीं पैसा तो नहीं ले रहे हैं। चूंकि केवाईसी होने पर बैंक एकाउंट और आय से संबंधित प्रकार की जानकारियां सरकार को एक क्लिक पर मिल जाएंगी।
किसानों का तर्क हैं कि गुजरात के भरूच में भी किसानों ने भी लाभपात्र न होते हुए भी सम्मान निधि का पैसा लिया था। लेकिन वहां किसानों ने जब यह पैसा वापस नहीं लौटाया तो केंद्र सरकार ने इसे बट्टे खाते में डाल दिया। बट्टे खाते में गुजरात सरकार के अनुरोध पर डाला गया था। किसानों की मांग है कि हरियाणा सरकार भी तीन करोड़, 45 लाख 92 हजार रुपये को केंद्र सरकार से अनुरोध करके बट्टे खाते में डलवाए।
पात्र को सालाना खाते में मिलते थे छह हजार
शुरू में किसान सम्मान निधि स्कीम के तहत पात्र किसानों को सालाना तीन किस्तों में 2-2 हजार रुपये उनके बैंक अकाउंट में जमा करवाए जाते हैं। किसी भी वित्तीय साल में यह किस्त अप्रैल से जुलाई के बीच, अगस्त से नवंबर के बीच और दिसंबर से मार्च तक कभी भी जारी की जाती है। योजना की शुरुआत फरवरी 2019 में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से की थी। दरअसल जब पीएम मोदी ने जब योजना का ऐलान किया था, उस समय इस स्कीम के लिए दो हेक्टेयर से कम जमीन वाले किसानों को ही योजना का पात्र माना गया था। हालांकि आयकर देने वाले या सरकारी कर्मचारी इस योजना के पात्र नहीं हैं।
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