अब बहादुरगढ़ में होगी कोविड की आरटीपीसीआर जांच

बहादुरगढ़। कोरोना संक्रमण की बढ़़ती रफ्तार के बाद स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। भविष्य में ऑक्सीजन से लेकर बेड तक की किल्लत न हो इसके लिए इंतजाम किए गए हैं। इसी क्रम में सरकार की मंशा के अनुरूप नागरिक चिकित्सालय में आरटीपीसीआर लैब बनाई गई है। ताकि समय से संक्रमण का पता चलने पर उसके फैलाव को रोका जा सके। लैब पूरी तरह से तैयार है और आईसीएमआर की अनुमति मिलते ही यहां पर कोविड जांच शुरू हो जाएगी।
जी हां, शहर के ट्रामा सेंटर में रियल टाइम रिवर्स ट्रांसक्रिप्टेस पॉलिमीरास चेन रिएक्शन (आरटीपीसीआर) लैब का निर्माण किया गया है। लोक निर्माण विभाग द्वारा इसे स्वास्थ्य विभाग को सौंप दिया गया है। इसमें जांच उपकरण भी लग चुके हैं और लैब शुरू होने की स्थिति में है।इसे चालू करने के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) से अनुमति मांगी गई है। वहां से कुछ ऑब्जेक्शन लगाए गए थे। जिन्हें दूर कर दिया गया है। लैब की स्थापना में अहम भूमिका निभाने वाली डॉ. शैली ने बताया कि लैब टेक्नीशियन समेत स्टॉफ की तैनाती की जा चुकी है। शीघ्र ही यह शुरू हो जाएगी। हालांकि यहां इग्रा लैब 16 नवंबर को शुरू कर दी गई थी। इसमें छुपी हुई टीबी डिटेक्ट करने के लिए जांच की जाती है। बता दें कि अस्पताल परिसर में ट्रामा सेंटर के साथ इस लैब का निर्माण किया गया है। कोरोना की दूसरी लहर के बाद यहां पर ऑक्सीजन प्लांट भी लगाया गया है। ट्रामा सेंटर के भवन में ही आईसीयू व एचडीयू जैसी सुविधा भी निर्मित की गई हैं। अभी तक सैंपलों को जांच के लिए रोहतक पीजीआई भेजा जाता है। इस लैब के शुरू होने के बाद कोरोना के टेस्ट यहीं पर हो सकेंगे।
आरटीपीसीआर लैब का निर्माण पूरा हो चुका है। सभी उपकरण भी लग चुके हैं और स्टॉफ की तैनाती भी हो गई है। आईसीएमआर से अनुमति मिलते ही यहां पर टेस्ट शुरू कर दिए जाएंगे। चूंकि एक टेस्ट में 4 से 5 घंटे लगते हैं। इसीलिए शुरूआत में 500 टेस्ट हो सकेंगे। फिलहाल एक शिफ्ट में काम शुरू होगा। इसे भविष्य में बढ़ा भी सकते हैं।
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