हरियाणा में अब वीर शहीदों की बहनों को भी मिलेगी अनुकंपा नियुक्ति

हरियाणा में अब वीर शहीदों की बहनों को भी मिलेगी अनुकंपा नियुक्ति
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  • मुख्यमंत्री ने शहीद सत्यवान की बहन मंजू रानी को अनुकंपा आधार पर नियुक्ति प्रदान करने को दी स्वीकृति
  • मुख्यमंत्री ने उन सभी शहीदों की बहनों जिनके मामले लंबित है, उन्हें भी नीति में छूट देकर अनुकंपा आधार पर नियुक्ति देने के दिये निर्देश

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शहीदों के परिवारों के कल्याण हेतु अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराते हुए 10 पैरा रजिमेंट के वीर सैनिक सिपाही शहीद सत्यवान की बहन मंजू रानी को नीति में छूट देते हुए प्रारंभिक शिक्षा विभाग में ग्रुप सी पद पर तत्काल अनुकंपा नियुक्ति देने के लिए स्वीकृति प्रदान की है। इसके साथ-साथ मंजू रानी को गृह जिला चरखी दादरी में तैनाती देने के लिए भी स्वीकृति दी है। उन्होंने निर्देश दिया कि मंजू रानी को एचटीईटी परीक्षा उत्तीर्ण करते ही टीजीटी शिक्षक के पद की पेशकश की जाएगी।

एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि संतोष के पुत्र शहीद सत्यवान ने ‘ऑपरेशन रक्षक’ के दौरान देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी थी। वीर शहीदों के कल्याणार्थ एक और कदम उठाते हुए, मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव कार्यालय को नीति में समान छूट देकर ऐसे सभी शहीदों की ‘बहनों‘ को अनुकंपा नियुक्ति देने का निर्देश दिया है जिनके मामले लंबित हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि 30 मई 2014 और 28 सितंबर 2018 की नीति में शहीद की ‘बहन’ को रोजगार की अनुमति नहीं थी। इससे पहले 2019 में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शहीद कपिल कुंडू की बहन श्रीमती काजल कुंडू को नीति में छूट देकर सहायक रोजगार अधिकारी के पद पर नियुिक्त प्रदान की थी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया था कि शहीदों की पात्र बहनों को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करने के लिए नीति में संशोधन किया जाए। गौरतलब है कि शहीद कपिल कुंडू ने राजौरी में पाकिस्तान की ओर से की गई अकारण और अंधाधुंध गोलीबारी में अपने प्राणों की आहुति दी थी। 14 अगस्त, 2023 को स्वतंत्रता की पूर्व संध्या से प्रभावी संशोधित नीति के तहत पहले ही शहीदों के आश्रित परिवार के सदस्यों के दायरे में ‘बहन’ शब्द को शामिल करने के लिए परिभाषा का विस्तार कर दिया है। यह निर्णय राष्ट्र की सेवा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले लोगों के प्रति न्याय, करुणा और कृतज्ञता के सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए हरियाणा सरकार के समर्पण को दर्शाता है।

वहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल पलवल के गांव बहीन में ड्यूटी के दौरान हुए हादसे में वीरगति को प्राप्त हुए जवान मनमोहन सिंह के घर पहुँचे और परिजनों का ढांढस बंधाया। उनके साथ केंद्रीय ऊर्जा एवं भारी उद्योग मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर तथा विधायक दीपक मंगला, जगदीश नायर, प्रवीण डागर भी मौजूद रहे। उल्लेखनीय है कि लेह लद्दाख में सेना का एक ट्रक खाई में गिर जाने के कारण आर्टलरी विंग का गनर मनमोहन सिंह वीरगति को प्राप्त हुए थे। मनमोहन सिंह वर्ष 2016 सितंबर माह में देशभक्ति की भावना को लेकर फौज में भर्ती हुए थे और पिछले 5 महीनों से उनकी तैनाती लेह लद्दाख के दुर्गम क्षेत्र में थी। इसके बाद मुख्यमंत्री पिछले महीने शहीद हुए वीर युधिष्ठिर के परिवार को ढांढस बंधाने के लिए गावं खाम्बी पहुंचे। उन्होंने शहीद युधिष्ठिर को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार दिवंगत जवान के परिवार को हर संभव सहायता प्रदान करेगी। गांव खाम्बी निवासी युधिष्ठिर का गत माह सिक्किम की तीस्ता नदी में बाढ़ आने से निधन हो गया था। युधिष्ठिर सहित सेना के 23 जवान इस बाढ़ में बह गए थे।

तदोपरांत मुख्यमंत्री गांव गढीपट्टी में शहीद महेंद्र सिंह के निवास स्थान पर गए और शहीद महेंद्र सिंह के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने दिवंगत जवान के परिजनों से भी बातचीत की और उन्हें सांत्वना दी। गांव गढीपट्टी निवासी महेंद्र सिंह का राजस्थान के अलवर में ड्यूटी के दौरान अचानक ह्दय गति रूकने से निधन हो गया था।

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