नूंह कोर्ट : सास-ससुर व जेठ की हत्या के दोषी भाई बहन को आजीवन कारावास, एक आरोपी बरी

- आरोपियों पर लगाया 10-10 हजार का जुर्माना
- करोड़ों की संपत्ति हड़पने के उद्देश्य से दिया था वारदात को अंजाम
मेवात। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संदीप दुग्गल नूंह की अदालत ने सास- ससुर व जेठ की हत्या के मामले में एक महिला और उसके भाई को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा दी। दोनों पर 10-10 हजार का जुर्माना भी लगाया गया, जबकि तीसरे आरोपी को सबूतों के अभाव के चलते बरी कर दिया गया। वारदात को अंजाम देने का उद्देश्य दोषियों द्वारा करोड़ों रुपए की संपत्ति को हड़पना रहा।
विशेष अभियोजक सुनील परमार ने बताया कि 28 सितंबर 2017 को सोहना नगर में रहने वाली आरोपी महिला गीता ने छतरपुर दिल्ली निवासी अपने भाई समरजीत और परिवारिक नौकर विकास के साथ मिलकर मकान में ही सास- ससुर और जेठ की रस्सी से गला घोट कर हत्या कर दी थी। तीनों के शवों को ठिकाने लगाने की योजना के मुताबिक सास-ससुर के शवों को गांव चंडीगढ़ थाना रामगढ़ राजस्थान के जंगल में एक बिटौड़े में फेंक दिया तो वहीं जेठ के शव को नगीना थाना के अंतर्गत गोहाना- शिकरावा मार्ग पर झाड़ियों में फेंक पेट्रोल डालकर आग लगा दी। सभी के शव मिलने के बाद राजस्थान और हरियाणा पुलिस के संबंधित थानों में दो अलग-अलग मामले दर्ज किए गए।
जानकारी के मुताबिक गीता के पति ने पहले ही पारिवारिक कलेश के चलते आत्महत्या कर ली थी। सास ससुर और जेठ के नाम पर करोड़ों रुपए की संपत्ति थी। जिसे हथियाने के उद्देश्य से अपने भाई और नौकर के साथ मिलकर गीता ने हत्या की योजना बनाई। पुलिस जांच के दौरान दोनों मामलों में आरोपी गीता, उसका भाई समरजीत और नौकर विकास की भूमिका सामने आई। सभी की गिरफ्तारियां की गई। सबूतों को नष्ट करने के उद्देश्य से आरोपियों ने शवों को अलग-अलग जगह पर फेंका था। मामले में आरोपी विकास के खिलाफ कोई मजबूत साक्ष्य नहीं मिला, जबकि गीता और उसके भाई बड़े भाई समरजीत के खिलाफ विभिन्न साक्ष्यों को जुटाकर अदालत में पेश किया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संदीप दुग्गल की अदालत ने गीता और उसके भाई समरजीत को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
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