अब गाज गिरने की बारी : जनस्वास्थ्य विभाग की टीम ने खंगाला रिकॉर्ड

हरिभूमि न्यूज : रोहतक
जनस्वास्थ्य विभाग में गड़बड़ी के आरोपों के चलते दो दिनों तक पंचकूला से पहुंची विभागीय विजिलेंस की जांच टीम ने पूरा रिकॉर्ड खंगाल लिया है। कलानौर और रोहतक सब डिविजन से ब्योरा इकट्ठा किया गया है। कितने टेंडर हुए किस ठेकेदार को दिए, कर्मचारियों की तैनाती और हाजिरी को लेकर भी जांच की गई है। अब गाज गिरने की बारी है। अफसरों की सांसे अटकी हुई हैं।
बता दें कि जांच लंबी चलेगी। वहीं इस बारे में जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कुछ बताने की स्थिति में नहंी हैं। उनका कहना है कि टीम क्या जांच कर रही है इसक बारे में कुछ पता नहीं। दरअसल बूस्टिंग स्टेशन और छोटे जलघरों पर लगा गए कर्मचारियों के मानदेय को लेकर धांधली के आरोपों में जांच शुरू हुई है। शुक्रवार को छह जेई, पांच ठेकेदारों से ब्योरा तलब किया गया। यह जांच वीरेंद्र की शिकायत पर की जा रही है। रोहतक सब डिवीजन नंबर-2, महम व सांपला में टेंडर में धांधलियों के आरोप लगाए थे। एक अन्य ठेकेदार ने कलानौर में काम को लेकर शिकायत दी थी। पहले दिन झज्जर रोड पर जनस्वास्थ्य विभाग कार्यालय में रोहतक सब डिवीजन नंबर-2 और कलानौर क्षेत्र के 6 जेई से रिकार्ड मांगा। दूसरे दिन और पुराने दस्तावेज भी मांगे गए। पांच ठेकेदारों से भी ब्योरा मांगा गया है। बताया जा रहा है कि कई दिन जांच चलेगी, लेकिन इसे पूरी तरह गुपत रखा गया है।
ठेकेदार वीरेंद्र का आरोप है कि पिछले साल मई से सितंबर तक ठेका कर्मचारियों को करीब 32 लाख वेतन दिया गया। आनलाइन 8 टेंडर भी किए गए। इसमें गड़बड़ी की गई। अक्टूबर से जनवरी तक 50-50 हजार रुपये के आफलाइन टेंडर करके चहेतों को काम बांटे गए हैं।
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