अब ऑड-ईवन नंबर से चलेंगी रोडवेज बसें, शेड्यूल घोषित

हरिभूमि न्यूज: रोहतक
प्रदूषण के बढ़ते स्तर को कंट्रोल करने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा ऑड-ईवन फॉमूर्ले का इस्तेमाल किया गया था। वहीं अब कोरोना को कंट्रोल करने के लिए भी रोहतक रोडवेज डिपो भी ऑड-ईवन फॉमूर्ले की राह पर चलता नजर आ रहा है। रोडवेज डिपो ने अपने सभी चालकों और परिचालकों को नम्बर जारी किए है। जिसके आधार पर जिस ऑड तारीख पर ऑड नम्बर वाले चालकों व परिचालकों की ड्यूटी लगाई जा रही है, वहीं ईवन तारीख पर ईवन नंबर वाले चालकों और परिचालकों को सड़क पर उतारा गया है। इसके अतिरिक्त रोडवेज डिपो ने चालकों और परिचालकों को सोशल डिस्टेंस, मुंह पर मास्क के साथ-साथ बार-बार सेनिटाइजर से हाथ साफ रखने के निर्देश भी जारी किए गए है। निदेर्शों की अवहेलना करने वाले चालकों व परिचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए है। बता दें कि संक्रमण से जिले के हालत बेहद खराब होते जा रहे हैं।
270 में से 70 बसें चलाई
बढ़ते कोरोना संक्रमण ने एक बार फिर से रोहतक रोडवेज डिपो की आर्थिक तौर पर कमर तोड़ दी है। यात्रियों की कमी की वजह से रोडवेज को अपनी बस सेवाएं सीमित करनी पड़ गई है। सोमवार को भी विभिन्न रूटों पर रोडवेज डिपो ने महज 70 बसें ही चलाई। इसमें से कुछ बसें अंबाला, कुछ बसें सोपीपत आदि रूटों पर भेजी गई। वहीं, कुछ बसें पानीपत, गुरुग्राम सहित कुछ लोकल रूटों पर भेजी गई। रोडवेज डिपो के पास करीब 205 बसें हैं। अधिकतर बसें बस परिसर में ही खड़ी रही। यही नहीं जो बसें रूटों पर चलाई गई, उनमें भी यात्रियों की संख्या 50 प्रतिशत रखी गई है। ऐसे में रोडवेज डिपो को काफी आर्थिक रूप से नुकसान झेलना पड़ रहा हैं।
50% कर्मचारी दे रहे ड्यूटी
रोडवेज डिपो की तरफ से कर्मचारियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए 50 प्रतिशत स्टाफ के साथ काम करने का फैसला किया है। नियम को ठीक ढंग से लागू करने के लिए ही सभी चालकों व परिचालकों को नम्बर दिए गए है। इन्हें नम्बरों के आधार पर चालकों व परिचालकों को ड्यूटी पर बुलाया जा रहा है।
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