अब पराली से होगी आमदनी, गांठ बनाने वाले किसानों को मिलेगी प्रोत्साहन राशि

हरिभूमि न्यूज : अम्बाला
उपायुक्त विक्रम सिंह ने बताया कि जिन किसानों ने फसल अवशेष प्रबंधन के तहत स्ट्रॉ बेलर द्वारा पराली से गांठ बनाने का काम करेंगे उन्हें कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा प्रोत्साहन के रूप मे 50 रुपये प्रति क्विंटल या 20 किवंटल प्रति एकड़ पर 1000 रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। पराली का सही उपयोग होने से आगजनी की घटनाओं मे भी कमी होगी। हरियाणा सरकार की इस पहल से किसानों का हौसला भी बढ़ेगा और आगजनी की घटनाओं को शून्य करने मे भी सहायता मिलेगी। इसके लिए विभागीय पोर्टल पर किसानों द्वारा पंजीकरण किया जाना है।
सहायक कृषि अभियंता ओ.पी. महिवाल ने उपायुक्त को अवगत करवाते हुए बताया कि कस्टम हायरिंग सेंटर बनाने के लिए 9 प्रकार के फसल अवशेष प्रबंधन कृषि यंत्र खरीदे जा सकते हैं, जिनकी कीमत 15 लाख रुपये तक होगी। इन पर विभाग के नियमानुसार अधिकतम 80 प्रतिशत तक अनुदान दिया जायेगा। सोसाइटियां कम से कम 3 व अधिकतम 5 प्रकार के विभन्नि तरह के कृषि यंत्र स्ट्रॉ बेलर यूनिट, सुपर एसएमएस, हैप्पी सीडर, पेड्डी स्ट्रॉ चोपर, रोटरी स्लेशर, रिवर्सिबल एम0 बी0 प्लौ, सुपर सीडर, जीरो टिल सीड ड्रिल, क्रॉप रिपर विभाग द्वारा अनुमोदित डीलर/नर्मिाता से अपनी पसन्द के खरीद सकते हैं। जिनका ब्यौरा विभागीय पोर्टल पर उपलब्ध है।
यदि ऑनलाइन आवेदन लक्ष्य से अधिक प्राप्त होते है तो आवेदकों का ऑनलाइन चयन उपायुक्त की अध्यक्षता में जिला स्तरीय कमेटी द्वारा किया जायेगा। इस बारे में विस्तार से जानकारी विभागीय वेबसाइट पर उपलब्ध है। इसके अतिरक्ति स्कीम के बारे में अधिक जानकारी उप कृषि निदेशक, अम्बाला/सहायक कृषि अभियंता, अम्बाला के कार्यालय में किसी भी कार्य दिवस में संपर्क कर सकते हैं। उपायुक्त विक्रम सिंह ने किसानों से आग्रह किया है कि वे खेतों में फसलों के अवशेष न जलाएं, पराली जलने से वायु प्रदूषण होता है वहीं भूमि की उर्वरा शक्ति भी कम होती है। उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण से मानव जीवन पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS