Nuh : फिरोजपुर झिरका में दोनों समुदाय के लोगों ने खाई भाईचारे की कसम, मिलकर कायम करेंगे शांति स्थापित

Nuh : फिरोजपुर झिरका में दोनों समुदाय के लोगों ने खाई भाईचारे की कसम, मिलकर कायम करेंगे शांति स्थापित
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  • नूंह हिंसा को लेकर फिरोजपुर झिरका में हुई हिन्दू-मुस्लिम समाज के लोगों की सांझा बैठक
  • भाइचारे ने फिरोजपुर झिरका को सांप्रदायिक दंगों से बचाया

Nuh : फिरोजपुर झिरका के नगरपालिका (Municipality) परिसर में अमन कमेटी के तत्वावधान में मेवात क्षेत्र गोशाला समिति के पूर्व प्रधान जगदीश चंद गुप्ता की अध्यक्षता में दोनों समुदायों के मौजिज लोगों की बैठक हुई। बैठक में दोनों समुदाय के लोगों ने भाईचारे की कसम खाते हुए कहा कि इलाके में शांति स्थापित करने के लिए वे मिलकर काम करेंगे। बैठक में पूर्व डिप्टी स्पीकर आजाद मोहम्मद ने कहा कि हमारा क्षेत्र भाईचारे के लिए जाना जाता है। परंतु बीते दिनों नूंह में कुछ ऐसे हालात पैदा हुए, जिससे यहां के भाईचारे में खटास पैदा हो गई। निश्चित ही नूंह की हिंसा दुखदायी और समाज को पीड़ा पहुंचाने वाली है। इस प्रकार की घटनाएं जहां समाज को कलंकित करती हैं।

उन्होंने कहा जिस दिन यह घटना हुई, उस दिन फिरोजपुर झिरका में इसकी लपटें पहुंचने को तैयार थी, परंतु अमन कमेटी और उसके सदस्यों ने यहां मोर्चा संभाला व इलाके को सांप्रदायिक दंगों से बचाया। हम अपने इलाके के भाईचारे को किसी भी सूरत में बिगड़ने नहीं देंगे। इसके लिए चाहे हमें किसी भी हद तक जाना पड़े। मेवात को जलाने वालों पर कोई रियायत नहीं चाहिए, चाहे वो किसी भी समाज से हो। जिला पार्षद उमर पाडला, रिटायर्ड एक्सईएन यूनुस खान और फजरुदीन बेसर ने कहा कि नूंह की घटना ने मेवात के भाईचारे की तस्वीर को धूमिल किया है। इस प्रकार की घटना भविष्य में न हों, इसके लिए हम सभी को मिलकर निर्णायक कदम उठाने होंगे। डीएसपी के समक्ष मुस्लिम समाज के लोगों द्वारा पुलिस कार्रवाई और नाजायज गिरफ्तारियों को लेकर बात रखी। उन्हें बताया कि गांवों में पुलिस कार्रवाई को लेकर भय और डर का माहौल है। ऐसे में पुलिस किसी को नाजायज परेशान न करें। यदि कोई दोषी है तो उसे छोड़ा नहीं जाए। लोगों की बात पर डीएसपी ने आश्वासन दिया कि निर्दोष लोगों को नहीं पकड़ा जाएगा।

डीएसपी सतीश वत्स ने कहा कि मेवात की घटना निंदनीय और दुखदायी है। यह घटना इंटरनेशनल न्यूज बनी जो नहीं बननी चाहिए थी। इस घटना के लिए जो भी जिम्मेदार हैं, उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि दंगों को देखते हुए सभी क्षेत्रों में फोर्स तैनात हैं। यह तमाम टुकड़ियां अपने-अपने क्षेत्रों में शांति और सुरक्षा के लिए फ्लैग मार्च कर रही है। हमारा मकसद इलाके में शांति स्थापित करना है और लोगों को भयमुक्त वातावरण देना है। नूंह हिंसा से जुड़े कुछ तथ्य तथा फुटेज हाथ लगे हैं जिसकी सूची गांव के मौजिज लोगों को सौंप दी जाएगी। दोषियों की पहचान कर उन्हें पुलिस को सौंपा जाए अन्यथा पुलिस अपने स्तर पर कार्रवाई कर दोषियों को पकड़ने का काम करेगी।

किसान यूनियन व सीटू यूनियन से जुड़े प्रतिनिधि मंडल ने किया इलाके का दौरा

31 जुलाई को हुई हिंसा निंदनीय है। असली दोषियों को छोड़ा नहीं जाए, निर्दोषों को छेड़ा न जाए। लोगों के आशियाने और व्यवसायिक संस्थानों को तोड़ने की कार्यवाही तुरंत बंद हो और सामान्य स्थिति बहाल हो। यह मांग किसान-मजदूर संगठन की संयुक्त टीम ने नूंह जिला का दौरा करते हुए कही। किसान सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष इंद्रजीत सिंह, सीटू प्रदेश महासचिव जय भगवान, कोषाध्यक्ष विनोद कुमार सहित अन्य नेताओं ने कहा कि 31 जुलाई को हुई हिंसा को किसी भी प्रकार से जायज नहीं ठहराया जा सकता। लेकिन यह हिंसा भाजपा सरकार की सुनियोजित योजना का हिस्सा लगती है। क्योंकि इस यात्रा से पहले सोशल मीडिया पर जिस प्रकार से उकसावे पूर्ण बयानबाजी चल रही थी, उसे नहीं रोका गया। पहले दिन शहर के गणमान्य नागरिकों ने प्रशासन से मुलाकात कर अपनी चिंता जाहिर की थी। लेकिन उसके बावजूद न यात्रा को रोका गया और न ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए। घटना का बहाना बनाकर पुलिस द्वारा सैकड़ों युवाओं को अंधाधुंध ढंग से युवाओं को गिरफ्तार किया जा रहा है। डर के मारे गांव के गांव खाली पड़े हैं। पूरे मेवात में भय का माहौल बनाया जा रहा है, जिससे स्थिति और बिगड़ने की आशंका है। दमन व उत्पीड़न की उक्त कार्रवाई तुरंत बंद होनी चाहिए। नूंह में किसी प्रकार की अशांति नहीं है।

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