Covid test के लिए अब शिक्षकों की बारी, सरकार ने ये भी गाइडलाइन की जारी, पढ़े क्या-क्या

Covid test के लिए अब शिक्षकों की बारी, सरकार ने ये भी गाइडलाइन की जारी, पढ़े क्या-क्या
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स्कूल तो पहले से ही खुले हुए है। अब 21 सितंबर से 9 से लेकर बारहवीं तक के विद्यार्थियों (students) को परामर्श के लिए स्कूलों में बुलाया जाने के आदेश जारी हुए हैं। खास बात यहां पर यह है कि 9वीं, दसवीं और 11वीं औऱ बारहवीं के बच्चे भी अपने अभिभावकों की अनुमति लेकर स्कूलों में आएंगे।

योगेंद्र शर्मा. चंडीगढ़। हरियाणा में कोविड-19 (COVID-19) की महामारी के दौरान आऩलाइन कईं तरह के जिम्मेवारियां निभाने वाले शिक्षकों को अब नए फरमान के बाद में अपना कोविड टेस्ट कराना होगा, हालांकि शिक्षक गत पांच माह से स्कूलों में जरूरी कामकाज कर रहे है।

शिक्षक कोविड की चुनौती के बाद भी जहां परिवार पहचान पत्र बनाने में जुटे हुैं, वहीं मिड-डे मील वितरण, पैसा ट्रांसफर, दाखिले जैसे अहम काम कर रहे हैं। इतना हीं नहीं अपने खर्च पर नेट और मोबाइल का इस्तेमाल कर विद्यार्थियों की पढ़ाई को भी जारी रखे हुए हैं। लंबा अरसा गुजर जाने के बाद में अचानक ही आला अफसरों को शिक्षकों के कोविड टैस्ट कराने की बात या आई हैं। लेकिन इस बात का जवाब किसी के पास नहीं है, कि यह कैसे और कहां होंगे।

खास बात यह है कि स्कूल तो पहले से ही खुले हुए है। अब 21 सितंबर से 9 से लेकर बारहवीं तक के विद्यार्थियों को परामर्श (Consultation) के लिए स्कूलों में बुलाया जाने के आदेश जारी हुए हैं। खास बात यहां पर यह है कि 9वीं, दसवीं और 11वीं औऱ बारहवीं के बच्चे भी अपने अभिभावकों की अनुमति लेकर स्कूलों में आएंगे।

सोमवार से स्कूलों में सभी लैक्चरर की सौ फीसदी हाजरी के लिए कहा गया है। खास बात यह है कि इन क्लासों में पढ़ने वाले बच्चों उनके साथ में आने वाले अभिभावकों के टैस्ट कोे लेकर कोई दिशा निर्देश नहीं हैं।

इसी तरह से परिवार पहचान पत्र बनवाने के लिए भी जनता पहुंच रही हैं, उनके टैस्ट की भी अभी तक कोई व्यवस्था नहीं है। लेकिन कक्षाओं को पढ़ाने वाले शिक्षकों को टैस्ट कराने के लिए शैड़यूल तैयार करने का आदेश दिया गया हैं।

आए दिन नए फरमान से नाराजागी

शिक्षकों को लेकर आए दिन आ रहे, नए फरमान को लेकर शिक्षक भी धर्मसंकट में हैं। शिक्षकों, गैर शिक्षक स्टाफ सभी में नाराजगी देखी जा रही है। पहले से स्कूलों में जा रहे शिक्षकों का टैस्ट पहले क्यों नहीं कराया गया है।

पंचकूला में एक प्रिंसिपल की हो चुकी मौत

पंचकूला के पंद्रह सेक्टर में एक प्रिंसिपल की कोविड पाजिटिव होने के बाद में मृत्यु हो चुकी है। सेक्टर पंद्रह के गर्ल्स स्कूल में प्रिंसिपल प्रेम कुमार की पिछले सप्ताह मोहाली के एक हास्पीटल में कोविड के कारण हुई थी। जो सेक्टर चौदह में रहते थे, उनके परिवार में एक अन्य सदस्य पाजिटिव हो गया था।

सरकारी स्कूलों के बच्चों के पास नहीं स्मार्ट फोन

हरियाणा विधानसभा में एससी एसटी मामलों की कमेटी के चेयरमैन ईश्वर सिंह ने खुद सीएम और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला से बातचीत कर हरियाणा के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब बच्चों को तुरंत प्रभाव से स्मार्ट फोन औऱ टैब देने की अपील की थी। सीएम ने अधिकारियों से इस पर होने वाले खर्च और बाकी ब्योरा मांगा था लेकिन अभी तक पूरा मामला ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है। सूत्र बताते हैं कि पूरे मामले में वित्तीय बोझ और तमाम पहलुओं को देखते हुए इस मामले में अफसरशाही चुप्पी साध हुए हैं।

पीपीपी (परिवार पहचान पत्र) बनाने में भी जुटे शिक्षक

हरियाणा में सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को पूर्व में परिवार पहचान पत्र बनाने के लिए कहा गया था। कोविड की चुनौती के बाद भी जिसमें शिक्षकों द्वारा बच्चों और उनके अभिभावकों को काल करके स्कूल में बुलाया जाता है, जिसके बाद में उनसे तमाम तरह के परिवार आईडी प्रूफ लेकर पहचान पत्र बनाने की प्रक्रिया पूरी होती है।

बैंक खाते से लेकर आधार, पैन नंबर सहित, जन्म प्रमाण पत्र, आय सर्टिफिकेट आदि की मांग के कारण कईं बार स्कूलों में शिक्षकों के साथ अभिभावकों को उलझते हुए देखा जा सकता है। सरकारी स्कूलों में परिवार पहचान पत्र का भी केंद्र बना दिया गया था। अब नए फरमान के तहत निजी स्कूलों में भी केंद्र बनाए गए हैं, जहां पर यह पहचान पत्र बनेंगे, जिसमें स्कूलों से सहयोग मांगा गया है।

पंजाब की तर्ज पर भत्ता दे सरकार

राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ और हरियाणा एजूकेशन आफिसर्स एसोसिएशन के प्रधान बिजेंद्र हुड्डा आदि का कहना है कि शिक्षकों पर नेट के खर्च, मोबाइल औऱ कईं तरह के बोझ लाद दिए गए हैं। जिसके कारण अपने वेतन से तमाम खर्च वहन कर रहे हैं।

इतना ही नहीं पड़ोसी पंजाब राज्य में इसका खर्च सरकार द्वारा शिक्षकों को दिया जा रहा है लेकिन हरियाणा में कोई भी नेट औऱ फोन भत्ता शिक्षकों को नहीं दिया, उसके बावजूद तमाम आईटी से जुडे काम शिक्षकों पर लादे जा रहे हैं।

शिक्षक संगठनों ने अब इसका विरोध शुरु कर दिया है। इतना ही नहीं शिक्षकों को वेतन भी समय पर नहीं मिल रहा है। अभी तक अगस्त की सैलरी नहीं मिली है, इसके अलावा गैर शिक्षक स्टाफ भी दुखी है। अभी तक ग्रुप डी औऱ ठेके पर काम करने वालों को वेतन दिया गया है।

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